5 Apr 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
बचत करना ऐसी लाइफ स्किल है, जिसे सीखना आसान नहीं। इसी वजह से बच्चों में उनकी ग्रोथ ईयर्स से ही बच्चों में बचत की आदत डाल देनी चाहिए। सेविंग स्किल्स को सीखकर बच्चे समय आने पर अपने लिए एक अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकते हैं।
अगर बच्चों में बचत करने की आदत बढ़ती उम्र में न डाली जाए, तो बच्चों का बचत कर पाना और अपने खर्च पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाता है। जब बच्चों में बचत की आदत डालना इतना अहम है, तो क्यों न इन 9 टिप्स की मदद से बच्चों को बचत करना सिखाया जाए।
बच्चों को समझाएं कि इस पैसों को बचाकर रखना कितना जरूरी है। उन्हें बताएं कि एक-एक रुपये कमाने में कितनी मेहनत लगती है। महंगाई के समय में बचाकर रखे हुए पैसे किस तरह से उनके खुद के काम आ सकते हैं, यह भी बताएं।
बच्चों को बचत का महत्व सिखाने के लिए सबसे पहले चाहतों (Wants) और जरूरतों (Needs) के बीच का अंतर बताएं। ये समझाएं कि बुनियादी चीजों को जरूरत कहा जाता है, जैसे कि खाना, रहना, पहनना, स्वास्थ्य, शिक्षा। हर हफ्ते फिल्म देखना, हर बार लेटेस्ट स्मार्टफोन लेना, किसी की बराबरी करने के लिए कुछ खरीदना, लोगों को दिखाने के लिए कुछ लेना, ये सभी चाहत और फिजूलखर्ची में शामिल है।
उन्हें बताएं कि पैसों को यह देखते हुए खर्च करना चाहिए कि वो चीज कितनी जरूरी है। उसके आधार पर ही खर्च करनी चाहिए। जैसे कि रोज आइसक्रीम खाना जरूरी नहीं है, तो एक-दो दिन आइसक्रीम न खाकर वो 20 से 40 रुपये बचा सकते हैं और उससे एक अच्छी पेंसिल या कोई दूसरी जरूरत की चीज को ले सकते हैं या फिर भविष्य के लिए बचाकर रख सकते हैं।
पैसे कैसे कमाए जाते हैं और पैसे कितनी अहमियत रखते हैं, यह समझाने के लिए आप बच्चों को पैसे कमाने का मौका दे सकते हैं। घर के किसी भी काम के बदल में उसे 20-30-40 रुपये देने की बात कहें।
जैसे कि वॉशिंग मशीन से कपड़े निकालने, अपने खुद के जूते साफ करने, घर की खिड़कियों को पोंछने के बदले पैसे दें। इससे उन्हें समझ आएगा कि पैसे कमाने में कितनी मेहनत लगती है और इन्हें यूं ही खर्च नहीं करना चाहिए।
बचत के बारे में इतना कुछ समझाने के बाद बच्चे को पिग्गी बैंक या फिर गुल्लक लाकर दें। उससे कहें कि हर बार उसे मिलने वाली पॉकेट मनी या फिर परिवार के अन्य सदस्यों के द्वारा प्यार से दिए गए पैसों में से कुछ पैसे बचाकर उस गुल्लक या पिग्गी बैंक में रखना है।
समय-समय पर बच्चे से पूछते भी रहें कि उसने कितने पैसे बचाएं है, गुल्लक में कितने पैसे डाले हैं। जब बच्चा गुल्लक भरने लग जाए, तो बैंक में भी उसका बचत खाता खोल सकते हैं।
बचत करनी चाहिए, फिजूलखर्ची करना गलत है, ये सब समझाने पर भी बच्चे को चीजें समझ न आए, तो उसके लिए बचत संबंधी लक्ष्य निर्धारित करें। जैसे कि उसे कोई खिलौना चाहिए, तो उसे बताएं कि खिलौने की कीमत इतनी है और पॉकेट मनी व रिवॉर्ड्स से एक महीने में या दो महीने में आपके इतने पैसे इकट्ठे करने हैं।
उसे बताएं कि जब आप ये पैसे इकट्ठे कर लोगे, तो अपना पसंदीदा खिलौना खरीद सकते हो। इस बीच उसे आइसक्रीम या चॉकलेट खाना हो, तो उसे कहें कि वो अपने बचत के पैसों का ही इस्तेमाल करे। इससे बचत की अहमियत बच्चे को समझ आएगी।
बच्चों को बचत करना एक्टिविटी की मदद से और बातचीत के जरिए समझाया जा सकता है। बचत से जुड़ी सभी बातों को समझने और इसे अपनी आदत में शुमार करने में बच्चों को थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे वो सेविग्स करना सीख जाते हैं।
इस दौरान बच्चों को बार-बार बचत और बचत से जुड़े फायदों के बारे में बताना होगा। बच्चे को घर के बचत प्लान का हिस्सा भी बना सकते हैं, इससे उसे चीजें और अच्छे से समझ आएंगी। इन सबके साथ सब्र रखते हुए उनसे प्यार से पेश आएं। हैप्पी पेरेंटिंग!
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