27 Apr 2018 | 1 min Read
Medically reviewed by
Author | Articles
हर महीने वो समय आता है जब सब अस्त व्यस्त लगता है पर मासिक धर्म के पहले होने वाले सिंड्रोम को हर तकलीफ के लिए ज़िम्मेदार ठहराना सही नहीं है | आपका मासिक धर्म चक्र आपके स्वस्थ्य के बारे में बहुत कुछ बताता है तो माहवारी के समय ज़रा सी गलती से आपका स्वस्थ्य बिगड़ सकता है | नीचे कुछ आम से गलतियां बताई गयीं हैं जो शायद आप भी करती होंगी और उनके बजाय आपको क्या करना चाहिए |
आप अपने माहवारी चक्र पर नज़र नहीं रख रहीं हैं : माहवारी पर नज़र रखना सिर्फ गर्भवती होने के समय ही नहीं ज़रूरी है बल्कि यह हर समय करना चाहिए | यदि माहवारी में रिसाव अधिक हो रहा हो या ऐठन हो रही हो, यह सब जानने से आप और आपके प्रसूतिशास्री को आपकी माहवारी की असमायिकता पहचानने में आसानी होगी |
पैड्स अथवा टैम्पोन को समय पर न बदलना : इससे पता चलता है कि आप कितनी सफाई रखती हैं | अपने पैड्स को हर 3 या 4 घण्टे में बदलिए और यदि आप टैम्पोन लगाती हैं तो 4 घंटे से अधिक न रखें | यह सावधानी बरतने से बदबू नहीं आएगी और रक्त में उपजने वाले कीटाणु से निजात मिलेगी और आप स्वस्थ रहेंगी |
ठीक से पानी नहीं पीना : माहवारी के समय स्वयं को निर्जल रखने से शरीर में ऐठन और तकलीफ होती है | माहवारी के समय हॉर्मोन्स में उतार चढ़ाव होता रहता है और पेट फूल जाता है |जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की मात्रा घट जाती है तब शरीर में पानी भरता है | इससे आपकी पाचन क्रिया पर भी असर पड़ सकता है, कब्ज़ और गैस जैसी तकलीफ भी हो सकती है और पेट फूल सकता है | दिन में कम से कम 9 -10 ग्लास पानी पिएं | माहवारी में ऐसा करने से शरीर का कचरा बाहर निकल जाता है और सूजन से लड़ने की क्षमता भी आ जाती है |
अपनी माहवारी के रंग पर नज़र न रखना : यह एक बहुत ही आम सी गलती है जोह अधिकार महिलाएं और युवतियां करती हैं | माहवारी के समय रक्त का रंग अवश्य देखें, इससे आपकी सेहत के बारे में काफी पता चलता है |
सुंगंधित चीज़ों का उपयोग : अक्सर देखा गया है कि माहवारी के समय महिलाएं बदबू को दूर करने के लिए सुगन्धित चीज़ों का उपयोग करती हैं | इसका सीधा असर आपके पी एच मात्रा पर पड़ सकता है | माहवारी के समय पी एच की मात्रा घटती बढ़ती रहती है और इससे थोड़ी बदबू आना प्राकृतिक है | सुगन्धित चीज़ों के बजाय योनि को प्राकृतिक तरीके से साफ़ रखने और सुरक्षित रखने पर ध्यान दीजिये | ज्ञात हो कि आपका वो सुगन्धित इत्र रसायनों से भरा हुआ है और आपके संवेदनशील अंगों में जलन पैदा कर सकता है |
आपकी मनोदशा के बदलाव आपके ऊपर हावी हो जाते हैं : माहवारी के समय हॉर्मोन्स में उतार चढ़ाव की वजह से आपकी मनोदशा आपके नियंत्रण से बाहर होती है और आप क्रोधित, चिड़चिड़े इत्यादि होने लगते हैं | इससे ना तो सिर्फ आपको तकलीफ होती है पर आपके आसपास के लोगों को भी होती है | ऐसे काम कीजिये जिसमे आपका मन लगता हो, जैसे कि संगीत सुनिए, थोड़ा दौड़ लीजिये, किताब पढ़ लीजिये या फिर कोई फिल्म देख लीजिये | ऐसा करने से न सिर्फ आपकी मनोदशा ठीक होगी बल्कि शरीर कि ऐठन और तकलीफ में भी कमी होगी |
खुद से दवाई न लें : यदि आप विशेषज्ञ की सलाह न लेकर किसी केमिस्ट से ओवर द काउंटर दवाई लेते हैं तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं | यदि माहवारी के समय आपको अधिक तकलीफ हो रही है तो चिकित्सक से मदद लें, संभवतः कोई छिपी हुई समस्या का पता चल पाए |
भोजन ना करना : पेट फूलने पर हो सकता है आप भोजन ना करें पर यह कहीं से भी स्वस्थ कार्य नहीं है | इससे आपके पेट की मांसपेशियों में दर्द उठ सकता है और फलस्वरूप आप कमज़ोर हो सकते हैं | माहवारी के समय हल्का और पोषण से भरपूर खाना खाइये |
ठीक से आराम न करना : महिलाओं इन तकलीफदेह दिनों में भी अधिक घर्षण करती हैं | यह अक्लमंदी का काम नहीं है खासकर तब जब आप माहवारी के बीच में हों | इससे आपका शरीर शीघ्र ही थक जायेगा और साथ ही साथ आप चिड़चिड़ी और बेचैन हो जाएँगी |
आप सभी को आसान और कष्टमुक्त माहवारी
This article was originally published in The Times of India.
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.