11 Nov 2021 | 1 min Read
Medically reviewed by
Author | Articles
महिला जब गर्भवती होती है तो उसे गर्भावस्था के दौरान नौ महीने तक मासिक स्राव नहीं होता है। प्रसव के बाद महिला के शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसी वजह से अक्सर गर्भावस्था के बाद पीरियड आने के बारे महिला आशंका से भरी होती है, वो अक्सर सोचती हैं कि डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है? बेबीचक्रा के इस लेख में जानते हैं कि गर्भावस्था के बाद पीरियड कैसे आते हैं और देर से क्यों आते हैं। साथ ही हम ऐसे घरेलू उपाय भी लाए हैं जिनको अपनाकर आप पीरियड समय पर ला सकते हैं।
यदि आप स्तनपान नहीं करा रही हैं, तो पीरियड आमतौर पर जन्म देने के लगभग छह से आठ सप्ताह बाद वापस आ जाता है। यदि आप स्तनपान कराती हैं, तो मासिक धर्म वापस आने का सब महिलाओं का समय अलग-अलग हो सकता है। जो महिलाएं अपने शिशु को केवल स्तनपान कराती हैं, हो सकता है कि उन्हें तब तक पीरियड न आए जब तक वो स्तनपान करा रहीं हों। लेकिन कुछ महिलाओं को पीरियड कुछ महीनों के बाद वापस आ सकता है चाहे भले ही वो स्तनपान करा रहीं हों या नहीं।
अभी आपने जाना कि डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है, अब सवाल ये उठता है कि डिलीवरी के तुरंत बाद होने वाला रक्तस्राव पीरियड होता है या नहीं? इसका जवाब है नहीं, डिलीवरी के बाद होने वाले ब्लड डिसचार्ज को लोचिया (Lochia) कहते हैं। इसमें मासिक धर्म स्राव जैसी गंध होती है और यह 15 से 30 दिन तक चलता रहता है। प्रसव के बाद पहले 3 दिनों के लिए लोचिया (Lochia) का रंग गहरा लाल होता है।
आमतौर पर, जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उनके शरीर के हार्मोन के कारण उनके पीरियड्स जल्दी नहीं आते हैं। प्रोलैक्टिन, स्तन के दूध का उत्पादन करने के लिए आवश्यक हार्मोन है। यह हार्मोन प्रजनन हार्मोन को दबा देता है। नतीजतन, आपकी ओवरीज अंडे का उत्सर्जन नहीं करती हैं यानि ओव्ल्युशन बाधित हो जाता है। इस प्रक्रिया के बिना, आपको मासिक धर्म नहीं आता है। डिलीवरी के बाद पीरियड्स इसीलिए लेट आते हैं।
अगर डिलीवरी के बाद आपको पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो हो सकता है इसका कारण आपका वजन हो। वजन बढ़ना यानी कि पीरियड का समय पर नहीं आना। अगर वजन बहुत तेजी से बढ़ता है तो भी पीरियड में भी देरी होती है। इसलिए सबसे पहले अपने वजन पर कंट्रोल करे। इसके अलावा डिलीवरी के बाद पीरियड लाने के उपाय हम नीचे बता रहे हैं –
1. हल्दी का सेवन
एक गिलास पानी में एक चम्मच हल्दी उबालें और दिन में दो बार इसका सेवन करने से आपके पीरियड्स शुरू हो जाएंगे। हल्दी सूजन से लड़ने में कारगर होती है और हार्मोन्स को बैलेंस रखने में मदद करती है।
2. खजूर
खजूर शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए जाना जाता है। डिलीवरी के बाद पीरियड्स लाने के लिए प्रचुर मात्रा में खजूर खाएं। इससे ऊर्जा भी मिलती है।
3. कद्दू और कद्दू के बीज
कद्दू में मौजूद कैरोटीन पीरियड्स को प्रेरित करने में एक बेहतरीन तत्व माना जाता है। अपने भोजन में आपको कद्दू की सब्जी और स्नैक्स में कद्दू के बीज अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ शामिल कर सकती हैं।
4. सैल्मन मछली
सैल्मन में आपके हार्मोन को सुधारने और उन्हें स्थिर रखने के गुण होते हैं, इसलिए इसके सेवन से मासिक धर्म की समस्या से छुटकारा दे सकता है। अन्य प्रकार की मछली और मछली का तेल भी आपके पीरियड्स में उपयोगी होते हैं।
5. बादाम का सेवन
ये स्वस्थ और पौष्टिक नट्स फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं जो आपके हार्मोन को संतुलित करने और नियमित पीरियड्स लाने में मदद करते हैं डिलीवरी के बाद।
6. अजवाइन का पानी
डिलीवरी के बाद पीरियड लाने के उपाय में अजवाइन का पानी भी शामिल है। यह पानी वजन घटाने में भी बहुत सहायक होता है। एक चम्मच अजवाइन को रात भर भिगो दे, और फिर सुबह गर्म पानी में उबालने दे। अब इस पानी को छान ले, अजवाइन के पानी को रोजाना सुबह खाली पेट अवश्य पिएं। इससे मासिक चक्र तो ठीक होगा, साथ ही पेट की चर्बी भी कम होगी।
7. अदरक का सेवन
