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गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस / जी मिचलाने से कैसे पाएं राहत ?

गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस / जी मिचलाने से कैसे पाएं राहत ?

8 Mar 2019 | 1 min Read

Vavita Bhardwaj

Author | 44 Articles

 

मॉर्निंग सिकनेस, जिसे मतली और गर्भावस्था की उल्टी (एनवीपी) भी कहा जाता है, गर्भावस्था का एक लक्षण है जिसमें मतली या उल्टी शामिल है। मतली या उल्टी दिन के दौरान किसी भी समय हो सकती है।आमतौर पर ये लक्षण गर्भावस्था के 4 और 16 वें सप्ताह के बीच होते हैं। लगभग 10% महिलाओं में गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह के बाद भी लक्षण दिखाई देते हैं। स्थिति का एक गंभीर रूप हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के रूप में जाना जाता है और वजन घटाने का एक मुख्य कारण होता है ।

 

जब एक औरत को पता चलता है की वो माँ बनने वाली है , वो समय उसके लिए सबसे अनमोल होता है। गर्भावस्था एक सुखद एहसास है जो एक भावी माँ ,नौ महीने तक महसूस करती है। इस सुखद और अनोखे एहसास के साथ साथ गर्भावस्था कुछ चुनौतियाँ और परेशानियां भी एक गर्भवती महिला के सामने आती हैं। जिसमें से ज़्यादातर महिलाओं को शुरआती कुछ महीने या पूरे नौ महीने तक भी सुबह सुबह जी मिचलाने और स्वास्थ्य के ठीक न होने जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। किसी किसी के लिए ये समस्या पहली और दूसरी तिमाही तक रहती है ,जबकि कुछ के लिए पूरे नौ महीने इस परेशानी से झूझते हुए बीतता है।

 

मॉर्निंग सिकनेस के कारण :

 

गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस का कोई एक कारण  नहीं है, और महिलाओं में इसकी गंभीरता भी अलग होती है। गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों के दौरान हार्मोन के स्तर में वृद्धि सबसे सामान्य कारणों में से है। कम रक्त शर्करा सुबह की बीमारी का एक और आम कारण है।

 

अन्य कारणों में शामिल है:

 

जुड़वाँ या तीन बच्चे होना
अत्यधिक थकान
भावनात्मक तनाव
लगातार यात्रा

गर्भधारण के बीच सुबह होने वाली घबराहट अलग-अलग हो सकती है। जबकि एक गर्भावस्था के दौरान आपको सुबह की गंभीर बीमारी हो सकती है, भविष्य में यह बहुत हल्का हो सकता है।

 

पर जैसा की हम जानते हैं , हर समस्या का कोई न कोई हल ज़रूर होता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए भी नीचे दिए गए कुछ उपायों को आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकतीं हैं :

 

१. भोजन में शामिल करें ये चीज़ें :

 

अदरक:

आप इसे सोडा या चाय में पी सकते हैं, या जब भी आपको उबकाई आ रही हो, अदरक युक्त लॉलीपॉप या टॉफ़ी आज़माएं। इससे आपका जी मिचलाना ठीक होगा और आप अच्छा महसूस करेंगी।
खट्टा कैंडी चूसने की कोशिश करें, पानी में नींबू निचोड़ें, या बस कुछ खट्टा सूँघें। नींबू का छिलका निकालकर , उसे दो भागों में बाँट लें और इसे सूंघे। राहत मिलेगी। पुराने समय में गर्भवती महिला के कच्चा आम और कैरी खाने की आदत के बारें में हम सबने सुना है।

पुदीना:

इस ताज़ा स्वाद वाली किसी चीज़ को खाने या सूँघने से आप कम घबराहट महसूस कर सकतीं हैं।

पीने में शामिल करें :

नींबू पानी , नारियल पानी , मौसमी का जूस आदि पीने से काफी राहत मिल सकती है। अगर सादा पानी पीने का मन नहीं करता , तो इन विकल्पों की सहायता लें।

मिश्रण –

फलों, डॉयफ्रुइट्स और चॉकलेट चिप्स का मिश्रण बनाएं और उसका सेवन करें , राहत मिलेगी । यह साथ ही आपकी भूख को भी शांत करता है।

विटामिन बी 6:

कुछ गर्भवती महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को कम करने के लिए थोड़ा अतिरिक्त विटामिन बी 6 ले सकतीं हैं । साथ ही अपने डॉक्टर से सलाह लेना ना भूलें।

