स्तनदूध एक्सप्रेस करने का क्या मतलब है?
स्तनदूध निकालने यानि एक्सप्रेस करने का मतलब शिशु द्वारा स्तन चूसे बिना स्तनों से दूध निकालना है। आप निम्न तरीकों से स्तनदूध निकाल सकती हैं:
हाथ से चलाने वाले (मैनुअल) पंप से
इलैक्ट्रिक पंप;से
जब आपने दूध एक्सप्रेस करके निकाल लिया हो और आपको उसके तुरंत इस्तेमाल की जरुरत न हो तो इसे फ्रिज या फ्रीजर में रखा जा सकता है। आप बाद में इसे शिशु को पिला सकती हैं।
शिशु को निकाला हुआ स्तनदूध कई अलग तरीकों से पिलाया जा सकता है:
कटोरी में
खुले कप में
सिरिंज (बिना सुईं वाली), ड्रॉपर या आधी भरी चम्मच (छोटे शिशुओं के लिए) से
शिशु के डॉक्टर आपको सही विकल्प चुनने में मदद कर सकते हैं और सुरक्षित ढंग से दूध पिलाने के बारे में सलाह दे सकते हैं।;
बहुत से ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से आपको स्तनदूध एक्सप्रेस करना पड़ सकता है। यदि शिशु स्तनपान नहीं कर पा रहा या फिर आप;स्तनपान;करवाने के लिए हर समय उपलब्ध नहीं रह सकती, तो ऐसे में एक्सप्रेस किए दूध से शिशु को;स्तनदूध के सभी फायदे;मिल सकेंगे। स्तनदूध निकालने का फायदा यह भी है कि परिवार के सदस्य या फिर शिशु की देखभाल करने वाले भी उसे वह दूध पिला सकते हैं और आपको आराम मिल सकता है।
स्तनदूध एक्सप्रेस करना निम्न स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है:
आप ज्यादा दूध का उत्पादन करना चाहती हैं, क्योंकि स्तनदूध एक्सप्रेस करने से;दूध की आपूर्ति;बढ़ती है। वास्तव में, यदि आप शुरुआती दिनों में अतिरिक्त स्तनदूध के उत्पादन के लिए दूध एक्सप्रेस करती हैं, तो बाद में ज्यादा दूध का उत्पादन कर पाना आसान हो सकता है।
आपको शिशु से दूर रहना पड़ रहा हो, उदाहरण के तौर पर यदि शिशु समय से पहले जन्मा हो और विशेष देखभाल में हो या फिर आपको नौकरी पर वापिस लौटना हो।
आपके;स्तन अतिपूरित हैं;और उनमें उनमें असहजता हो रही हो। यदि ऐसा हो, तो थोड़ा दूध निकालने से आपको काफी आराम मिलेगा।
आपका;शिशु स्तनों को अच्छी तरह चूस नहीं पा रहा;या फिर शुरुआत में आपके स्तन से दूध नही पी पाता। या शिशु को ऐसी कोई स्वास्थ्य स्थिति या बीमारी है जिससे कुछ समय स्तनपान कर पाना मुश्किल है।
आप सार्वजनिक स्थान पर शिशु को;स्तनपान;करवाना नहीं चाहतीं, मगर उसे स्तनदूध ही पिलाना चाहती हैं।
चाहे आप हाथ से दूध निकालें या पंप से, मगर शुरु करने से पहले हमेशा अपने हाथ धोएं। यह भी सुनिश्चित करें कि जिन उपकरणों का आप इस्तेमाल कर रही हैं, वे भी;कीटाणुमुक्त (स्टेरलाइज);हों।
आपका मूड अच्छा हो तो और भी सही है। आप जितना अधिक चिंतामुक्त और खुश होंगी, स्तनदूध निकालना उतना ही आसान होगा। जब आप खुश और चिंतामुक्त होती हैं तो शरीर में आॅक्सीटोसिन हॉर्मोन जारी होता है और यही दूध को निकालता (लेटडाउन) करता है। कई बार जब शिशु बीमार हो या फिर आप जल्दी में हों या परेशानी में हों, तो मूड अच्छा रख पाना मुश्किल होता है।
शिशु को गोद में रखना या अपने पास बिठाना, उसकी तस्वीर को दखना या फिर उसके कपड़ों को पकड़ कर रखना और उनकी महक महसूस करना, ये सब स्तनदूध एक्सप्रेस करने में मदद कर सकते हैं।
हाथ के जरिये स्तनदूध निकालना
आपको दूध इकट्ठा करने के लिए एक चौड़े मुंह के बर्तन जैसे कि जग, बड़े कप या कटोरे की जरुरत होगी। सुनिश्चित करें कि यह अच्छी तरह साफ और खौलते पानी से धुला हुआ हो या फिर स्टेरलाइज किया हो। आपको स्तनदूध को संग्रहित करने के लिए कुछ स्टेराइल बैग, बोतल और ढक्कन वाले कंटेनर की भी जरुरत होगी।;
हाथ से दूध निकालने;की निपुणता हासिल करने में समय लग सकता है और आपको अभ्यास की जरुरत होगी। नीचे दिए गए सुझाव काम आ सकते हैं:
