12 May 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 421 Articles
गर्भावस्था में महिलाएं आमतौर पर ओवर-द-काउंटर दवाएं उपयोग में लाती हैं। यूं तो अधिकांश ओवर-द-काउंटर दवाओं का सेफ्टी प्रोफाइल उम्दा होता है, लेकिन कुछ असुरक्षित या भ्रूण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली भी होती हैं।
कुछ दवाओं की सुरक्षा प्रोफाइल भ्रूण की गर्भकालीन आयु के अनुसार बदल जाती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी में ओवर-द-काउंटर दवाएं सोच-समझकर खरीदनी चाहिए। तकरीबन 10 प्रतिशत या उससे अधिक जन्म दोष का कारण गर्भावस्था में माँ द्वारा ली जाने वाली ओवर-द-काउंटर दवाएं बनती हैं।
इसलिए, डॉक्टर से पूछकर ही इन दवाओं का सेवन किया जाए, तो बेहतर होगा। चलिए, आगे गर्भावस्था में ओवर-द-काउंटर दवाओं से जुड़ी बातें जानते हैं।
प्रसवपूर्व विटामिन, जो अब बिना प्रिस्क्रिप्शन के उपलब्ध हैं, उन्हें गर्भावस्था के दौरान लेना सेफ नहीं होता है। गर्भावस्था में अन्य विटामिन, हर्बल उपचार और पूरक आहार लेने के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें। आम तौर पर, आपको कोई भी ओवर-द-काउंटर दवाई तब तक नहीं लेनी चाहिए जब तक यह बहुत जरूरी न हो।
गर्भावस्था में महिलाएं अधिकतर ओवर-द-काउंटर दवाएं एलर्जी, सांस संबंधी दिक्कतें, त्वचा से जुड़ी समस्याएं और दर्द के लिए लेती हैं। ऐसी ही आम समस्याओं से जुड़ी दवाओं के बारे में हम आगे बता रहे है
निम्नलिखित ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं का गर्भावस्था पर कोई ज्ञात हानिकारक प्रभाव नहीं होता। बस निर्देशों के अनुसार ही इन्हें लिया जाना चाहिए। दिक्कतों से बचने के लिए एक बार डॉक्टर से इनके बारे में बात जरूर करें।
स्थिति | गर्भावस्था के लिए सुरक्षित ओटीसी दवाएं * |
एलर्जी | – एंटीहिस्टामाइन -सेटीरिजिन (जिरटेक) -क्लोरफेनिरामाइन (क्लोर-ट्रिमेटन, एफिडैक, टेल्ड्रिन) -डीफेनहाइड्रामाइन (बेनाड्रिल) -डॉक्सिलमाइन -फेक्सोफेनाडाइन (एलेग्रा) -लोराटाडाइन (अलावर्ट, एलेग्रा, क्लेरिटिन, लोराडैम, टैविस्ट एनडी एलर्जी) -नेजल स्प्रे ऑक्सीमेटाजोलिन (एफ्रिन, नियो-सिनफ्राइन) -स्टेरॉयड नेजल स्प्रे (फ्लोनसे, नासाकोर्ट, राइनोकोर्ट) |
सर्दी और बुखार | -विक्स कफ सिरप -स्लाइन नेजल ड्रॉप या स्प्रे -एक्टिफाइड, ड्रिस्टन, फ्लोनेज, नासोकोर्ट, नियोसिनफ्रिन, सूडाफेड (पहली तिमाही में इनका उपयोग न करें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें) -टाइलेनॉल (एसिटामिनोफेन) या टाइलेनॉल कोल्ड-गुनगुने नमक पानी या सिर्फ गुनगुने पानी से गरारे करें |
कब्ज | -साइट्रसिल-कोलेस-फाइबरऑल/फाइबरकॉन-मेटामुसिल-मैग्नीशिया का दूध-सेनेकोट |
डायरिया | -24 घंटे के लिए, सिर्फ गर्भावस्था के 12वें सप्ताह बाद-मॉडियम-काओपेक्टेट-पेरेपेक्टोलिन |
फर्स्ट एड मलहम | -बैकीट्रैसिन-जे एंड जे-नियोस्पॉरिन |
सिरदर्द | -टाइलेनॉल (एसिटामिनोफेन) |
हार्टबर्न | -गेविस्कॉन-मालोक्स-मायलांटा-रियोपान-टिट्रालैक |
बवासीर | -अनुसोल-टक्स-विच हैजल |
मतली और उल्टी | -डॉक्सिलमाइन (पाइरिडोक्सिन के साथ)-एमेट्रेक्स-एमेट्रोल (यदि मधुमेह नहीं है)-सी बैंड्स-विटामिन बी6 (100 मिलीग्राम टैबलेट) |
चकत्ते | -बेनाड्रिल क्रीम-कैलाड्रिल लोशन या क्रीम-हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम या मलहम-ओटमील बाथ (या एवीनो लोशन) |
