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ब्लोकड(अवरुद्ध) दूध नलीकाये: प्राकृतिक उपचार

ब्लोकड(अवरुद्ध) दूध नलीकाये: प्राकृतिक उपचार

25 Apr 2019 | 1 min Read

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यदि आप स्तनपान कराती है तो कभी कभार दूध नलीकाये बंद हो जाती है .अधिशेष दूध नलिकाओ मे रह जाता है जीससे स्तनो मे सुजन, लालिमा हो जाती है. अधुरा स्तनपान कराने, खराब कपडे पहनने, सामान्य सर्दी,तनाव, नींद कि कमी और दुध की नलिकाओ पर दबाव डालने वाली स्तिथी मे सोने से भी दूध नलीकाये बंद हो सकती है.

 

अवरुद्ध नलीकाओ को जल्द से जल्द ठीक किया जन चाहिये क्युकी इस से मास्टीटीस हो सकता है, जो स्तनो के अंदर एक या दो स्तन ग्रंथी मे वायरल संक्रमण है.जब दूध नलीकाये बंद हो जाती है तो दुध स्तनो के अंदर स्थिर हो जाता है जिस से बेकटीरिया पनप जाते है.

अवरुद्ध दूध नलिकाओ के लक्षण:

 

  • स्तन मे अरेला या निप्पल के पास गांठ का होना
  • गांठ दर्द्नाक है
  • गांठ की आस पास की त्वचा मे लालिमा

 

यह कुछ उपाय दिये गये है जो प्राकृतिक रूप से दूध नलिकाओ को हटाने मे मदद करेंगे :

 

गरम स्नान और मालिश:

एक गरम स्नान स्तनो से दबाव को दूर करणे मे मदद करता है. आपको अपने हाथो से स्तनो को मजबुती से पकडना है.मालिश के बाद अपनी तर्जनी और अन्गुठे की मदद से अरोला को धीरे धीरे दबाये और बचा हुआ दुध निकालने की कोशिश करे. यह दर्द और बंद नलीयो से राहत पाने का सबसे आसान तरीका है.

 

 

बच्चे की देखभाल करने वाली मां अपनी नर्सिंग तकनीक बदले:

 

आप अपनी नर्सिंग स्तिथी को बदल सकते है.बच्चे को बिस्तर पर रखे अपने हाथो और घुटनो को उपर करे और धीरे से अपनी कोह्नी से आप अपने आपको सहारा देना छोड दे .अपने बच्चे को इस स्तिथी मे स्तनपान कराये .इस तकनीक से दर्द कम होगा .

स्तनो मे स्थिर दुध से बचने के लिये समय समय पर स्तनपान कराना चाहिये.एक जैसी दिनचर्या से बच्चो का नियम भी बना रहता है और नलीकाये नियमित रूप से खाली भी हो जाती है.

 

आलू के स्लाईस :

 

आलू का रस सुजे हुई त्वचा पर लगाने से ये त्वचा को नर्म करता है और दुध नलिका पर दबाव को कम करता है. आलू को पतले स्लाईस मे काटे और इसे प्रभावित स्तन पर चारो ओर लगाये ,इसके उपर एक साफ कपडा रखे और फिर अपनी नर्सिंग ब्रा पहने इस से आलू कि स्लाइस जगह पर बनी रहती है .इसे एक घंटे के लिये ऐसे हे छोड दे और हर घंटे मे स्लाइस को बदले. फिर आप स्तन को धो सकते है.

 

लेवेंडर चाय :

दो कप गरम पानी मे 3 -4 लेवेडर टी बैग रख दे. पन्द्र्ह मिनिट के लिये रखे फिर इस मिश्रण मे एक छोटा तौलीया भिगोये और इसे अपने स्तनो पर लगाये. आप इस प्रक्रिया को दोहरा सकते है .

 

लेहसुन लोंग :

 

लेहसुन का सेवन स्तनो का उपचार करता है और मास्टीटीस के खतरे को दूर करता है. क्युकी यह एक  एन्टीबायोटीक से भरपूर होता है. दर्द कम होने तक हर दो घंटे मे एक कच्चा लेहसुन खाये. अगर आपको लेहसुन का स्वाद पसंद नही है तो आप इसमे शेहेद और गरम पानी मिला दिजीये.

 

चेतावनी: ये सभी प्राकृतिक उपचार 24-48 घंटे की अवधी मे नलिकाओ को खोलने मे मदद करेगी.यदि सुधार नही होता है तो आप डॉक्टर से उचित सालाह ले.

 

यह भी पढ़ें: अगर बेबी के लिए दूध न बन रहा हो, तो मदद लीजिये इन 4 नेचुरल चीज़ों की

 

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