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नवजात शिशु के साथ कैसे करें मज़ेदार बातें

नवजात शिशु के साथ कैसे करें मज़ेदार बातें

7 May 2019 | 1 min Read

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Author | Articles

आप अपने नन्हे-से नवजात शिशु की प्यारी-सी मुस्कान या उसकी कोई हलचल देखने के लिए इंतज़ार करते हैं। …और वाकई इंतज़ार होता है उसकी मासूम-सी मुस्कान का! और हर दिन हर सप्ताह बच्चों में नए-नए बदलाव देखने को मिलते हैं। हर महीने बच्चा थोड़ा और और बड़ा होता जाता है। बच्चे के बड़े होने के ये पल बड़े ही यादगार होते हैं। महीने-दर-महीने बच्चे को बड़े होते देखना अपने आप में बड़ा ही अद्भुत और रोमांचक होता है। आपके लिए ये पल ज़िंदगी के खूबसूरत एहसास हैं। आप अपने बच्चे के साथ इन पलों को मस्ती भरे और रोमांचक बना सकते हैं। नए माता-पिता अक्सर अपने बच्चे की मज़ेदार हरकतों में खो जाते हैं।
बच्चे के शुरुआती महीने बहुत खास होते हैं। इस समय आप दोनों अपने शिशु के साथ एक प्यार भरे रिश्ते में बंधने लगते हैं। आप बच्चे के साथ जो भी काम करते हैं, जैसे आप शिशु से बातें करते हैं, उसके साथ खेलते हैं, उतना ही आप उसके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ते जाते हैं। और ये सब मिलकर सामाजिक कौशल विकास ,तार्किक विकास और भावनात्मक विकास का एक लंबा रस्ता तय करता है। जितना ज्यादा आप शिशु से जुडे रहेंगे उतना ही अधिक वह खुद को अभिव्यक्त करना सीखेगा और अपने को महत्वपूर्ण समझेगा।

आप अपने नवजात शिशु के साथ कुछ खास और मज़ेदार चीजें कर सकते हैं। ये कुछ ऐसी छोटी-छोटी बातें हैं जो आपको और बच्चे को बड़ी-बड़ी खुशियां दे सकती हैं। … तो अपने बच्चे के साथ ताउम्र के लिए प्यार भरा रिश्ता कायम करने के लिए तैयार हो जाइए-

कुछ पल प्रकृति के संग:

पार्क सिर्फ बड़े बच्चों के लिए  ही नहीं होता है। गार्डन का प्राकृतिक वातावरण आपके शिशु को भी आनंद देगा। प्रकृति के रंग और ताज़ा हवा बच्चे के लिए एक बढ़िया बदलाव रहेगा। शिशु के समुचित विकास के लिए कुछ समय पार्क में जरूर बिताएं। आपके शिशु पर इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पडेगा। दुनिया भर के हेल्थकेअर इस बारे में एकमत हैं।

बच्चे को संगीत सुनाएं:

हम सब जानते हैं कि कैसे संगीत किसी तनावपूर्ण माहौल में एक सुखद अनुभव देता है। मधुर संगीत से शिशु को न केवल सुकून मिलता है बल्कि संगीत बच्चों की मानसिक क्षमता को भी बढ़ा सकता है। अलग-अलग संगीत पर अपने शिशु की प्रतिक्रिया देख सकते हैं। उसकी प्रतिक्रिया के आधार पर आप उसकी पसंद के आधार पर एक प्लेलिस्ट बना सकते हैं। आप चाहें तो शिशु की मज़ेदार हरकतें, जैसे- शिशु के ‘आं… आं…’ की आवाज़ करने, हाथ-पैर हिलाने, मसाज करते समय, नहलाते समय उसके साथ-साथ गा सकते हैं। इस तरह गीत-संगीत आपके और शिशु के बीच मज़बूत संबंध बनाने में मदद करेगा।

 

फोटोबुक में यादगार लम्हों को संजों कर रखें:

