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Diaper Rash Cream for New born: कौन-से 5 इंग्रेडिएंट्स बच्चे के डायपर रैश क्रीम में होने चाहिए?

Diaper Rash Cream for New born: कौन-से 5 इंग्रेडिएंट्स बच्चे के डायपर रैश क्रीम में होने चाहिए?

8 Oct 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

बच्चा हो, और डायपर रैश की परेशानी न हो, यह तो हो ही नहीं सकता। ज्यादातर बच्चे डायपर रैश की परेशानी से जुझते रहते हैं। न्यू मॉम अपने बच्चे को इस परेशानी से बाहर निकालने के लिए तरह-तरह के डायपर रैश क्रीम का इस्तेमाल बिना लेबल पढ़े कर लेती हैं। इसलिए न्यूमॉम के लिए दो चीजें जानना जरूरी है, एक है डायपर रैश क्रीम में कौन-कौन से इंग्रेडिएंट्स होने चाहिए, इस बारे में सही जानकारी होनी चाहिए और मॉम को बेबी प्रोडक्ट्स खरीदने के समय हमेशा सामग्रियों को लेकर सजग रहना चाहिए।

आपके जानकारी के लिए बता दें कि बेबीचक्रा ने #LablePadhoMom अभियान की शुरूआत की है। ऐसा करने से न्यूमॉम जब भी बेबी प्रोडक्ट्स खरिदेंगी तब सबसे पहले वह इंग्रेडिएंट्स पर नजर डालेंगी। इससे बेबी स्किन को नुकसान होने से बचाया जा सकेगा। 

चलिए बात करते हैं कि आखिर डायपर रैश है क्या? क्यों बच्चों को डायपर रैश की समस्या होती है? और इन सब में जरूरी बात यह है कि डायपर रैश क्रीम में कौन-से इंग्रेडिएंट्स होने चाहिए।

डायपर रैश क्या होता है? । What is Diaper Rash? 

डायपर रैश स्किन का वह कंडिशन है, जो बेबी के स्किन को लाल, पपड़ीदार, सूजन वाला और संवेदनशील बना देता है। वैसे ज्यादातर मामलों में डायपर पहनाने के तरीकों में बदलाव लाने पर यह धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।

डायपर रैश क्यों होता है? । Causes of Diaper Rash

साधारणत: डायपर रैश के कारण जलन, संक्रमण या एलर्जी होता है। 

जलन: अगर डायपर बहुत लंबे समय से पहनाया गया है या उसमें मल हो जाने के बाद वह त्वचा के साथ रगड़ रहा है तो रैश होने की समस्या होती है।

संक्रमण या इंफेक्शन: असल में मूत्र (पेशाब) त्वचा के पीएच स्तर को बदल देता है, और इससे बैक्टीरिया और फंगी पनपने लगते हैं। जो पदार्थ डायपर को लीक होने से रोकते हैं, वे हवा के संचलन को भी रोकते हैं। इससे डायपर के भीतर त्वचा में एक गर्म, नम वातावरण बनता हैं, जहां बैक्टीरिया और फंगी पनप सकते हैं, जिससे डायपर रैश हो सकते हैं।

एलर्जी: जिन बच्चों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है, उनकी त्वचा में डायपर रैश होने की संभावना भी ज्यादा होती है। 

डायपर रैश जो कुछ दिनों से अधिक समय तक रहता है, यहां तक ​​​​कि डायपरिंग रूटीन में बदलाव के साथ, कैंडिडा अल्बिकन्स (Candida albicans) नामक यीस्ट  के कारण हो सकता है। यह दाने आमतौर पर लाल ,थोड़े उभरे हुए और दाने के मुख्य भाग पर छोटे लाल बिंदु होते हैं। यह अक्सर त्वचा की गहरी सिलवटों में शुरू होता है और बच्चे के आगे और पीछे की त्वचा तक फैल सकता है। बच्चे या स्तनपान कराने वाली माँ को दिए गए एंटीबायोटिक्स इसका कारण बन सकते हैं, क्योंकि वे “अच्छे” बैक्टीरिया को मार देते हैं, जो कैंडिडा को बढ़ने से रोकते हैं।