अपने एक हाथ से स्तन को पकड़ें। दूसरे हाथ की उंगलियों और अंगूठे से अंग्रेजी अक्षर 'सी' का आकार बनाएं। निप्पल को दबाने की बजाय इसके चारों तरफ के क्षेत्र को भींचे।
भींचे और छोड़ दें, जब तक कि आप इसे लयबद्ध तरीके से न करने लगें। शुरुआत में कुछ बूंद दूध निकलेगा और बाद में अधिक स्थिर धारा निकलने लगेगी। यदि ऐसा न हो तो अपने हाथ को स्तन पर घुमाएं और किसी और जगह से कोशिश करें।
जब तक की धार धीमी न होने लगे तब तक दूध निकालती रहें और इसके बाद स्तन के दूसरे हिस्से से प्रयास करें। जब एक स्तन से दूध निकाल चुकी हों, तो दूसरे स्तन से निकालें।
ब्रेस्ट पंप से स्तनदूध निकालना
कुछ महिलाओं को;ब्रेस्ट पंप से दूध निकालना;आसान लगता है। आप मैनुअल यानि हाथ से चलने वाले पंप इस्तेमाल करें या फिर इलैक्ट्रिक, यह निर्णय कइ बातों पर निर्भर करता है। आप किस तरह के पंप के इस्तेमाल से सहज महसूस करती हैं, आपको कितनी बार दूध एक्सप्रेस करना है और आपको कितनी अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन करने की जरुरत है, इस सबके आधार पर चयन करें। कुछ इलैक्ट्रिक पंप एक ही समय पर दोनों स्तनों से दूध निकाल देते हैं।
अधिकांश पंप समान तरीके से काम करते हैं। आपको सक्शन कप और कीप वाले अटेचमेंट को अपने निप्पल और एरियोला क्षेत्र पर लगाना होता है। यह शिशु द्वारा स्तन चूसे जाने कि क्रिया की नकल करता है और दूध के प्रवाह को प्रेरित करता है। यदि आप मैनुअल पंप इस्तेमाल करती हैं तो बार-बार उसके हैंडल को दबाने से पंप की क्रिया काम करती है। यदि आप इलैक्ट्रिक पंप इस्तेमाल करती हैं, तो यह काम मशीन ही करती है।;
स्तनों से दूध एक्स्प्रेस करने में दर्द महसूस नहीं होना चाहिए, मगर यदि आपको दर्द हो या फिर दूध निकालने में मुश्किल हो रही हो तो अपने डॉक्टर से बात करें।
दोनों स्तनों का दूध निकालने में करीबन 15 से 45 मिनट का समय लगता है। हालांकि, आप इस समय के हिसाब से न चलें।; जब तक दूध अच्छी मात्रा में निकल रहा हो, तब तक पंप से दूध निकालती रहें। जब एक स्तन में दूध का प्रवाह कम हो जाए, तो दूसरे स्तन से दूध एक्सप्रेस करें, और एक के बाद एक दोनों स्तनों से दूध निकालना जारी रखें। चाहे थोड़ी मात्रा में ही दूध निकल रहा हो, मगर थोड़े-थोड़े से ही तो ज्यादा होता है।;
यदि आपको कभी-कभार ही दूध एक्सप्रेस करना हो तो हाथों से दूध निकालना या फिर सस्ता मैनुअल पंप आपके लिए सही हो सकता है। यदि आपको घर पर नियमित तौर पर स्तनदूध एक्सप्रेस करना हो, तो इलैक्ट्रिक या बैटरी से चलने वाले पंप आपके लिए ज्यादा बेहतर हो सकते हैं।
यदि आपका शिशु स्तनों से दूध नहीं पी पा रहा हो और इसलिए आपको;अधिक दूध के उत्पादन;की जरुरत हो, तो आप हॉस्पिटल ग्रेड डबल इलैक्ट्रिक पंप भी ले सकती हैं। बहुत से अस्पतालों में ये पंप होते हैं और आप इनको घर पर इस्तेमाल के लिए किराये पर ले सकती हैं।
यदि आप ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल कर रही हैं, तो निम्न सुझावों को आजमाएं:
अपने स्तन को नीचे से सहारा दें। अपनी उंगलियों को अपनी पसलियों पर सपाट ढंग से रखें, आपकी तर्जनी उंगली स्तन और पसलियों के बीच होनी चाहिए।
अपने निप्पल को सक्शन कप की कीप में हल्के से लगाएं। ध्यान दें कि आपका निप्पल कीप के एकदम बीच में हो। यह महत्वपूर्ण है कि पंप अच्छी तरह फिट होता हो। यदि कीप में एरियोला का बहुत ज्यादा हिस्सा खिंचेगा तो निप्पल में दर्द हो सकता है। कीप ज्यादा कसी हुई या टाइट होने पर दूध के प्रवाह में रुकावट आ सकती है। बहुत से पंपों में अलग-अलग माप की कीप आती हैं और आप अपने लिए उपयुक्त माप चुन सकती हैं।