तरल पदार्थ :

यदि आपको बहुत ज़्यादा उल्टियां हो रही हैं , तरल पदार्थ का सेवन दिन में आठ से दस ग्लास होना चाहिए । यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीने में परेशानी महसूस कर रहे हों तो वैकल्पिक रूप से तरबूज का रस ठंडा करके पी सकतीं हैं । नींबू का पानी, शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। । केवल दो भोजन के बीच के अंतराल में तरल पदार्थ पीने की कोशिश करें; यदि आप भोजन के दौरान पीते हैं, तो अपने पेट को भरा हुआ महसूस करने से रोकने के लिए मात्रा को सीमित करें। ।

२. मॉर्निंग सिकनेस के लिए प्राकृतिक उपचार :

 

यदि भोजन के विकल्प मदद नहीं कर रहे हैं, तो गर्भावस्था के दौरान होने वाली घबराहट को कम करने लिए ,इन प्राकृतिक मॉर्निंग सिकनेस उपचारों पर विचार करें :

 

एक्यूप्रेशर या एक्यूपंक्चर :

ये तकनीकें, जो शरीर में कुछ तंत्रिका केंद्रों पर प्रहार करने के लिए कोमल दबाव या छोटी सुइयों का उपयोग करती हैं, मतली के इलाज में बेहद प्रभावी हो सकती हैं। आप समुद्री बैंड, स्ट्रेची कंगन पहन सकते हैं जो आपकी कलाई के केंद्र में एक तंत्रिका पर दबाव डालते हैं, या एक्यूपंक्चर उपचार प्राप्त करने के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह ले सकतें हैं ।

व्यायाम करें:

आप गर्भावस्था में दौड़ भाग या कोई कठिन व्यायाम तो नहीं कर कर सकतीं। मगर हर रोज़ २० मिनट तक टहलना और हल्का व्यायाम करने से आप सुबह होने वाली घबराहट से राहत पा सकतीं है। अपने डॉक्टर विशेष से परामर्श भी लेती रहे क्यूंकि हर गर्भावस्था की अलग परिस्तिथियाँ होती है और अलग अलग व्यायाम की आवश्यकता होती है।

खाने पीने के तरीकों में बदलाव करें :

कभी कभी आप घर के बाकी काम के चलते , अपने खाने के सही समय को भूल जाती हैं। ऐसा ना करें ,सुबह सोकर उठने के थोड़े समय बाद ही कुछ खाएं। पेट खाली ना होने दे। अपने भोजन को धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा करके पूरे दिन में विभाजित करें। भोजन में पौष्टिक वस्तुओं को शामिल करें , ज़्यादा तले भुने भोजन से ये समयस्या बढ़ सकती है।

पुदीना या नींबू खुशबू वाली क्रीम या लोशन लगाएं :

ये सुबह होने वाली घबराहट में काफी मदद कर सकता है , अच्छी खुशबू आपको दिन भर तरोताज़ा रख सकती है।
थोड़े थोड़े समय के अंतराल में गुनगुने या हल्के ठंडे पानी से मुँह धोये , इससे काफी राहत मिलेगी।

 

3 . कुछ अन्य दवाइयों का सेवन कर सकतीं हैं :

 

विशेषज्ञों की राय माने तो सुबह होने वाली घबराहट, गर्भावस्था का एक आम लक्षण है। किसी किसी गर्भवती महिला को ये तकलीफ बहुत ज़्यादा रहती है , जिसके लिए डॉक्टर्स कुछ दवाइयों के सेवन की सलाह दे सकतें है जैसे बार बार उल्टियों के होने से गले में घाव हो सकते हैं और अम्ल की मात्रा बढ़ सकती है। जिसे नियंत्रित रखने के लिए एसिडिटी कम करने की गोलियां दी जा सकतीं हैं। कुछ ज़्यादा गंभीर समस्या होने पर ज़ोफ्रेन या विस्तारिल जैसे दवाइयां विशेषज्ञ द्वारा लिखी जा सकतीं हैं।

ज़्यादा चिंता ना करें , सुबह होने वाली घबराहट से निपटने के लिए ऊपर दिए गए इन आसान तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और माँ बनने के इस अनमोल अहसास को भरपूर जियें।

 

यह भी पढ़ें: कैसे करें गर्भावस्था में होने वाली सुबह की मतली का इलाज ?

 

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