5 May 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
गर्भावस्था में मेंहदी लगानी चाहिए या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति रहती है। गर्भावस्था के समय दोस्त या परिवार वालों की शादी या सगाई, समारोह में सजना-संवरना आदि मेंहदी के बिना अधूरा होता है। सबसे अहम गोदभराई की रस्म तो मेंहदी लगाए बिना अच्छी ही नहीं लगती। इनके अलावा, सावन का महीना भी बिना मेंहदी के सूना लगता है।
ऐसे में गर्भावस्था में मेंहदी के उपयोग से जुड़े सवाल के जवाब आप इस लेख में पा सकते हैं। यहां मेंहदी के नुकसान, सुरक्षित मेंहदी जैसी सभी जरूरी बातों की जानकारी दी है।
गर्भावस्था में मेंहदी के उपयोग से जुड़े अधिक रिसर्च नहीं हुए हैं। हां, लेकिन यह एकदम स्पष्ट है कि प्रेगनेंसी में स्किन संवेदनशील हो जाती है। इस दौरान एलर्जी का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए केमिकल युक्त मेंहदी के इस्तेमाल से बचना चाहिए। जरूरत पड़ने पर आप ऑर्गेनिक हरी मेंहदी का इस्तेमाल कर सकती हैं। बस यह सुनिश्चित जरूर करें कि इसमें कोई केमिकल नहीं हैं।
केमिकल वाली मेंहदी के इस्तेमाल से गर्भावस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। क्या है प्रेगनेंसी में मेंहदी के नुकसान, यह हम लेख के दूसरे भाग में बताएंगे। इससे पहले मेंहदी से जुड़ी दूसरी बातों पर एक नजर डालते हैं।
हां, गर्भावस्था में हाथों पर मेंहदी लगा सकते हैं। बशर्ते, मेंहदी पूरी तरह से ऑर्गेनिक हो, ताकि इससे किसी तरह की स्किन एलर्जी का खतरा न रहे। साथ ही हाथों पर ऑर्गेनिक मेंहदी से भ्रूण को भी कोई दिक्कत नहीं होती और ना ही प्रेगनेंसी से जुड़ी कोई जटिलता होती है। बस तो ध्यान रखें कि केमिकल वाले प्रोडक्ट नहींं इस्तेमाल करने चाहिए।
हां, प्रेगनेंसी में बालों पर लाल व हरी मेंहदी मतलब हिना लग सकते हैं। लेकिन बालों में काली मेंहदी या डाय लगाने से तौबा करें। इसमें काफी रसायन होते हैं, जो स्कैल्प और बालों पर नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेगनेंसी में काली मेंहदी व डाय को असुरक्षित इसमें मौजूद पीपीड केमिकल के कारण माना जाता है। इसे फेनिलिडामाइन के नाम से भी जाना जाता है। यह केमिकल कंपाउंड एलर्जी की वजह बनता है। इसलिए गर्भावस्था में काली मेंहदी से तौबा करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में सिर्फ ऑर्गेनिक मेंहदी ही सुरक्षित होती है। इस समय हिना की पत्तियों से बनी मेंहदी को उपयोग में लाना सबसे सेफ है। हाथों में मेंहदी लगाने के लिए बाजार से कोन लेने से बचें। दरअसल, ये मेंहदी रचने के बाद काली हो जाती हैं, जो इस बात का सबूत है कि या तो ये मेंहदी प्राकृतिक नहीं होती या इनका पेस्ट बनाते समय कुछ केमिकल मिलाए जाते हैं। जी हां, कभी भी प्राकृतिक हिना का रंग रचने के बाद काला नहीं पड़ता है।
प्रेग्नेंसी में मेंहदी लगाने के नुकसान भी हो सकते हैं। इसी वजह से महिलाओं को प्रेग्नेंसी में मेंहदी लगाते समय थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। आगे जानते हैं गर्भावस्था में मेंहदी से होने वाले नुकसान क्या हैं –
प्रेग्नेंसी में मेंहदी का उपयोग करते समय कुछ बातों पर गौर करना आवश्यक है। क्या हैं ये बातें चालिए लेख में आगे जानते हैं।
गर्भावस्था में मेंहदी लगाते व लगवाते समय किसी भी तरह की जलन महसूस हो, तो तुरंत उसे निकाल दें। आप हमेशा अच्छी क्वालिटी की प्राकृतिक मेंहदी को ही तवज्जो दें। इस दौरान हेयर डाय और जंगली काली मेंहदी से बचें।
ऐसी कई मेंहदी और डाय ऑर्गेनिक होने का दावा करती हैं। लेकिन ध्यान दें कि काला रंग केमिकल की वजह से ही होता है। गर्भावस्था के समय तक लोकलुभावन वादों में न आते हुए सिर्फ प्राकृतिक हिना का ही उपयोग करें।
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