• Home  /  
  • Learn  /  
  • प्रेगनेंसी और परिवार की सलाह किस हद तक सही है
प्रेगनेंसी और परिवार की सलाह किस हद तक सही है

प्रेगनेंसी और परिवार की सलाह किस हद तक सही है

27 Sep 2021 | 1 min Read

Medically reviewed by

Author | Articles

एक बेटी, बहू और फिर पत्नी से मां बनना जिंदगी के इस पड़ाव पर कुछ ना कुछ अनुभवों होते है। खासतौर से एक मां बनने के बाद काफी हद तक सब कुछ बदल जाता है। आज की कहानी उन्हीं अनुभवों से प्रेरित है।

नेहा अपनी मैरिड लाइफ में काफी खुश थी। लेकिन ज्वाइंट फैमिली की वजह से नेहा के ऊपर काम की जिम्मेदारी कुछ ज्यादा ही थी। खैर नेहा को तो बचपन से यही सिखाया गया था कि बेटा अब ससुराल ही तुम्हारा घर है। नेहा उन सीधी-सादी लड़कियों में से थी, जिनको पढ़ाई से ज्यादा शादी के सपने दिखाए जाते है। जैसे तैसे नेहा ने बीए पास किया और उसकी शादी कर दी गई। नेहा घर के काम रिश्तेदारों को कैसे खुश करना है। इन सब में बिजी थी, शादी के दो साल कब बीत गए नेहा को पता ही नहीं चला।

कुछ दिनों से नेहा की तबियत ठीक सी नहीं थी। नेहा के पीरियड भी मिस हो गए, नेहा के मन एक डर सा भी था। कि कहीं मैं प्रेग्नेंट तो नहीं। नेहा ने यह बात अपने पति सुमित को बताई। नेहा ने फौरन प्रेगनेंसी टेस्ट किया और उसका डर सही था। नेहा प्रेगनेंट थी, उसके घरवाले बेहद खुश सबसे ज्यादा नेहा की सास खुश थी। कि अरे अब तो पोता आएगा, मुझे यकीन है पोता ही होगा।

“नेहा ने अपनी सास की इस बात को जवाब देते हुए कहा मम्मी जी अगर पोती हुई तो क्या आप खुश नहीं होगी। नेहा की सास ने कहा अरे ऐसा नहीं है बहू पोती हुई तब भी खुश होगी।”

खैर नेहा ने डॉक्टर से चेकअप करवाया, नेहा अपनी गर्भावस्था की पहली तिमाही में थी। इसलिए डॉक्टर ने उसे भरपूर डाइट, स्ट्रेस फ्री रहने की सलाह दी।

सुमित ने भी नेहा का इस बात पर पूरा साथ दिया। नेहा का पांचवा महीना चल रहा था, और उसी बीच नेहा के कजिन देवर की शादी थी। घर में रिश्तेदारों का आना जाना भी शुरू हो गया। नेहा घर के कामों में लगी रहती उसको आराम करने की फुरसत ही नहीं थी।

नेहा की कजिन ननद भी घर आ गयी, और यही से शुरुआत हुई रिश्तेदारों की सलाह और दखलअंदाजी की।

कभी कोई सलाह देता नेहा काम ज्यादा करो तो नॉर्मल डिलीवरी होगी। नेहा केसर लिया करो दूध के साथ बच्चा गोरा होगा। पोछा लगाया करो तो डिलीवरी में दिक्कत नहीं होगी। ऐसी ना जाने कितनी सलाह रोजाना नेहा को मिलती।

कभी नेहा का कुछ तीखा खाने का मन होता तो उसकी सास टोक देती। अरे बहू ज्यादा तीखा मत खाओ एसिडिटी हो जाएगी। नेहा की लिए रिश्तेदारों और परिवार की दखल अंदाजी कुछ हद तक तो ठीक थी।

लेकिन यह सब बातें नेहा को मेंटली स्ट्रेस दे रही थी। खैर नेहा के कजिन की शादी आ गई। प्रेगनेंसी में क्रेविंग होना सामान्य होता है। शादी में नेहा को मीठे की क्रेविंग बहुत ज्यादा हो रही थी। नेहा ज्यादा से ज्यादा मीठा खा रही थी। इतने में नेहा के रिश्ते की ननद ने बोला नेहा रखो यह मीठा तुम्हें शुगर हो जाएगी।

उस दिन नेहा को बहुत ज्यादा बुरा लगा और नेहा ने मन में ठान लिया। कि वह अब ऐसी दखलंदाजी नहीं होने देगे। इतनी सलाहें मुझे अब स्ट्रेस दे रही है, शादी से वापस आने के बाद नेहा ने अपनी फैमिली से बात की।

आप सबने जो सलाह दी है उसके लिए बहुत धन्यवाद। लेकिन इतनी दखलअंदाजी मुझे मानसिक तौर से परेशान कर रही है। इसलिए मुझे वही करना है जो मुझे अच्छा लगता है। क्योंकि बात मेरी और मेरे बच्चे की हेल्थ की है।

घर के लोगों की सलाह खराब नहीं होती है बात चाहे मायके की हो या ससुराल की। लेकिन जब इस तरह से बातें ज्यादा होने लगती है तो कहीं ना कहीं यह तनाव बन जाती है। प्रेगनेंसी में तनाव लेना सही नहीं है।

नेहा जैसी समस्या किसी के साथ भी हो सकती है। इसलिए आप वही करे जो आपको अच्छा लगता है।

 

#garbhavastha #pregnancymustknow

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.