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जुड़वा बच्चे, प्रकृति की निराली देन है। जब भी जुड़वा बच्चे पैदा होते है तो लोगों का कौतूहल का विषय बन जाते है। जुड़वा बच्चों को लेकर कई लोगों के मन में काफी भ्रांतियां भी होती हैं। आइए इन्ही भ्रांतियों बारे में जानते है कि वह कितनी सच और कितनी झूठ हैं और उनके पीछे छुपे कारण को भी जानते है :
1) क्या एक लड़का और एक लड़की आईडेंडटीकल ट्वीन्स हो सकते हैं?
नहीं, एक लड़का और एक लड़की कभी भी आईडेंडटीकल ट्वीन्स नहीं हो सकते है। ट्वीन्स किस तरीके से बनते है उस टर्म को फ्रेटरनल कहते है, आईडेंडटिकल ट्वीन्स एक ही जेगोट से बनते है। वहीं दूसरी तरफ फ्रेर्टनल ट्वीन्स, दो अलग-अलग अंडों से बनते है और दो अलग-अलग स्पर्म से बनते है। इसलिए, फ्रैर्टनल ट्वीन्स या तो दो लड़के हो सकते है या दो लड़कियां हो सकती हैं।
2) क्या जुड़वां का जन्म अलग-अलग होता है?
हां, जुड़वां बच्चों के जन्म में थोड़ा सा फर्क हो सकता है, कुछ बच्चों में कुछ मिनट का कुछ बच्चों में थोड़े घंटों का भी अंतर संभव है।
3) क्या जुड़वाओं में कोई आनुवांशिक और पारिवारिक सम्बंध होता है?
जुड़वां बच्चों में जेनेटिक कनेक्शन हो सकता है अगर उनकी मां को हाईपर - ओव्यूलेशन जीन आनुवांशिकता में मिली हो। जुड़वा बच्चे रेन्डम होते है और परिवारिक लक्षण आदि का कोई मतलब या प्रभाव नहीं होता है।
4) क्या जुड़वां बच्चों की सीक्रेट लैग्वेज होती है?
यह एक मिथक है कि जुड़वा बच्चों की कोई गुप्त भाषा होती है। इस टर्म को क्रिप्टोफेसिया कहा जाता है जिसमें दो लोग आपस में गुप्त तरीके से बात करते है लेकिन जुड़वां बच्चों में ऐसा नहीं होता है, वो छोटे पर एक तरह से रोते और चहकते है तो हमें लगता है कि वो किसी सीक्रेट लैंग्वेज में बात कर रहे है।
5) क्या जुड़वां के एक जैसे फिंगरटिप्स होते है?
कई लोग मानते है कि जुड़वां बच्चों के फिंगरप्रिंट भी एक जैसे होते है। लेकिन यह सच नहीं है। हर व्यक्ति की सरंचना में फर्क होता है, जुड़वां बच्चे मटर की फली में स्थित दानों के समान होते है जो दिखने में एक से लगते है लेकिन उनकी भीतरी संरचना अलग होती है।
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BabyChakra User
Bahut Achi Jankari hai...