अदरक के सेवन से भी डिलीवरी के बाद पीरियड समय पर आते है। इसके लिए आप अदरक के एक टुकड़े को पानी में भीगने के लिए रख दे। फिर 2 मिनट तक अदरक को पानी के साथ ही उबाले। इसको 1 कप रोजाना सुबह और रात में सोने से पहले पिए। अदरक और गुड़ की चाय भी मासिक चक्र को नियमित करने में फायदेमंद है।
8. पपीता
प्रेगनेंसी में पपीता नहीं खाना चाहिए, लेकिन प्रसव के बाद पपीता बेहद फायदेमंद होता है। पीरियड के समय पर लाने के लिए कच्चे पपीते का सेवन रोजाना किया जा सकता है।
9. सौंफ का पानी
सौंफ का पानी भी डिलीवरी के बाद पीरियड के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-इनफ्लैमेट्री गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।
10. गाजर का जूस
गाजर का जूस भी मासिक चक्र को नियमित करता है। गाजर में मौजूद तत्व हार्मोन को बैलेंस करने के लिए बहुत लाभदायक माने जाते है। फाइबर से भरपूर गाजर पेट को ठीक रखने में भी मदद करती है।
11. अनानास
अनानास में ब्रोमेलेन नाम का एंजाइम पाया जाता है। जो पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। अनानास को आप आसानी से अपने स्नैक्स टाइम में शामिल कर सकते हैं, साथ ही आप दिन में इसका जूस भी सकते हैं।
12. धनिये के बीज
धनिया के बीज अनियमित मासिक धर्म के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचार माना जाता है क्योंकि इसमें इमेनैगॉग (Emmenagogues) गुण होते हैं। Emmenagogues उस गुण को कहते हैं जो पेल्विक एरिया और गर्भाशय में रक्त प्रवाह को उत्तेजित कर सकते हैं। 2 कप पानी में हरा धनिया उबालें और पानी एक कप होने तक प्रतीक्षा करें। अपने मासिक धर्म से पहले कुछ दिनों पहले दिन में तीन बार ये काढ़ा छान कर पीएं।
13. तिल के बीज (सीसमे सीड)
तिल के बीज का सेवन भी पीरियड्स को प्रेरित करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन तिल के बीजों को केवल कम मात्रा में ही खाना चाहिए क्योंकि वे आपके शरीर में बहुत अधिक गर्मी पैदा कर सकते हैं।
14. सम्भोग
संभोग गर्भाशय को सिकोड़ने और खोलने में मदद करता है, जबकि योनि की मांसपेशियाँ आराम देता है और दूसरा संभोग के दौरान महिला के शरीर द्वारा जारी हार्मोन पीरियड्स को प्रेरित करने में मदद करते है।
15. हॉट कम्प्रेस
पेट की सेंकाई से भी मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह दर्द को आराम देता है और जल्दी पीरियड्स लाने में मदद कर सकता है। अपने पेट पर दिन में 2-3 बार एक बार में लगभग 10-15 मिनट के लिए गर्म पानी का पैक या बोतल रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
नार्मल डिलीवरी के बाद पीरियड आने का कोई एक समय निश्चित नहीं है, प्रत्येक महिला का शरीर अलग होता है और उसकी के अनुसार पीरियड आते हैं। अधिकतर मामलों में 2 से 3 माह में पीरियड्स लौट आते हैं।
पोषक पदार्थ खाने और गर्म पानी के सेवन से पीरियड्स जल्दी आ जाते हैं, अन्य लाभकारी पदार्थों की लिस्ट हमने ऊपर दी हुई है।
हाँ प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स शुरू होने पर शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं जिनका असर ब्रेस्ट मिल्क पर भी पड़ता है। अगर पीरियड्स के दौरान कम दूध बनता है और शिशु कम दूध पी रहा है तो समझे कि यह हार्मोनल बदलाव के कारण हो रहा है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रोलैक्टीन हार्मोन जो ब्रेस्ट मिल्क बनाता है वो प्रजनन हार्मोन्स की उत्पत्ति में बाधा बनता है जिससे माहवारी रुक जाती है।
अगर डिलीवरी के बाद पीरियड्स के दौरान आपको अत्यधिक दर्द हो या खून के अत्यधिक थक्के निकलें तो आपको कुछ परेशानी जरूर है, इसकी जांच किसी पारखी डॉक्टर से कराना सही रहेगा।
इस लेख में आपने जाना कि प्रसव के बाद समय पर पीरियड्स लाने के लिए घरेलू उपाय क्या हो सकते हैं।
डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है यह आपके मूड पर भी निर्भर करता है। अगर आप बहुत ज्यादा तनाव लेती है, चिंता करती है तो इसका असर आपके पीरियड पर पड़ता है। अगर आपके पीरियड प्रसव के बाद देर से आ रहे हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।
बेबीचक्रा ओव्युलेशन कैलकुलेटर की मदद से अपने सबसे फर्टाइल दिनों की जाँच करें।
Related Articles
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.