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डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क न आने व कम होने के 5 कारण

डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क न आने व कम होने के 5 कारण

16 Feb 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

प्रसव के बाद महिला के शरीर में नवजात के लिए खुद-ब-खुद ब्रेस्ट मिल्क बनाने लगता है। कुछ महिलाओं के स्तन में सही मात्रा में दूध उतरता है, तो कुछ में कम मात्रा में। कई महिलाएं तो ऐसी भी होती हैं, जिन्हें डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क आता ही नहीं है। इस परेशानी को दूर करने के लिए डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क ना आने व कम आने का कारण समझना जरूरी है। यहां विस्तार से ब्रेस्ट मिल्क कम आने व न आने से संबंधित अन्य जानकारियां और ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय बताए गए हैं।

ब्रेस्ट मिल्क कब और कैसे आता है ?

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक, डिलीवरी के दो से तीन दिन के बाद महिलाओं के स्तन में दूध उतरने लगता है। सबसे पहले गर्भावस्था के शुरुआती सप्ताह में मां के स्तन में कोलोस्ट्रम यानी एक गाढ़ा और पीला तरल स्रावित होता है। 7 से 14 दिनों तक मां कोलोस्ट्रम और परिपक्व (मेच्योर) दूध का कॉम्बिनेशन आता है। दो सप्ताह के बाद परिपक्व यानी मेच्योर दूध महिला के स्तन में बनने लगता है। इसके पीछे की वजह प्रोलैक्टिन (Prolactin) और ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हार्मोन को माना जाता है। यह हार्मोन प्रसूता के शरीर में दूध का उत्पादन करता है।

डिलीवरी के बाद ब्रेस्टमिल्क न आने व कम आने के कारण

Breast milk after Pregnancy

डिलीवरी के बाद ब्रेस्टमिल्क न आने व कम आने के कई कारण होते हैं। इनके बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

1. हार्मोनल असंतुलन – थायरॉयड ग्लैंड (तितली के आकार की ग्रंथि) शरीर में हार्मोन संतुलन बनाए रखने का काम करती है। जब इस थायरॉयड ग्लैंड में किसी तरह की परेशानी होने लगती है, तो दूध का उत्पादन कम हो सकता है या बिल्कुल नहीं होता। दरअसल, प्रोलैक्टिन (Prolactin) और ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हार्मोन से शरीर में दूध उत्पादन होता है। ऐसे में अगर शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाए, तो ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा प्रभावित हो सकती है।

2. स्ट्रेस – महिला को अगर अधिक स्ट्रेस हो, तो भी ब्रेस्ट मिल्क उत्पादन प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, तनावपूर्ण प्रसव भी ब्रेस्ट मिल्क कम होने का कारण बन सकता है।

3. गर्भनिरोधक दवाइयां – डिलीवरी के बाद ली जाने वाली गर्भनिरोधक दवाइयां भी ब्रेस्ट मिल्क पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। नतीजन स्तन में दूध का आना कम या एकदम बंद हो सकता है।

4. लाइफस्टाइल – खराब जीवन शैली भी ब्रेस्ट मिल्क कम होने व न होने का कारण बन सकता है। धूम्रपान, शराब, ज्यादा कैफीन/कॉफी व चॉकलेट लेना, सही आहार न लेना आदि की वजह से मां का दूध कम हो सकता है।

5. प्रसव के लिए ली जाने वाली दवाएं – डिलीवरी की तारीख नजदीक आते-आते कई बार डॉक्टर प्रसव प्रेरित करने के लिए कुछ दवाएं देते हैं। इन्हें लेने से भी ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। लेकिन कुछ समय बाद जब दवाओं का असर कम हो जाता है, तो ब्रेस्ट मिल्क सही मात्रा में उतरने लगता है।

इनके अलावा, स्तन में दूध उतरने में होने वाली देरी के भी कई कारण हैं। इनकी वजह से स्तन में दूध की आपूर्ति होने या उसकी मात्रा को बढ़ने में अधिक समय लग सकता है। ये कारण कुछ इस प्रकार हैं :

  • समय से पहले गर्भस्थ शिशु का जन्म
  • सिजेरियन डिलीवरी होना
  • चिकित्सकीय स्थितियां जैसे कि मधुमेह और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
  • मोटापा
  • कोई संक्रमण या बीमारी हो, जिसमें बुखार भी शामिल है
  • गर्भावस्था में लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करना
  • थायराइड की बीमारी
  • प्रसव के समय या बाद में रक्तस्राव हुआ हो
  • शिशु को जन्म देने के कुछ घंटों बाद अगर स्तनपान नहीं कराया हो।

डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय

Breast milk after Pregnancy

प्रसव के बाद ब्रेस्ट में मिल्क कम उतर रहा है या एकदम नहीं उतर रहा है, तो कुछ आसान उपायों को अपनाया जा सकता है। इन उपायों को अपनाने से ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मेडिसिन लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। ये आसान ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले उपाय कुछ इस प्रकार हैं।

  • बच्चे की त्वचा से स्तन का स्पर्श बढ़ाना
  • ब्रेस्ट को दबाकर दूध निकालना
  • स्तनों की मालिश करना
  • संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना
  • तनाव कम लेना
  • शराब, सिगरेट, निकोटिन, आदि से परहेज
  • ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ाने वाले खाद्य जैसे ओटमिल, जौ, शतावरी आदि को डाइट में जगह देना
  • पालक और गाय के दूध का सेवन
  • भले ही दूध न आए या कम आए, लेकिन फिर भी स्तनपान कराने की प्रक्रिया को जारी रखना
  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन न करना

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मेडिसिन का इस्तेमाल कर सकते हैं?

जी हां, डॉक्टर की सलाह पर डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मेडिसिन का इस्तेमाल किया जा सकता है। ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए ली जाने वाली मेडिसिन प्रसूता के स्वास्थ्य और ब्रेस्ट मिल्क कम आने के कारणों पर निर्भर करती है। ऐसे में बिना डॉक्टरी सलाह के ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मेडिसिन का उपयोग नहीं करना चाहिए।

क्या मां का दूध बढ़ाने का उपाय करने से कुछ जोखिम भी होते हैं?

जी नहीं, मां का दूध बढ़ाने का घरेलू उपाय करने से कुछ जोखिम नहीं होते हैं। हां, अगर किसी को कुछ खाद्य सामग्रियों से एलर्जी है, तो वो मां का दूध बढ़ाने का उपाय करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उस सामग्री की जगह किसी अन्य सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ठीक इसी तरह से अगर किसी गंभीर समस्या से गुजर रहे हैं, तो उस खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से पूछ लें। ऐसा करने से मां का दूध बढ़ाने का उपाय किसी तरह का नकारात्मक असर नहीं दिखाएगा और ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को घटने से रोकने में मदद करेगा। बस ध्यान दें कि मां का दूध बढ़ाने का उपाय करते समय खट्टे फल, ब्रोकली, कॉफी के सेवन से बचना चाहिए और खराब जीवनशैली को सुधारना जरूरी है।

आज के समय में डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट में मिल्क न उतरने व कम दूध उतरना आम परेशानी बन चुकी है। इसके पीछे के कारणों को समझकर ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इनमें सबसे बड़ी वजह हार्मोनल बदलाव, जीवनशैली और दवाइयों को माना जाता है। ऐसे में गर्भवतियां थोड़ी सतर्कता बरतकर इस परेशानी से बच सकती हैं। अगर कोई महिला ब्रेस्ट मिल्क कम होने की परेशानी से जूझ रही है, तो वो लेख में बताए गए ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपायों की मदद ले सकती हैं।

#momhealth

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