दर्द | -एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) -एडविल, मोट्रिन (सावधानी से उपयोग करें और तीसरी तिमाही में सेवन से बचें) -केटोप्रोफेन (ओरुडीस) (सावधानी से उपयोग करें और तीसरी तिमाही में सेवन से बचें) -नेपरोक्सन (एलेव) (सावधानी से उपयोग करें और तीसरी तिमाही में सेवन से बचें) |
*ध्यान दें | गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवाई 100% सुरक्षित नहीं मानी जाती। इसलिए चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है। |
ऊपर बताई गई दवाओं के अलावा भी कई ओवर-द-काउंटर दवाएं महिलाएं प्रेग्नेंसी में इस्तेमाल करती हैं। अगर ऊपर बताई गई लिस्ट में आपकी दवाई का नाम नहीं है, तो गर्भावस्था में उस दवाई की सुरक्षा की कैटेगरी का पता करके ही उसे खरीदें। आगे हम दवाई की सुरक्षा की कैटेगरी से संबंधित वर्गीकरण बता रहे हैं।
श्रेणी ए – Category A
ए श्रेणी की दवाई सुरक्षित मानी जाती हैं। रिसर्च के दौरान, इस श्रेणी की दवाई से पहले या आखिरी ट्राइमेस्टर में किसी तरह के जोखिम के सबूत नहीं मिले। साथ ही भ्रूण को नुकसान की आशंका भी नहीं दिखाई दी।
श्रेणी बी – Category B
कैटगरी बी की दवाओं का अध्ययन पशु प्रजनन पर हुआ है। इससे प्रजनन क्षमता में कमी के अलावा कोई दूसरा दुष्प्रभाव नहीं दिखा। इससे भ्रूण में भी जोखिम नहीं दिखा। इस क्लास की दवाओं लेकिन, गर्भवती महिलाओं में कोई नियंत्रित अध्ययन नहीं हुआ है।
श्रेणी सी – Category C
इस क्लास की दवाओं ने भ्रूण पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाए हैं। ये अध्ययन भी जानवरों पर ही किए गए हैं। ये दवाएं केवल तभी दी जानी चाहिए जब इससे भ्रूण को किसी जोखिम से बचाने में कोई लाभ हो।
श्रेणी डी – Category D
इस श्रेणी की दवाई से भ्रूण के जीवन को खतरा रहता है। मगर इस कैटेगरी की दवाई की जरूरत किसी खतरनाक स्थिति में पड़ जाए, जहां दूसरी कैटेगरी की दवाई काम नहीं करती है, तब ही इसे लेने की सलाह दी जाती है।
श्रेणी X – Category X
जानवरों और मनुष्यों पर हुए अध्ययन से पता चलता है कि इन दवाओं से भ्रूण में असामान्यताएं नजर आती हैं। भ्रूण को जान का खतरा भी हो सकता है। इस कैटेगरी की दवाइयों के नुकसान इससे होने वाले लाभ से कई गुना अधिक हैं। इसलिए इन कैटेगरी की दवाओं को लेने से बचना चाहिए।
चाइड और मैटरनल न्यूट्रिशन, कम्यूनिटी एक्सपर्ट, पूजा मराठे के अनुसार, गर्भावस्था में कोई भी दवा 100 प्रतिशत सुरक्षित नहीं होती है। यहां तक कि गर्भावस्था के दौरान किसी और के लिए सुरक्षित दवा आपके लिए असुरक्षित साबित हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले हमेशा अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए। इसमें ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) उत्पादों के साथ-साथ घरेलू नुस्खे वाली दवाएं भी शामिल हैं।
एक्सपर्ट पूजा मराठे आगे कहती हैं कि भले ही आपने गर्भवती होने से पहले दवा लेना शुरू कर दिया हो, लेकिन भ्रूण में फार्मास्यूटिकल एजेंटों को संभालने की क्षमता नहीं होती। क्योंकि भ्रूण के गुर्दे की क्रिया, मैटाबॉलिक पाथवे इत्यादि पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं, इसलिए गर्भाशय के संपर्क में दवा के आने से भ्रूण पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। ओटीसी दर्द निवारक की हाई डोज कई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है, जिनमें गर्भपात भी शामिल है।
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