चिकित्सकों का मानना है कि डायपर को सही समय इलाज करने के लिए ब्रेस्ट मिल्क, डायपर रैश क्रीम, आदि का इस्तेमाल करने से परिस्थिति को संभाला जा सकता है। लेकिन डायपर रैश क्रीम खरीदने से पहले उसमें इस्तेमाल किए गए इंग्रेडिएंट्स की सही जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। चलिए जानते हैं कि डायपर रैश क्रीम में कौन-सी चीजें होनी चाहिए। 

डायपर रैश क्रीम में इस्तेमाल होने वाले इंग्रेडिएंट्स/ चित्र स्रोत: फ्रीपिक

डायपर रैश क्रीम में इस्तेमाल होने वाले इंग्रेडिएंट्स।  Ingredients must have in Diaper Rash Cream 

डायपर रैश क्रीम ऐसा होना चाहिए, जो डर्मेटोलॉजिकल टेस्टेड, नॉन-नैनो टेक्नोलॉजी और सर्टिफाइड ऑर्गेनिक इंग्रेडिएंट्स से बने हो। आपके जानकारी के लिए बता दें कि बेबीचक्रा का डायपर रैश क्रीम सारे टेस्ट में खरा उतरता है।

नॉन-नैनो जिंक ऑक्साइड: नॉन-नैनो जिंक ऑक्साइड एक प्राकृतिक त्वचा रक्षक है। यह डायपर रैशेज के कारण होने वाली लालिमा, जलन और सूजन से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है। यह बच्चे की कोमल, नाजुक और संवेदनशील त्वचा पर एक सुरक्षात्मक नमी का आवरण बनाता है। इसलिए डायपर रैश क्रीम में इस सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है।

ऑर्गेनिक नीम ऑयल: सदियों से नीम एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। नीम का तेल इसके फलों और बीजों से बनाया जाता है। नीम का तेल स्किन रैशेज और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन के उपचार में सहायक होता है। इन्हीं गुणों के कारण ऑर्गेनिक नीम ऑयल का इस्तेमाल डायपर रैश क्रीम में उपयोग किया जाता है।

ऑर्गेनिक मोरिंगा ऑयल: मोरिंगा में वेजिटेबल ऑयल और उच्च मात्रा में पौष्टिकता का गुण होता है। यह एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल्स का  पावरहाउस होता है। यह अपने एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी, एंटी-फंगल और एंटी इंफ्लामेटोरी गुणों के कारण एक्जिमा वाले स्किन और डायपर रैशेज में प्रभावकारी रूप से काम करता है। इसीलिए तो डायपर रैश क्रीम के इंग्रेडिएंट्स में ऑर्गेनिक मोरिंगा ऑयल का उपयोग किया जाता है।

कैलेंडुला ऑयल: कैलेंडुला तेल गेंदे के फूलों से बनाया जाता है। यह एंटीवायरल, एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटोरी गुणों से भरपूर होता है। इस तेल का इस्तेमाल ऑइंटमेंट और क्रीम में किया जाता है। डायपर रैश क्रीम में इस तेल का इस्तेमाल उपचार के लिए किया जाता है।

ऑर्गेनिक शीया बटर: शिया बटर फैट होता है, जो पश्चिमी और मध्य अफ्रीका के करिते पेड़ (Karit tree) के नट से बनता है। यह विटामिन ई से भरपूर होने के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाला होता है। यह त्वचा की सूजन को कम करने में मदद करता है।

यह मुख्य रूप से सैचुरेटेड फैटी एसिड जैसे पामिटिक, स्टीयरिक, ओलिक और लिनोलिक एसिड से बना होता है, जो त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बनाकर डायपर रैशेज के जलन और सूजन को कम करने में मदद करता है। इसीलिए डायपर रैश क्रीम में ऑर्गेनिक शीया बटर का इस्तेमाल किया जाता है।

अब तक के आलोचना से आप समझ ही गए होंगे कि डायपर रैश क्रीम में किन इंग्रेडिएंट्स का होना अनिवार्य होता है और क्यों। इसलिए माँ को अनुरोध है कि डायपर रैश क्रीम खरीदने से पहले #LablePadhoMom।

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