11 Nov 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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रूसी या डैंड्रफ शब्द से कोई अनजान नहीं है। यह एक ऐसा कंडिशन होता है जो बड़ों से लेकर बच्चा सबको हो सकता है। बच्चों के बालों में डैंड्रफ होने पर क्रैडल कैप या बालों का झड़ जाने की समस्या आम होती है। जाहिर है बच्चों के बालों में डैंड्रफ होने के कारण जब बाल झड़ने लगते हैं तो माँ का दिल बेचैन हो उठता है। वह समझ नहीं पाती कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। पर आपकी टेंशन को समझकर आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि बच्चों के बालों में डैंड्रफ या रूसी होने पर किन घरेलू उपायों और सावधानियों को बरतना चाहिए।
डैंड्रफ या रूसी स्कैल्प का वह कंडिशन होता है, जो फ्लेकी स्किन और खुजलीदार स्कैल्प का कारण होता है। डैंड्रफ का एक आधिकारिक वैज्ञानिक नाम, जिसे पिट्रियासिस कैपिटिस या सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस कहा जाता है। डैंड्रफ सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस का हल्का रूप होता है। सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस होने का सटिक कारण तो अज्ञात है लेकिन इन चीजों के कॉम्बिनेशन है-
-तेल ग्रंथियों और बालों के रोम में बहुत अधिक त्वचा का तेल (सीबम) निकलना
– एक प्रकार का खमीर जो त्वचा पर पाया जाता है जिसे मालासेजिया कहा जाता है।
इसके अलावा ठंड, स्ट्रेस, शुष्क सर्दियों का मौसम, और कुछ विशेष हेयर प्रोडक्ट्स रूसी की समस्या को और भी बदतर बना देते हैं। हाँ, इसके अलावा रूसी के लक्षण कुछ इस तरह से हैं-
-बालों और कंधों पर डेड स्किन के सफेद गुच्छे
-स्कैल्प पर लाल, पपड़ीदार त्वचा
-स्कैल्प में खुजली होना
आपके जानकारी के लिए बता दें कि वयस्को में रूसी सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस का एक रूप होता है, जो शिशुओं में “क्रैडल कैप” होता है। आमतौर पर, क्रैडल कैप 0 से 3 महीने के शिशुओं में होता है और 1 साल की उम्र में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन क्रैडल कैप या डैंड्रफ को किस तरह से घरेलू उपायों से उपचार किया जा सकता है, इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं-
कम नहलाना- जब बच्चे में “बेबी डैंड्रफ” के लक्षण दिखाए दे, जो वास्तव में क्रैडल कैप होते हैं, तो इस कंडिशन में बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह होती है कि माता-पिता अपने बच्चों को कम नहलाएं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं कम हों। ज्यादा बच्चों में बालों में शैंपू या बेबी वाश का इस्तेमाल करने से उनके स्कैल्प पर जमा हो सकते हैं। हर दिन बच्चों को स्नान कराने के बजाय, हर दूसरे दिन बच्चों को शैंपू करके नहलाने से डैंड्रप में कमी आती है।
शोध से पता चलता है कि ज्यादा शैंपू करने से डैंड्रफ करने से डैंड्रफ में बढ़ोत्तरी होती है। इसलिए कम नहलाएं और जब भी नहलाएं बेबीचक्रा के नेचुरल स्ट्रेथनिंग बेबी शैंपू बाथ का ही इस्तेमाल करें। क्योंकि इसमें करी, रोजमेरी और सैंडलवुड ऑयल होने के साथ बीटरूट बेस्ड कंडिशनर भी होता है। यह रूसी को कम करने के साथ स्कैल्प के स्किन को सॉफ्ट और मॉइश्चराइज भी करता है।
एक्सफोलिएशन- अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) की सलाह है कि बच्चों में क्रैडल कैप या “डैंड्रफ” होना बहुत आम है। इसके लिए नरम ब्रिसल वाले ब्रश से स्कैल्प में धीरे-धीरे ब्रश करने से स्कैल्प के एक्सेस स्किन को नहलाने के समय निकाला जा सकता है। सबसे पहले, माइल्ड बेबी शैम्पू लगाएं और इससे स्कैल्प में मालिश करें, फिर नरम ब्रिसल वाले ब्रश से एक्सफोलिएट करें।
मिनरल ऑयल– AAP की सलाह है कि अगर एक्सफोलिएशन से भी स्कैल्प से एक्सेस स्किन नहीं निकल रहा है तो स्कैल्प पर स्ट्रेथनिंग बेबी ऑयल कुछ बूंदों को लगाएं और बच्चे के बालों को ब्रश करने और शैम्पू करने से पहले कुछ मिनट के लिए बैठने देना मददगार हो सकता है।
अत्यधिक शुष्क स्कैल्प रूसी में योगदान कर सकती है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे का सिर बेबी ऑयल से अच्छी तरह से हाइड्रेटेड हो। यहां तक कि नेचुरल बेबी लोशन भी रूसी को दूर रखने में मदद कर सकता है।
डैंड्रफ शैंपू- AAP की सलाह है कि बाल रोग विशेषज्ञ डैंड्रफ को दूर करने के लिए कभी-कभी बेबी शैंपू का भी इस्तेमाल करना बेहतर होता है।
टी ट्री ऑयल– एक अध्ययन में पाया गया कि 5 प्रतिशत टी ट्री ऑयल युक्त शैम्पू रूसी के प्रभावी उपचार में मदद करता है।
अब तक के चर्चा से आप समझ ही गए होंगे कि किस अवस्था में और कैसे शैंपू, तेल और लोशन का इस्तेमाल करके बच्चे के बालों में डैंड्रफ से राहत पाया जा सकता है।
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