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स्लैप्ड चीक सिंड्रोम (Slapped Cheek Syndrome)के कारण, लक्षण और बचने के उपाय

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम (Slapped Cheek Syndrome)के कारण, लक्षण और बचने के उपाय

1 Nov 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

आम तौर स्लैप्ड चीक सिंड्रोम बच्चों में ज्यादा होता है। स्लैप्ड चीक सिंड्रोम (Slapped cheek syndrome) को पांचवी बीमारी भी कहा जाता है। बच्चों को यह बीमारी होने पर लगभग 3 सप्ताह में यह खुद ब खुद ठीक होने लगता है। वैसे तो वयस्कों में यह बीमारी बहुत कम होती है, और अगर हो गई तो यह गंभीर रूप धारण कर सकती है।

अब आप सोच रहे होंगे कि स्लैप्ड चीक सिंड्रोम को पांचवी बीमारी क्यों कहा जाता है। पांचवा रोग बच्चों का रोग होता है, जो गालों पर चमकीले लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है। दानों के कारण इसे “स्लैप्ड चीक सिंड्रोम” उपनाम मिला है। पांचवां रोग पैरोवायरस बी19 (Parvovirus B19) नामक वायरस के कारण होता है। यह वायरस बहुत संक्रामक होता है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से यह फैल सकता है।

पांचवीं बीमारी को इसका नाम इसलिए मिला क्योंकि यह बच्चों को प्रभावित करने वाली पांचवीं वायरल रैश बीमारी थी। दूसरे वायरल रैश बीमारियों में जो शामिल हैं, वह हैं-

  • खसरा।
  • रूबेला (जर्मन खसरा)।
  •  चिकेन पॉक्स (छोटी माता)।
  • रोजोला।

ज्यादातर मामलों में, पांचवीं बीमारी की अवस्था गंभीर नहीं होती है, यह थोड़े उपचार के बाद कम हो जाती है।

किसको स्लैप्ड चीक सिंड्रोम होने का खतरा होता है। Who might get Slapped cheek syndrome?

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम किसी को भी हो सकता है, लेकिन स्कूली बच्चों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। एक बार बचपन में जब इस वायरस के संपर्क में आ जाते हैं, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इससे लड़ने के लिए सुरक्षा का निर्माण करती है। कहने का मतलब यह है कि बचपन में होने पर वयस्क अवस्था के लिए यह शरीर इम्यून हो जाती है

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम क्यों होता है। Causes of Slapped cheek syndrome

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम ह्यूमन पैरोवायरस (पार्वोवायरस बी 19) के कारण होता है। यह एक वायरस है जो लार और नाक स्राव में बूंदों के माध्यम से आसानी से फैलता है। इसका मतलब है कि यह छींक या खांसी के जरिए ही एक बच्चे से दूसरे बच्चे में जा सकता है।

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम/चित्र स्रोत-गुगल

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम होने के क्या लक्षण होते है। Symptoms of Slapped cheek syndrome

वैसे तो इस बीमारी का लक्षण कुछ खास नजर नहीं आता है। फिर भी, वे दूसरों को वायरस पास कर सकते हैं। यह रोग अक्सर फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होता है। इस समय के दौरान, वायरस सबसे अधिक संक्रामक होता है। स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के कुछ आम लक्षण इस प्रकार के है-

  • थकान।
  • सिरदर्द।
  • निम्न श्रेणी का बुखार (99° से 101° F (37° से 38.5° C))।
  • बहती नाक।
  • गला खराब होना।

चेहरे या शरीर पर उभरे हुए, थप्पड़ जैसे दाने दिखने में फ्लू जैसे लक्षण दिखने में कई दिन लग सकते हैं। एक बार दाने दिखाई देने के बाद, संक्रामक होने का खतरा कुछ कम हो जाता है। दाने में खुजली हो सकती है। यह पांच से 10 दिनों में फीका पड़ने लगता है। मगर कुछ मामलों में एक दूसरा रैश दिखाई देने लगता है, इसको “स्लैप्ड चिक” रैश कहते हैं। यह आम तौर पर इन जगहों पर दिखाई देते हैं-

  • हाथ
  • पैर 
  • छाती और पीठ का भाग
  • कुछ बच्चों को जोड़ों में दर्द और सूजन का अनुभव भी होता है

बचने के उपाय। Prevention Tips for Slapped cheek Syndrome

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम को रोकने के लिए कोई टीका नहीं बना है। चूंकि वायरस नाक और मुंह की बूंदों से आसानी से फैलता है, इसलिए स्वच्छता ही इस बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। सफाई को मेंटेन करके ही आप बच्चे को इस रोग से बचा सकते हैं-

  • रूमाल मुँह पर देकर या कोहनी में खांसना या छींकना सिखाएं।
  • संक्रमित मरीज के पास जाने से बच्चे को बचाएं। 

आशा करते हैं कि आप स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के बारे में अच्छी तरह से समझ गए होंगे और यह भी समझ गए होंगे कि किस तरह से इस सिंड्रोम को बचाया जा सकता है। ऐसे ही जानकारियों के लिए देश की नंबरवन पैरेंटिंग और प्रेगनेंसी ऐप बेबीचक्रा को लाइक और सबस्क्राइब करें और नए जानकारियों से खुद को अपडेट करें।

मूल चित्र स्रोत-गुगल

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