14 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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हम सभी सिर्फ एक ही चीज चाहते हैं, अपने बच्चों के लिए की वह स्वस्थ व सुरक्षित रूप से विकास करें। पर जब आप यह देखते हैं की आपका बच्चा उस गति से वृद्धि नहीं कर रहा है, जिस गति से उन्हें वृद्धि करनी चाहिए, तब आप परेशान हो जाते हैं। लेकिन हम आपको बता दें की आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
शिशु का वज़न उनके जन्म के चौदह दिन बाद बढ़ता है और तीन से चार महीने में उनका वजन दोगुना और एक साल में तीन गुना तक बढ़ जाता है। क्या आप परेशान हैं की आपके बच्चे का वजन कम है और उनका वजन बढ़ भी नहीं रहा है? क्या आपका बच्चा सक्रिय हैं और वृद्धि के सभी मानदण्डों तक पहुंच रहा है, लेकिन उनका वजन ठीक नहीं है? तो बिल्कुल परेशान ना हों।
यह है कुछ खाद्य पदार्थ जो आपके शिशु के वजन को बढ़ाने में मदद करेंगे।
केला प्रकृति के अद्भुत आविष्कार में से एक है। केला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। एक केले में 100+ कैलौरी और कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, डाइटैरी फाइबर और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। यह खाने में सामान्य और पचाने में आसान होता है। आपको केवल इतना करना है की इसको मसलकर यानी मैश करके अपने शिशु को खिलाएं और यह खाने में भी स्वादिष्ट होता है।
अंडा विटामिन ए और बी-12 का प्रमुख स्रोत है। अंडा शरीर के नर्वस सिस्टम और दिमाग के विकास में सहयोग करता है।आप अपने बच्चों को पहले अंडे की जर्दी दे सकती है और बाद में सफेद भाग भी खिला सकती है। अगर आपके शिशु को अंडे से एलर्जी होती है, तो उन्हें फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं।
आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है और यह विटामिन और मिनरल का भी अच्छा स्रोत है। आलू में कम कैलोरी भी होती है तो आप पूरी तरह आश्वस्त रह सकती है की आपके बच्चे का वजन ज्यादा नहीं बढ़ेगा। वैसे स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट होता है इसलिए आप इसमें चावल भी शामिल कर सकती हैं। इन खाद्य पदार्थों को मसलकर इनका मिश्रण बनाकर शिशु को खिलाएं। यह खाने में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होते है। अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा है तो आप उन्हें आलू पकाकर भी दे सकती है। आपके बच्चे को फ्रेंच फ्राइज और हैश ब्राउन बहुत पसंद आएंगे।
अगर आप मांसाहारी हैं तो शिशु का वजन बढ़ाने के लिए मीट बहुत बढ़िया तरीका है। मीट में एमिनो एसिड, वसा, प्रोटीन, लौह तत्व,जींक और सेलेनियम होता है। लाल मीट में लौह तत्व होता है और यह आपके बच्चे के शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित किया जा सकता है। वजन बढ़ाने के साथ-साथ यह शिशु की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। इस बात का भी ध्यान रखें की बच्चे को घर पर पका हुआ मीट ही खिलाएं।
रागी एक किस्म का बाजार है,जो बहुत ही पौष्टिक और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। यह कई पौष्टिक तत्वों जैसे कैल्शियम, लौह तत्व विटामिन, प्रोटीन और अन्य मिनिरल्स से भरपूर होती है। रागी आसानी से पच भी जाती है इसलिए आप इसे अपने शिशु के आहार में शामिल कर सकती हैं। आप शिशुओं के लिए रागी को दलिया व सेरेल्स के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं। पर जब आपके बच्चे थोड़े बड़े हो जाएं तब आप इडली, रोटी,केक या टूटी के तौर पर उन्हें यह दे सकती है।
यह रंगीन, स्वादिष्ट,मीठे और पौष्टिक होते हैं। यदि आप कुछ फल अपने शिशु को नहीं दे सकती है या आपका बच्चा फल खाना नहीं पसंद करता है,तो आप उन्हें फलों का जूस बनाकर भी दे सकती है। फल कैलौरी और ऊर्जा से भरपूर होते हैं, जो आपके शिशु के शरीर की ताकत को बढ़ाता है और ऊर्जा को बचाता है, जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।
आप इसे शेयर क्यों करें?
0-5 साल के बच्चों में, खासकर भारत में सबसे बच्चों की तबीयत काम वज़न के कारन बिगड़ती है। यह आंकड़ा 62 प्रतिशत तक जाता है। तो आप इस विषय में जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करें -share
हेलो मॉम्स,
हम आपके लिए एक अच्छी खबर ले कर आये हैं।
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