23 Nov 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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माँ-पिता का कर्तव्य जैसे बच्चों की देखभाल करना होता है, वैसे ही उनको सही समय में सही चीजों को सिखाना, आत्मनिर्भर बनाना भी इन कर्तव्यों में शामिल होता है। इन्हीं कर्तव्यों में एक है बच्चों को जूते का फीता बांधना सिखाना। शायद आप सोच रहें होंगे कि इस चीज को लेकर अलग से ट्रेनिंग देने की जरूरत क्या है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते में चलने का यह भी एक कदम होता है।
वैसे तो बच्चों को जूते का फीता बांधना सिखाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। बच्चे के छोटे हाथों से जूते का फीता बांधना सिखाने के लिए आपके हाथों का सहारा होना जरूरी होता है। बच्चों के लिए यह समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है कि कैसे फीता बांधने की प्रक्रिया को कहाँ खत्म करें। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि जिन बच्चों में जूते बांधने की उचित मोटर स्किल है, उनकी आयु कम से कम 4 वर्ष होनी चाहिए।
बच्चे का जूते का फीता बांधना सिखना न सिर्फ उसके लिए एक महत्वपूर्ण सीख है, साथ ही आपके लिए भी जरूरी है कि आप इस काम से फ्री हो गए। कुछ बच्चे आसानी से सीख जाते हैं जबकि कुछ को बहुत मेहनत करनी पड़ सकती है। ये शानदार टिप्स आपको अपने बच्चे को जूते के फीते बांधने का तरीका सिखाने में मदद कर सकते हैं।
नॉट या गांठ बांधना (Wrap): जूते का फीता बांधने में गांठ बांधना सिखाने के लिए सबसे पहले आपको उसके सामने बांधकर दिखाना होगा। उसके बाद खुद को अपने बच्चे के पीछे रखें और अपने हाथों से उनकी मदद करें। प्रत्येक हाथ में एक फीता पकड़कर और उनके साथ एक एक्स बनाकर छेद में एक फीता लगाया जाना चाहिए। कसने के लिए, दोनों फीतों को खींचें।
रैबिट ईयर या खरगोश का कान ( Rabbit ear): इसके लिए जूते के फीते का इस्तेमाल करके एक लूप बनाना होगा, जो खरगोश के कान जैसा दिखेगा। उसके बाद खुद ही अपने उंगलियों से उसको कस कर पकड़ने के लिए कहें ।
लपेटें या रैप (Wrap): अब बच्चे को दूसरे फीते से खरगोश के कान को घेरने के लिए कहें।
सेकेंड रैबिट ईयर या दूसरा खरगोश कान: दूसरा खरगोश कान बनाने के लिए पहले फीते के नीचे खुले जगह से दूसरा फीता डालने के लिए कहें।
मूंछें (Whiskers): अब जूते के फीते के दोनों कानों को खींचकर कसने के लिए कहें। हाँ, एक बात शू लेस के किनारों पर बनने वाले ‘मूंछें’’ कानों की लंबाई की तरह होने चाहिए। फिर उनको बांध लें।
बच्चों को जूते का फीता बांधना सिखाने के दौरान एक बात और भी सिखाना न भूलें कि हर बार जूतों को छूने के बाद नेचुरल फोमिंग हैंडवाश से हाथ धोना न भूलें। इससे उनके हाथ जर्म फ्री हो जाएंगें और किसी प्रकार का संक्रमण होने का खतरा कम हो जाएगा।
अक्सर बच्चों को जूते का फीता बांधना सिखाना धैर्य भरा काम हो जाता है, क्योंकि सब बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। चलिए कुछ ईजी ट्रिक्स पर ध्यान देते हैं, जिनके मदद से उनको सिखाना कुछ आसान हो सकता है।
जूतों को पहनकर नहीं निकालकर सिखाएं: जूते का फीता बांधना सिखाने के लिए सबसे पहले जूते को पैरों से निकालकर सामने कागज के ऊपर रखें ताकि गंदगी न फैले। उसके बाद बच्चों के आँखों के सामने एक-एक स्टेप धीरे-धीरे अपने हाथों से करके दिखाएं।
फीता बांधना सिखाने के समय सही जगह पर रखें और दोनों बैठें: यदि आप और बच्चा दोनों दाएं हाथ से काम करते हैं, तो एक-दूसरे के बगल में बैठें ताकि वे ठीक से देख सकें कि आप क्या कर रहे हैं। अगर वह बाएं हाथ से काम करता है और आप दाएं हाथ के हैं (या इसके विपरीत), तो उनका सामना करके बैठें ताकि वे आपके बांधने के तरीकों की नकल कर सकें।
पाइप क्लीनर का उपयोग करें: शुरूआत में बच्चों को पाइप क्लीनर से जूते के फीते बांधना सिखाना आसान हो सकता है।
दो रंग वाले जूते के फीते का इस्तेमाल करें: काले टेनिस जूते की एक जोड़ी पर लाल और सफेद-धारीदार लेस जैसी कुछ का उपयोग करें। दोनों तरफ एक रंग यह देखना आसान बनाता है कि फीता आखिर कहां जा रहा है।
अभ्यास या प्रैक्टिस करें: याद रखें कि किसी भी चीज को सिखने के लिए प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी होता है। बच्चे से जूते का फीता बांधने की प्रैक्टिस जितना करवाएंगे उतनी ही जल्दी सिखेंगे।
बच्चों को जूते का फीता बांधना सिखाने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि वह बार-बार हाथ मुँह में न दें। किसी भी बीमारी से बचाने के लिए उसका हाथ जर्म फ्री रखने के लिए बार-बार वाइप्स से हाथों को पोंछते रहें।
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