23 Mar 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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टीबी एक तरह का संक्रमण है, जो हवा के माध्यम से फैलता है। भारत में हर साल इसके 20 लाख नए मामले सामने आते हैं। इस रोग से बच्चे कितना प्रभावित होते हैं, ये जानना हर न्यू पेरेंट्स के लिए जरूरी है। इसलिए यहां हम बता रहे हैं कि बच्चों को टीबी होने का कितना खतरा रहता है और बच्चों में टीबी के लक्षण क्या होते हैं। साथ ही हम टीबी से बचाव के तरीके भी बताएंगे।
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को क्षयरोग और तपेदिक नाम से भी जाना जाता है। यह टीबी रोग 15 साल से कम उम्र के बच्चों में होना आम है। रिसर्च क्षयरोग को वयस्कों के मुकाबले बच्चों और नवजात के लिए घातक मानते हैं। दरअसल, बच्चों व शिशुओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसी वजह से ये जल्दी ट्यूबरक्लोसिस संक्रमण के चपेट में आ जाते हैं।
सीडीसी के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में यह आम है। इसके अलावा, 10 से ज्यादा उम्र के किशोरों को भी तपेदिक होने का खतरा अधिक रहता है।
टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है। यह हवा के माध्यम से फैलने वाला संक्रमण है। यह बैक्टीरिया शरीर में कैसे पहुंचता है, यह हम आगे बता रहे हैं।
बच्चों में टीबी के लक्षण उनकी उम्र पर और टीवी के प्रकार पर निर्भर करता है। बच्चों में ये सारे तपेदिक लक्षण या इनमें से कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं।
टीबी संक्रामक रोग है, जो तेजी से एक से दूसरे तक फैलता है। ऐसे में बच्चे को टीबी से बचाने के उपाय करना जरूरी है। इसके लिए इन सावधानियों को अपनाएं।
टीबी के प्रकार के हिसाब से बच्चे में टीबी के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसी वजह से सतर्क रहें। सर्दी, खांसी, बुखार, जोड़ों में दर्द इन्हें हल्के में न लें। अगर कुछ दिनों में ये ठीक न हों, तो डॉक्टर से टीबी के जोखिम से जुड़ी चर्चा जरूर करें। सतर्क रहें और अपने बच्चे को बीमारियों से सुरक्षित रखें।
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