10 Aug 2022 | 1 min Read
Mona Narang
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डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई कम होती है, जिस वजह से वे काफी परेशान रहती हैं। क्योंकि इसके चलते उनके शिशु को पूर्ण रूप से आहार नहीं मिल पाता व शिशु की भूख नहीं मिट पाती है। कई बार यह शिशु में पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकता है। यही वजह है इस लेख में हम ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के नेचुरल तरीके से जुड़ी जानकारी लेकर हाजिर हुए हैं। साथ ही कुछ ऐसे खाद्यों के बारे में जानेंगे जो माँ का दूध बढ़ाने के लिए बेहद कारगर माने जाते हैं।
लेख में आगे ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के कुछ प्राकृतिक उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
बच्चा जब दूध पीने के लिए माँ की ब्रेस्ट को मुंह में लेता है, तो इससे ब्रेस्ट मिल्क बनाने वाले हार्मोन ट्रिगर होते हैं। न्यू मॉम्स बच्चे को जितना ज्यादा फीड कराएंगी, उतना ही ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन होगा। इसलिए दिनभर में कम से कम 8 से 12 बार बच्चे को फीड कराएं। लेकिन ब्रेस्टफीड करवाने से पहले ब्रेस्ट को केमिकल फ्री वाइप्स से जरूर पोंछकर क्लीन कर लें। बैम्बू वाइप्स, बैम्बू वाटर और बैम्बू फाइबर से बने होने के कारण हर किस्म की त्वचा के लिए सेफ होते हैं। बेबी वाइप्स न सिर्फ बेबी के साथ सेफ होता है बल्कि बच्चे से लेकर बड़े सबके लिए सुरक्षित होता है।
बच्चे को फीड कराने के बाद ब्रेस्ट को पंप कर सकती हैं। इससे भी मिल्क का प्रोडक्शन बढ़ता है। पंप करने से पहले ब्रेस्ट की सिंकाई करें। इससे न्यू मॉम को ब्रेस्ट में तनाव महसूस न होकर आराम महसूस होगा। नीचे जानें कब-कब पंप का इस्तेमाल करें
नीचे क्रमानुसार ऐसे खाद्यों के बारे में बता रहे हैं, जो न्यू मॉम्स में ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मददगार होते हैं:
लहसुन में लैक्टोजेनिक प्रभाव होता है, जो न्यू मॉम्स में ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई को बढ़ाता है। इसके लिए आप लहसुन की कलियों को पीसकर अलग-अलग रेसिपी में इस्तेमाल कर सकती हैं। चाहें तो इसका ऐसे भी सेवन कर सकती हैं।
एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध में यह जानकारी मिलती है कि मेथी दाना ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के साथ ही दूध की गुणवत्ता में सुधार करता है। इसके लिए मेथी के दानों को पीसकर पानी के साथ ले सकते हैं। डॉक्टर से मेथीदाने के पाउडर से तैयार कैप्सूल लिखवाकर ले सकती हैं। सब्जी में इसका इस्तेमाल जीरे के साथ कर सकती हैं।
रात को एक कप पानी में मेथी दाना भिगोकर रखें। सुबह इसे उबालकर इसका पानी पी सकती हैं। बस ध्यान रखें कि इसका सेवन वही महिलाएं करें, जिन्हें कोई गंभीर रोग न हो। साथ ही मेथी के बीज से एलर्जी है, तो भी इससे परहेज करें।
एसपैरागस में एस्ट्रोजेनिक प्रॉपर्टीज होती हैं, जो माँ के शरीर में प्रोलैक्टीन का स्तर बढ़ाने के साथ मिल्क की सप्लाई को बढ़ाती हैं। ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है। इसमें में गैलेक्टोगॉग (Galactagogue) यानी दूध बढ़ाने वाला प्रभाव होता है।
ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जीरा सबसे कारगर इलाजों में से एक है। इसमें उच्च मात्रा में आयरन होता है, जिसे स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए आवश्यक माना जाता है। ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए एक कप पानी में एक छोटा चम्मच जीरा और एक छोटा चम्मच चीनी डालकर उबालें। रोजाना सोने से पहले इस ड्रिंक को पीने से ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बेहतर होती है।
स्तन में दूध उतारने के लिए सौंफ की चाय का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है। इसके लिए एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ को उबालकर दिन में दो बार पीने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे इसमें मौजूद गैलेक्टोगॉग प्रभाव को सहायक माना जाता है। ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए आप सब्जी में सौंफ शामिल कर सकती हैं। चाहें तो मुंह में कच्चे सौंफ रखकर चबा सकती हैं।
तो अब आपको पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क न बन पाने पर परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेख में दिए गए उपायों को फॉलो कर अपने शिशु को भरपेट दूध पिलाएं। बस इन चीजों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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