28 Nov 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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पेट में इंफेक्शन ऐसी बीमारी है, जो बच्चों से लेकर बड़े सब इससे कभी-न-कभी आक्रांत होते हैं। लेकिन वयस्कों के तुलना में बच्चों और शिशुओं को पेट में फ्लू होने की संभावना ज्यादा होती है। क्योंकि आप कितनी भी कोशिश कर लें वह सब कुछ छूते हैं और बिना हाथ धोएं अपना हाथ मुँह में डाल देते हैं या बिना हाथ साफ किए खाना खा लेते हैं। ठीक वही बात शिशुओं को भी लेकर हैं, वह भी जब घुटनों के बल चलने लगते हैं तब फर्श में गिरा सब कुछ अपने मुँह में डाल देते हैं, इसलिए वह भी स्टमक फ्लू के चपेत में आ जाते हैं।
इस तरह के पेट के इंफेक्शन को ‘स्टमक बग’ या वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी कहा जाता है। आमतौर पर स्टमक फ्लू अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन सच तो यह हैं कि यह पेट के फ्लू की बीमारी बहुत जल्दी बच्चों को हो जाती है। चलिए अब जानते हैं कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) क्या होता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे अक्सर पेट फ्लू या पेट का इंफेक्शन कहा जाता है, एक सामान्य बीमारी है। इस बीमारी के मूल लक्षणों में मतली, उल्टी, दस्त और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं होती है। यह आमतौर पर कुछ दिनों तक रहता है और गंभीर नहीं होता है। अधिकांश बच्चे आराम करने और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने से घर पर ही अच्छे हो जाते हैं।
बच्चों में, गैस्ट्रोएंटेराइटिस का सबसे आम कारण वायरस हैं। रोटावायरस के कारण कई बार बच्चों में पेट में फ्लू की समस्या होती है, लेकिन रोटावायरस वैक्सीन उन्हें रोकने में मदद कर सकता है।
गैस्ट्रोएन्टेरिटिस होने के कुछ आम कारण ये भी हैं-
बच्चों को स्टमक फ्लू या पेट में इंफेक्शन होने पर जो आम लक्षण सबसे पहले नजर आता है, वह हैं उल्टी और दस्त। पेट के फ्लू में बच्चे को लगभग 24 घंटों तक उल्टी और दस्त की समस्या गंभीर रूप से हो सकती है।
अगर आपके बेबी को पेट में फ्लू होता है, तो उनमें ये लक्षण नजर आना लाजमी होता है-
सामान्यत: डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ही बीमारी का पता लगा लेते हैं। अगर बच्चा बहुत अस्वस्थ है और उसके मल में रक्त या बलगम है, तो डॉक्टर निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन की जाँच करने और यह देखने के लिए मल परीक्षण, मूत्र (पेशाब) परीक्षण, या रक्त परीक्षण का आदेश दे सकते हैं।
गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है, और अधिकांश बच्चों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। बच्चे को हाइड्रेटेड रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिलाने की सलाह दी जाती है। हाँ, अगर डिहाइड्रेशन की गंभीर अवस्था है तो उसके लिए बच्चों को अस्पताल में उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
आपके बच्चे को वायरस के चपेत में आने और फैलने से रोकने में मदद करने के और तरीके यहां दिए गए हैं:
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