कीप को इतना नजदीक रखें कि आपकी त्वचा के साथ यह सील हो सके। हालांकि स्तन पर कीप से दबाव न डालें।
संयम रखें। दूध का सही प्रवाह आने मे अक्सर एक या दो मिनट का समय लग जाता है।
यदि आप इलैक्ट्रिक पंप का इस्तेमाल करती हैं, तो कई बार आपको सक्शन की तेजी में बदलाव करना पड़ सकता है। हो सके तो शुरुआत कम तेजी से करें और धीरे-धीरे इसकी तेजी बढ़ाएं। यदि आप शुरुआत ही अधिक तेजी से करेंगी तो निप्पल में दर्द हो सकता है या इन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
स्तनदूध को कीटाणुमुक्त कंटेनर जैसे कि दूध पिलाने वाली प्लास्टिक की बोतल में रखें जिसमें ढक्कन की सील अच्छी हो या फिर आप दूध संग्रहित करने के लिए विशेषतौर पर बनी प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल कर सकती हैं। बोतल या बैग को फ्रिज या फ्रीजर में रखने से पहले उस पर तारीख लिखना न भूलें। इस तरह आपके लिए यह जानना आसान होगा कि पहले किसका उपयोग करना है।
आपके दूध को फ्रिज में सुरक्षित रखने के लिए आपको यह जानना जरुरी है कि आपका फ्रिज कितना ठंडा है। यदि आपके फ्रिज में थर्मोमीटर नहीं लगा है, तो आप दवा की दुकान से एक थर्मोमीटर खरीद सकती हैं। साथ ही, यदि आपके इलाके में बिजली कटौती रहती है और बैक-अप का कोई इंतजाम न हो, तो बहुत ज्यादा;स्तनदूध;संग्रहित करके न रखें। तापमान में उतार-चढ़ाव आपके बहुूमूल्य स्तनदूध को खराब कर सकता है।
ताजा निकाले गए स्तनदूध को निम्न अवधि तक संग्रहित किया जा सकता है:
दो सप्ताह तक फ्रीजर में।
छह महीने तक डीप फ्रीजर में, माइनस 18 डिग्री सेल्सियस या इससे कम तापमान में।
यदि आप एक्स्प्रेस किए गए स्तनदूध को पांच दिन से कम समय के लिए रखना चाहती हैं, तो इसे फ्रिज में रखना ठीक है। फ्रिज में रखे ठंडे स्तनदूध को ठंडे बैग या आइस पैक वाले डिब्बे में 24 घंटे तक संग्रहित करके रखा जा सकता है।
;
यदि आप नौकरीपेशा हैं और फिर भी स्तनपान जारी रखना चाहती हैं, तो आपको कुछ और चीजों की जरुरत होगी। ब्रेस्ट पंप और दूध संग्रहित करने के कंटेनर के अलावा आपको पोर्टेबल आइस बॉक्स की जरुरत होगी। इसमें आप एक्सप्रेस किए दूध को रखकर दफ्तर से घर तक ला सकती है।;
ध्यान में रखने वाली बात यह है कि दूध को फ्रीजर में रखने से इसके कुछ रोग प्रतिरोधक (एंटीबॉडीज) नष्ट हो जाते हैं, जिनकी जरुरत आपके शिशु को संक्रमणों से लड़ने के लिए होती है। इसलिए बेहतर है कि जो दूध आप पांच दिन के अंदर इस्तेमाल करने वाली हों, उसे फ्रीज न करें। हालांकि, प्रशीतित या यानि फ्रोजन दूध आपके शिशु के लिए;फॉर्मूला दूध;की तुलना में अधिक स्वास्थ्यकर होता है।
आप नीचे बताए गए किसी भी तरीके से प्रशीतित स्तनदूध को पिघला सकती हैं:
अच्छी तरह बंद बोतल या बैग को हल्के गर्म पानी के नल के नीचे रख दें।
इसे रातभर फ्रिज में डीफ्रॉस्ट कर लें
स्तनदूध को फ्रिज से बाहर निकालकर सामान्य तापमान में पिघलने के लिए न रखें, क्योंकि इससे हानिकारक जीवाणु (बैक्टीरिया) उत्पन्न हो सकते हैं। साथ ही, दूध को जल्दी पिघलाने या गर्म करने का कोई तरीका भी न अपनाएं, फिर चाहे आपके पास समय कम हो। स्तनदूध को माइक्रोवेव में गर्म करने से यह कुछ जगह ज्यादा गर्म हो सकता है, जिससे शिशु का मुंह जल सकता है।
जब दूध पिघल जाता है तो अलग-अलग दिख सकता है, बोतल को हिलाकर इसे मिला लें।; इसे तुरंत इस्तेमाल कर लें और शिशु द्वारा दूध पी लेने के बाद बचे हुए दूध को फेंक दें। यदि दूध में खट्टेपन की गंध आ रही हो, तो इसे इस्तेमाल न करें।;
BabyChakra User
#hindibabychakra #newbornbabycare #breastfeeding