• Home  /  
  • Learn  /  
  • गर्भ से गोद तक का यह सफर, कैसे तय किया इन जुड़वां फरिश्तों ने
गर्भ से गोद तक का यह सफर, कैसे तय किया इन जुड़वां फरिश्तों ने

गर्भ से गोद तक का यह सफर, कैसे तय किया इन जुड़वां फरिश्तों ने

9 May 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles

 गर्भ में हो या गोद में – शिशु के लिए माँ के स्पर्श का महत्व

स्पर्श भावनाएं जताने का जरिया है। इससे वे बातें जो कही नहीं जा सकती, उन्हें दुसरे तक पहुंचाने में आसानी होती है। जैसे जैसे आपका शिशु गर्भ में विकसित होता है उसी प्रकार आपका अपने पेट और नाभि को छूने का मन करता है। आप उसे छू कर सहलाने, मह्सूस करने व प्यार जताने की कोशिश करेंगी। आप अक्सर पेट सहला सकती हैं या फिर कभी कभार पेट पर हाथ फेर सकती हैं। कुछ अन्वेषणों में यह पता चला है की माँ का कोमल स्पर्श शिशु और माँ के लिए लाभदायक होता है।

शिशु के जन्म के बाद त्वचा संपर्क का महत्व

1. शिशु के जन्म के बाद जब उसकी त्वचा माँ को छूती है तब उससे उसे गर्भ के बाहर की दुनिया से परिचित होने में कम समय लगता है।

2. उनके शरीर का तापमान समान्य रहता है।

3. सांस लेने में दिक्कत नहीं होती।

4. ऐसे बच्चे कम रोते हैं और उनमें बाहरी दुनिया को झेलने की ताकत मिलती है।

5. बच्चे आपने माँ के संपर्क में रहने से शांत व सुकून से रहता है।

6. उसे अपने आस-पास के चीज़ें, लोगों, आवाज़ें, चित्रों को पहचानने में मदद मिलेगी।

7. शिशु को भी लगता है की कोई तो है जो उसे समझ सकता है और उसकी रक्षा करेगा।

 

8. ऐसे शिशु जिन्हे जन्म के बाद माँ के करीब रखा जाता है वे माँ का स्तन आसानी से ढूंढ लेते है और स्तनपान करने लगते हैं।

माँ पर शिशु सम्पर्क का असर

1. माँ का शिशु से संपर्क उसे स्वतंत्र व ज़िम्मेदार माँ बनने में मदद करता है।

2. उनमें शिशु के प्रति स्नेह और दया पैदा होती है।

 3. वे अपने शिशु को सुरक्षित रखना चाहती हैं। उन्हें उनके नाज़ुक शरीर को छूने में अति आनंद मिलता है जिससे की वे उन्हें सदा अपनी गोद में रखना चाहती हैं।

4. ऐसी माँएं शिशु को लम्बे समय के लिए स्तनपान कराती हैं।

5. शिशु को छूने से माँ को उसके इशारे और ज़रूरतें समझने में मदद मिलती है।

शिशु के जन्म के बाद एक घंटे तक बिना किसी रुकावट या छेड़छाड़ के शिशु को उसकी माँ के पास रहना चाहिए। इससे उसके माँ-बाप से उसका रिश्ता बनता है।

तो आप भी अपने शिशु को जितना चाहे खिलाइये। और शिशु के अतुलनीय हाव-भाव का अनुभव करें। उन पलों को ज़िन्दगी भर के लिए कैद कर लें।

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.