• Home  /  
  • Learn  /  
  • प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग: क्या नॉर्मल है, क्या नहीं
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग: क्या नॉर्मल है, क्या नहीं

प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग: क्या नॉर्मल है, क्या नहीं

12 Jun 2018 | 1 min Read

Medically reviewed by

Author | Articles

प्रेगनेंसी में ब्लीड करना खतरे का संकेत है, हालांकि हर बार ख़ून आने का मतलब गर्भपात नहीं होता, इसके और भी कई कारण होते हैं.

 

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding): ये ब्लीडिंग तब होती है, जब आप सम्भोग के बाद गर्भधारण (Conceive) करती हैं। शुरुआत में कई महिलाएं इसे पीरियड ब्लड समझ कर नज़रअंदाज़ कर देती हैं, लेकिन ये ब्लीडिंग प्रेगनेंसी की पहली निशानी होती है. इसका रंग भूरा, लाल, पिंक भी होता है. इस Confusion की एक वजह इसका पीरियड के समय पर होना है. ये आपके पीरियड्स की डेट के आस-पास ही होती है और लगभग 6 से 12 दिनों तक चलती है.

 

टेस्ट के बाद लगने वाला दाग: पैप-स्मीयर टेस्ट करवाने के बाद या अंदरूनी टेस्ट करवाने के बाद कुछ ब्लड स्पॉट्स लग सकते हैं.

 

प्रेगनेंसी की शुरुआती ब्लीडिंग: गर्भवस्था के 4, 8, 12वें महीने में होने वाली ब्लीडिंग से डरें नहीं। ये उस डेट के अनुसार होती है, जब आपको पीरियड्स होने वाले होते हैं. इस दौरान आपको क्रैम्प्स, कमर में दर्द, भारीपन भी महसूस होगा।

 

प्रेगनेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही में होने वाली ब्लीडिंग खतरनाक होती है और ये किसी दिक्कत का संकेत है, इसलिए इसे हलके में न लें.

 

बच्चे के जन्म से जुड़ी जानकारी के लिए सीमा क़ाज़ी रंगनेकर का सेशन बुक करने के लिए यहाँ  क्लिक करें।

 

#pregnancymustknow #hindi #garbhavastha

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.