9 Mar 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे का भविष्य अच्छा हो। इसके लिए वो हर मुमकिन कोशिश भी करते हैं। मगर वो कई बार अनजाने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं। इससे बच्चे का करियर उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता, जहां वो चाहते हैं। इसलिए हम बच्चे के करियर को पंख देने और बच्चे की करियर प्लेनिंग में मदद करने वाले 7 कारगर टिप्स लेकर आए हैं।
चाइल्ड करियर प्लान में माता-पिता की अहम भूमिका होती है। कभी उन्हें अपने फैसले लेने देना, कभी उन्हें उनकी गलतियों के लिए समझाना, तो कभी कुछ अच्छे उदाहरण देना, ये सब माता-पिता का काम होता है। ऐसे ही कुल 7 तरीकों के बारे में हम लेख में आगे बता रहे हैं।
1. करियर के चयन का प्रेशर न डालें
माता-पिता बच्चे के करियर प्लानिंग में सबसे बड़ी मदद उनपर दबाव न डालकर कर सकते हैं। कई बार बच्चे अपने पसंद के विषय का चयन करने के बजाए दबाव में माता-पिता के पसंद के सब्जेक्ट लेते हैं। इसका सीधा-सीधा असर उनके करियर पर पड़ सकता है। इससे बच्चे के परीक्षा में फेल होने या कम नंबर से पास होने की आशंका भी रहती है। ऐसा ही कई बच्चे करियर चयन भी दबाव में आकर करते हैं। इससे उनका पूरा भविष्य ही एक तरह से बिगड़ जाता है।
2. जानें बच्चे की किस काम में रूचि है
बच्चे का करियर बनाने के लिए उनकी रूचि को महत्व देना जरूरी होता है। अगर किसी बच्चे को आर्ट्स के प्रति लगाव है, तो उसे उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। कुछ पेरेंट्स आर्ट्स विषय लेने वाले बच्चों को कमजोर समझते हैं और उन्हें मैथ्स-साइंस लेने के लिए कहते हैं।
इससे उन्हें न अपनी रूचि को आगे बढ़ाने का मौका मिलता है और न ही वो दूसरे विषय में अच्छा कर पाते हैं। ऐसे में बच्चे की रूचि को समझकर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। साथ ही नए स्किल्स सीखने के लिए भी कहें।
3. दूसरे बच्चों से तुलना करने से बचें
अक्सर माता-पिता अपने बच्चे को किसी दूसरे होशियार बच्चे से कम्पेयर करते रहते हैं और ताने भी मारते हैं। अगर आप बच्चे की करियर प्लानिंग में मदद करना चाह रहे हैं, तो इससे बचें। ऐसा करने से बच्चे डिमोटिवेट होने लगते हैं और उन्हें तनाव हो सकता है।
कई बार वो खुद को सामने वाले बच्चे जैसा काबिल साबित करने के लिए अपनी पसंद का गला घोंटकर उसी करियर या पढ़ाई के विषय को चुन लेते हैं, जिसे उसने चुना हो। ऐसा करने से उनकी इच्छाएं मर जाती हैं, उनके जीवन का लक्ष्य पीछे छूट जाता है और वो हर कदम में सामने वाले बच्चे से खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश में लग जाते हैं।
4. बताएं किस करियर की भविष्य में संभावनाएं अधिक हैं
बच्चे कई बार अपना करियर आसपास के लोगों की बातों में आकर चुनने लगते हैं। कभी वो नए करियर का स्कोप नहीं समझ पाते, तो कभी उन्हें कुछ अलग चुनना रिस्क लगता है। इसी वजह से बच्चे 10वीं से ही अपना गोल डॉक्टरी, इंजीनियरिंग या आईटी को बना लेते हैं। लेकिन इनके अलावा भी कई सारी संभावनाएं होती हैं, जिनपर वो गौर नहीं करते हैं या फिर उन्हें उसकी जानकारी नहीं होती। ऐसे में माता-पिता को बच्चे का करियर बनाने के लिए उसे हर फील्ड और उसमें करियर कितना सुरक्षित होगा, इसकी जानकारी देनी चाहिए।
5. बच्चे को कैरियर काउंसलर के पास ले जाएं
बच्चे की करियर प्लानिंग के लिए एक्सपर्ट की भी मदद ले सकते हैं। कई बार पेरेंट्स और बच्चे दोनों ही यह समझ नहीं पाते हैं कि बच्चे के भविष्य के लिए कौन-सा सब्जेक्ट अच्छा होगा। कभी दो सब्जेक्ट्स को लेकर दुविधा रहती है। ऐसी स्थिति में करियर काउंसलर की मदद ले सकते हैं। करियर काउंसलर बच्चे के करियर बिल्डिंग को ध्यान में रखते हुए उसे सही स्कूल और विषय के बारे में सटीक सुझाव दे सकते हैं।
6. वेतन और उसमें बढ़ोत्तरी पर भी गौर करना है जरूरी
बच्चे की करियर प्लानिंग में मदद करते समय माता-पिता को उस करियर से जुड़े पैकेज, आगे चलकर होने वाली वेतन वृद्धि और पदोन्नती से जुड़ी जानकारी भी हासिल करनी चाहिए। बच्चे को बताएं कि किसी करियर प्लानिंग से उनकी लाइफ आगे चलकर और बेहतर बन सकती है।
7. ऐसा कोर्स ना चुनें जो बोझ लगे
करियर प्लानिंग फॉर किड्स आसान नहीं है, इसलिए जल्दबाजी में बच्चे के लिए कोई ऐसा कोर्स न चुनें, जो आगे चलकर बोझ लगने लगे। यह बात माता-पिता और बच्चे दोनों पर लागू होती है। माता-पिता को अगर कोई कोर्स अपनी जेब पर भारी लगेगा, तो वह उनके लिए बोझ बन सकता है। साथ ही अगर बच्चे को कोर्स पढ़ने में कठिन लगेगा, तो वह उसके लिए बोझ बन सकता है। इसलिए करियर प्लानिंग करते समय सभी पहलुओं पर गौर करें।
बच्चे का करियर बनाने के लिए उसे सही से और सही उम्र में गाइड करना जरूरी है। इससे वो अपना करियर सूझबूझ के साथ चुन सकते हैं। इन सबके साथ ही माता-पिता को बच्चे के करियर को लेकर सब्र रखना चाहिए। कई बार पेरेंट्स बेसब्र हो जाते हैं और बच्चे पर अनावश्यक दबाव बनाने लगते हैं। इसका सीधा असर बच्चे और उनके करियर चुनाव पर पड़ सकता है। बस तो सब्र के साथ सही निर्णय लें और बच्चे को ऊंची उड़ान उड़ने में मदद करें।
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