28 Oct 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को तकलीफ नहीं देखना चाहते हैं। भले ही वह पेट दर्द की समस्या हो या एलर्जी की समस्या। शायद आपको पता नहीं कि बच्चों में एलर्जी के कारण कितने प्रकार की समस्याएं होती है। एलर्जी के कारण कान में इंफेक्शन, नाक बंद की समस्या, फूड एलर्जी जैसी बहुत सारी समस्याएं होती हैं।
आम तौर पर एलर्जी की समस्या अनुवांशिक होती है। चूंकि माता-पिता के लिए बच्चे किन-किन चीजों के संपर्क में आ रहे ह, उस पर कंट्रोल करना मुश्किल होता है, इसलिए उनको एलर्जी के लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। बचपन की एलर्जी की प्रारंभिक पहचान पर बच्चे के भविष्य की सेहत निर्भर करती है। अगर आप समय पर एलर्जी का इलाज करवाना शुरू कर देंगे तो बच्चे को स्कूल से बार-बार छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी और न ही बाहर घुमने जाने पर बीमार होने का अंदेशा होगा।
चलिए बच्चों में एलर्जी के कारण, लक्षण और कंडिशनों को समझने के लिए विस्तार से चर्चा करते हैं ताकि आपको एलर्जी के प्रकारों के बारे में सही जानकारी हो।
वैसे तो बच्चों में एलर्जी के लक्षण इतने आम है कि इनको सही तरह पहचानना भी मुश्किल हो जाता है-
बाहर: पेड़ों के पराग, पौधों के पराग, कीट काटने या डंक मारने से एलर्जी
घर के अंदर: पालतू या जानवरों के बाल या फिर, धूल के कण, मोल्ड
बढ़ाने वाले घटक: सिगरेट का धुआँ, इत्र, कार का निकास
फूड्स: मूंगफली, अंडा, दूध और दूध के उत्पाद
यदि आपको संदेह है कि आपके बच्चे को एलर्जी है, तो एलर्जी विशेषज्ञ को दिखाने के लिए अपॉइंटमेंट लें। अपॉइंटमेंट से पहले एक डायरी शुरू करें और इस बात पर नजर रखें कि आपके बच्चे को किन लक्षणों का अनुभव होता है और आपको क्या लगता है कि उनके कारण क्या हैं।
नाक बंद होने की समस्या- एलर्जी के कंडिशन्स में यह कंडिशन बहुत ही आम है। कभी-कभी बच्चे की नाक इस हद तक बंद हो जाती है कि बच्चे को मुंह से सांस लेना पड़ता है, वह भी खासकर सोते समय। इससे बच्चे को रात को चैन की नींद नहीं मिल पाती है।
यदि कंजेशन और मुंह से सांस लेने की समस्या का इलाज नहीं किया जाता है, तो वे दांतों के विकास और चेहरे की हड्डियों को प्रभावित कर सकते हैं। नाक बंद होने वाली एलर्जी का प्रारंभिक उपचार इन समस्याओं को रोक सकता है। वैसे नाक बंद होने की समस्या से राहत पाने के लिए कपूर फ्री वेपर पैच का इस्तेमाल कर सकते हैं। बेबीचक्रा का वेपर पैच आठ घंटे तक नाक बंद होने के लक्षण से राहत दिलाने में मदद करता है।
एलर्जिक राइनाइटिस (हे फीवर)- बचपन की एलर्जी वाली बीमारियों में एलर्जिक राइनाइटिस (हे फीवर) बहुत ही आम बीमारी है। इस एलर्जी के लक्षण भी बहुत आम है, जैसे- बहती नाक, नाक में खुजली, नाक बंद की समस्या, छींकना आदि। एलर्जी वाले बच्चे को भी खुजली, आंख में पानी आना, लाल आँखें और पुरानी कान की समस्याएं हो सकती हैं। वैसे इसको आम तौर पर हे फीवर भी कहते हैं।
कान के संक्रमण- एलर्जी से कान में सूजन हो जाती है और तरल पदार्थ जमा होने के कारण कान का संक्रमण भी हो सकता है। इंफेक्शन या संक्रमण के कारण सुनने की क्षमता कम हो सकती है। एलर्जी के कारण अगर बच्चे की सुनने की क्षमता प्रभावित होती है तो उसको बात करने और नया कुछ सुनकर सीखने में भी समस्या हो सकती है। एलर्जी से कान में दर्द के साथ-साथ कान में खुजली, बंद-कान जैसी समस्याएं हो सकती है। इन लक्षणों वाले किसी भी मरीज को टेस्ट और उपचार के लिए एलर्जी विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
फूड एलर्जी- अक्सर ब्रेस्टफीडिंग मदर कुछ ऐसी चीजें खा लेती हैं जिससे बच्चे को एलर्जी है। इसलिए जब बच्चा स्तनपान करता है तो दूध के माध्यम से उसको एलर्जी हो जाती है। इसका एकमात्र उपाय यही है कि माँ उस फूड का सेवन न करें।
बच्चों में आम एलर्जी वाले फूड्स में सबसे पहले नाम आता है मूंगफली या नट्स और फिर दूध का। अन्य अक्सर देखे जाने वाले ट्रिगर करने वाले फूड्स में अंडा, मछली, शंख (केकड़ा, झींगा मछली, क्रेफिश और झींगा), सोया, ट्री नट्स (उदाहरण के लिए, पेकान, काजू और अखरोट) और गेहूं शामिल हैं। सबसे गंभीर एलर्जी होने वाले फूड्स हैं मूंगफली, ट्री नट, मछली और शंख – इन फूड्स से होने वाली एलर्जी लगभग जीवनभर ही रह जाती हैं। बच्चे अक्सर दूध, अंडे, सोया और गेहूं का सेवन कर एलर्जी को बढ़ा देते हैं।
जिन बच्चों को फूड एलर्जी होती है, उनके लिए माता-पिता को एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) न हो जाए। इससे सांस लेने में समस्या, ब्लड प्रेशर में गिरावट और बॉडी शॉक के स्टेज में चली जाती है। इसलिए ऐसा होने पर तुरन्त डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
इसके अलावा बच्चों को पालतू जानवरों से बाल या रोओं से भी एलर्जी होती है। इसके अलावा धूल या ब्लैकबोर्ड में जिस चॉक से लिखा जाता है, उसके पावडर से भी बच्चों को एलर्जी होती है। इन हालातों में बच्चों को एलर्जी से कुछ हद तक बचने के लिए अपने हाथों को साफ रखना बहुत जरूरी होता है। उनको हमेशा नेचुरल फोमिंग हैंडवाश से हाथों को साफ करते रहना चाहिए।
अब तक के चर्चा से आप समझ ही गए होंगे कि बच्चों को एलर्जी से बचाने के लिए माता-पिता को जागरूक और सचेत रहने की जरूरत होती है।
मूल चित्र स्रोत: गुगल
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