आपका बच्चा जो भी हरकत पहली बार करे, उसे क्लिक करना ना भूलें। आपके और बच्चे के बीच के मज़ेदार और मस्ती भरे पल दुबारा लौटकर आने वाले नहीं इसलिये इन प्यारे पलों और खूबसूरत लम्हों को सहेज कर रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन लम्हों को क्लिक करते जाएं और उनका फोटो अलबम बना लें। आप पिनटरेट्स पर अपने खूबसूरत विचारों को रेकॉर्ड करके सहेज सकते हैं। खास मौकों पर बच्चे को खुश करने के लिए कोई फ़नी-सी ड्रेसअप करें, हेलोविन फेस्टीवल पर डरावनी वेशभूषा में बच्चे के रिएक्शन को क्लिक कर लें। अलग-अलग त्योहारों पर सज-धज कर बच्चे के साथ फैमिली फोटो खींचें, घर में किसी मेहमान के आने पर बच्चे के साथ उसकी फोटो खींचे। यानी आप अपने बच्चे के पहले साल के हर यादगार मौके की फोटो खींच कर उन्हें संजों कर रख सकते हैं। जब आपका बच्चा थोड़ा समझदार होगा तो इन तस्वीरों को देखकर खूब खुश होगा और आप भी उसके साथ प्यारी यादों में खो जाएंगे।

उन्हें कहानियां सुनाएं-पढ़ाएं:

आपके बच्चे में भाषा कौशल को विकसित करने के लिये आप उन्हे मनोरंजक कहानी पढ़कर सुनाएं, मज़ेदार कहानियों को नाटक की तरह अभिनय करके दिखाएं। ये सब कोशिशें बच्चे के दिमागी कौशल के विकास में बहुत मदद करेंगीं। बच्चे के उम्र के हिसाब से आप उन्हें अलग-अलग तरह की कहानी सुनाएं और उनकी प्रतिक्रिया को समझें। चिकित्सक पढ़ने के समय का टाइम टेबल सेट करें।

लुका-छुपी का खेल खेलें:

आप इसे पीकाबू या लुका-छुपी कह सकते हैं। लुका-छुपी का खेल दुनिया भर की लगभग सभी संस्कृतियों में देखने को मिल जाता है। यह एक बहुत पुराना खेल है जो बच्चों को हमेशा खुश करने में कामयाब होता है। पहले आप बच्चे के साथ इसे खेलें फिर बच्चे को इसे आपके साथ खेलने में मज़ा आएगा। आपने इसे अपने बचपन में भी किया होगा। या किसी दूसरे के बच्चे के साथ भी। आप किसी चीज या कपड़े से अपना चेहरा ढंके और बच्चे को पुकारें। धीरे-धीरे बच्चा आपकी आवाज़ और छुपने के तरीके को भी पहचान जाएगा। फिर अगली बार उसे भी ऐसा करने के लिए कहें। इसमें आप दोनों को भी खूब मज़ा आएगा। यह मज़ेदार खेल बच्चे में सतर्कता बढाएगा, साथ ही आप दोनों के बीच भावनात्मक बंधन भी बनेगा। ऐसा करते हुए आप इसकी वीडियो भी बनवा सकते हैं।

उन्हें समन्वय में संलग्न करें:

खिलौने और रंगीन गतिविधियां न केवल शिशु के लिए मज़ेदार होंगी बल्कि उनमें समन्वय कौशल विकसित करने में भी मदद करेगी। शिशु के बिस्तर या पालने में खिलौने, स्टफ्ड टॉय आदि रखें। और हो सके तो उसके लिए खेलने का एक कमरा भी रखें। तो बच्चा अपने खिलौनों की तलाश में जल्द ही उस कमरे में पोहुंचेगा। इस तरह बच्चा अपने दम पर खेलना सीखेगा।

हर गतिविधि आपके बच्चे के लिए एकदम अलग है:

यह आपके और आपके बच्चे के बीच नए-नए प्यार का बहुत ही भावनात्मक समय है। लेकिन चीजों में जल्दबाजी करने या एक ही बार में सबकुछ करने की कोशिश न करें। इसे आराम से करें और अपने शिशु के साथ हर गतिविधि करने में मज़ा लें। आप अपने बच्चे की हरकतों और उसके क्रियाकलापों पर आश्चर्याचकित होंगे। आपका शिशु हमेशा नई-नई प्रतिक्रियाएं करता रहेगा। 

 

यह भी पढ़ें: ऐसा क्यों होता है: नवजात शिशुओं को होने वाले पीलिया के लक्षण और उपचार

 

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