25 Mar 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
बच्चे मन के बहुत सच्चे होते हैं। उन्हें अपने करीबी सदस्यों से लेकर, आस-पास मौजूद हर चीजों से भी बेहद लगाव होता है। यही वजह है कि वे अक्सर प्रकृति यानी नेचर से जुड़ी चीजों के बीच रहना व खेलना-कूदना भी पसंद करते हैं। बता दें कि प्रकृति के करीब रहने वाले बच्चे न सिर्फ शांत स्वभाव के हो सकते हैं, बल्कि बच्चे को प्रकृति के करीब लाने के तरीके उन्हें नरम दिल और हर किसी की मदद करने का पाठ भी सिखा सकती है। यहां हम बच्चों की एक्टिविटीज के बारे में बता रहे हैं, तो उन्हें प्रकृति के साथ जोड़ने में भी मदद करेंगे।
बच्चे को प्रकृति के करीब लाने के तरीके निम्नलिखित हैं, जैसेः
अपने बच्चे को स्मार्टफोन की दुनिया से बाहर निकालें। उसे घर के बाहर, पार्क, बाग-बगीचों या छत पर लगे गमलों व फुलवारी के साथ बिताने की आदत सिखाएं। इस आदत की वजह से बच्चा खुद ही आसानी से प्रकृति के करीब होने का लगाव महसूस करने लगेगा। उसे प्रकृति के साथ खुले माहौल व ताजी हवा में रहना पसंद आ सकता है।
अपने बच्चे के साथ सुबह-शाम घर के बाहर किसी पार्क में वॉक पर जाएं। कुछ दिनों के बाद बच्चे में अपने आप ही वॉक पर जाने की आदत शुरू हो सकती है। साथ ही, जब भी बच्चे को वॉक पर ले जाएं, तो साथ में चिड़ियों के चुगने के लिए दाना व अन्य जानवरों के लिए रोटी भी ले जाएं। इस तरह बच्चे में एक अच्छी आदत भी विकसित हो सकती है और वह इसी बहाने वॉक पर जाकर खुद को प्रकृति के करीब भी ला सकता है।
आज के समय में प्रकृति के करीब जाने के लिए बड़े-बड़े बाग-बगीचे मौजूद नहीं हैं। इसलिए, बच्चे को शांत व हवादार वाले पार्क में ले जाएं। ऐसी जगह पर बच्चा आसानी से खुद को प्रकृति के साथ कनेक्ट कर सकता है और खुद के मन को शांत करने के लिए वह वहां पर बार-बार जाना शुरू भी कर सकता है।
फूल इतने आकर्षक होते हैं कि वह पहली ही बार में किसी का भी मन मोह सकते हैं। इन्ही फूलों के जरिए बच्चे को प्रकृति के करीब ला सकते हैं। बच्चे को नए-नए फूलों की पहचान करना और उनके बारे में जानने की जिज्ञासा को उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे में बच्चा अक्सर अपने मन की जिज्ञासा को पूरा करने के लिए खुद ही तरह-तरह के फूलों की पहचान करना शुरू कर सकता है। इससे वह खुद को अधिक से अधिक समय प्रकृति के बीच रख सकता है।
खुशबुएं न सिर्फ फूलों से आती हैं, बल्कि फलों, सब्जियों, पेड़-पौधों व पत्तियों से भी आती हैं। वहीं, आज कल रूम फ्रेशनर्स, सेंट, इत्र आदि के लिए तरह-तरह की खुशबुओं का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में पेरेंट्स बच्चे को हर तरह की खुशबू को पहचाने की आदत सिखा सकते हैं। इस तरह बच्चा न सिर्फ कई तरह के खुशबुओं के बारे में जान सकता है, बल्कि इनकी सही गुणवत्ता को भी आसानी से परख सकता है।
आर्ट एंड क्राफ्ट हर किसी को बहुत पसंद आता है। बच्चों की एक्टिविटीज में इसे भी शामिल कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए बच्चे को पेंट या अन्य खिलौने बनाने के लिए उन्हें फूल और पत्तियों से आर्ट एंड क्राफ्ट बनाने के लिए कह सकते हैं। इससे बच्चा फूल-पत्तियों से विभिन्न तरह के आर्ट एंड क्राफ्ट बनाना सीख सकता है और वह प्रकृति के करीब भी आ सकता है।
बच्चों के प्रकृति के साथ जोड़ने के उपाय में बीजों को भी शामिल किया जा सकता है। इसके लिए घर के गमलों व पार्क में बच्चे को बीज लगाना सिखाएं और उन्हें उसकी देखभाल करना सिखाएं। कुछ समय बाद जब उन बीजों से पौधा तैयार होगा, तो इससे बच्चे के मन में उत्साह भी बढ़ेगा और उसका आत्मविश्वास भी। इस तरह बच्चा खुद ही नए-नए बीजों से नए-नए पौधे उगाना सीख सकता है।
बच्चे को प्रकृति के करीब लाने के तरीके में टिमटिमाते तारों को भी शामिल कर सकते हैं। शहरी बच्चे अक्सर घरों की चार दीवारी में ही अपना समय व्यतीत करते हैं। ऐसे में जब भी मौसम साफ हो, तो बच्चे के साथ छत पर या बालकनी में बैठकर तारों के बारे में बातें कर सकते हैं। उन्हें हर दिन तारे गिनने के लिए कह सकते हैं। साथ ही उन्हें यह नोटिस करने के लिए भी कहें कि किस दिन कौन-सा तारा सबसे अधिक चमकता है।
बच्चे को प्रकृति के करीब लाने के तरीके कई हैं। हालांकि, इसमें पहला योगदान पेरेंट्स की तरफ से होना जरूरी माना जा सकता है। दरअसल, बच्चों को हर पहला पाठ उन्हें उनके पेरेंट्स के जरिए ही मिलता है। इसके अलावा, वह अपना सबसे ज्यादा समय पेरेंट्स के साथ ही व्यतीत करते हैं। ऐसे में बच्चों की एक्टिविटीज व इस लेख में बताए गए बच्चों के प्रकृति के साथ जोड़ने के उपाय अपनाकर पेरेंट्स अपने बच्चे को प्रकृति के करीब ला सकते हैं।
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