घर में बच्चा आते ही नए पेरेंट्स की जिंदगी एकदम बदल जाती है। बच्चे को संभालने की बात को लेकर उनके पास हजारों सवाल होते हैं। लोगों के हजारों सलाह से वे असमंजस में पड़ जाते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। हैल्लो प्राउडी न्यू पेरेंट्स, हम आपकी इस परेशानी को समझ रहे हैं, इसीलिए इस लेख में नए पेरेंट्स को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में गाइड करेंगे। इन सबके अलावा एक बात जो सबसे ज्यादा जरूरी है, वह है बेबी की देखभाल करने के साथ सबसे पहले अपना ख्याल रखना जरूरी होता है।
शुरुआत के दिनों में बच्चे अपने मर्जी से हाथ-पैर हिलाएंगे, इधर-उधर देखेंगे, आपको छूकर आपके होने का एहसास करेंगे। उसको ये सब करने दें। धीरे-धीरे शिशु खुस अपनी एक्टिविटी को कंट्रोल में करना सीख जाएगा।
अपने बच्चे की आँखों में देखें और उसकी मुस्कान के जवाब में मुस्कुराएँ। आपको अपने शिशु को चेहरे के हाव-भाव और इशारों के माध्यम से सकारात्मक प्रतिक्रिया देना चाहिए।
अपने बच्चे से नरम स्वर में बात करें और ‘बेबी टॉक’ करें। आप देखेंगे कि शिशु आपकी बातों को सुनेगा और जल्द ही आपके शब्दों को याद करना और कॉपी करना शुरू कर देगा।
अपनी आवाज को धीरे से बदलें। इसे धीमा/तेज, ऊँचा/कम, या शांत/जोर करें। आपको अपने बच्चे के चेहरे और शरीर से प्रतिक्रियाओं को मॉनिटर करना चाहिए, और ध्यान दें जब वह आपके साथ बातचीत कर रहा हो।
शिशु को पेट के बाल लिटाकर उसके सामने घंटी या रैटल बजाएं और मॉनिटर करें कि वह अपने सिर और कंधें को उठाकर आवाज को फॉलो करने की कोशिश कर रहा है कि नहीं। ऐसा करने से शिशु को सिर और कंधों को उठाने का अभ्यास रहेगा।
अपने बच्चे को धीरे से शांत करें, सहलाएं और पकड़ें। आप देखेंगे कि आपका बच्चा आराम से है, गोद में लिए जाने और गले लगाने से खुश हो रहा है।
त्वचा से त्वचा का संपर्क कराएं। ऐसा करने से शिशु को आपकी उपस्थिति महसूस होगी, आपकी आवाज को सुनने और आपके गंध को सूंघने से आपके बच्चे को सुरक्षा का एहसास होगा ।
शिशु के साथ नए पेरेंट्स का बॉन्डिंग। Bonding with Your Newborn
कुछ बच्चे स्पर्श, प्रकाश या ध्वनि के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। वह आसानी से चौंक जाते हैं और रोने लग सकते हैं। जब कोई उनसे बात करता है या गाता है तो वे अपना चेहरा बदल लेते हैं। अगर आपके बच्चे के साथ ऐसा होता है, तो आवाज और रोशनी का स्तर कम रखें।
नए पेरेंट्स के लिए शिशु को हैंडल करने का तरीका/चित्र स्रोत: इंस्टाग्राम
नए पेरेंट्स के लिए शिशु को हैंडल करने का तरीका। Handling Your Newborn
नए पेरेंट्स को अपने बेबी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए। लेकिन नवजात शिशु को संभालने का भी सही तरीका आना चाहिए-
नवजात शिशु की इम्यूनिटी बहुत ही कमजोर होती है, इसलिए उसको संक्रमित होने का बहुत खतरा रहता है। इसलिए शिशु को छूने से पहले अपने हाथों को धो लें।
बच्चे को गोद मे लेते समय या लेटाते समय उसके सिर और गर्दन को सहारा दें, क्योंकि वहाँ की हड्डी तब तक मजबूत नहीं हुई होती है।
गुस्से में या हताशा के अवसरों में बच्चे को कभी भी जोर से न हिलाएं। किसी भी प्रकार के झटके से शिशु के ब्रेन में ब्लीडिंग हो सकता है। जब भी शिशु को जगाने की जरूरत हो, तो इसे हिलाकर न जगाने के बजाय, पैरों को गुदगुदी करें या गाल पर धीरे से फूंक मारें।
बच्चे को कार में ले जाते समय यह सुनिश्चित कर लें वह कार की सीट में सुरक्षित रूप से बंधा हुआ है। कार चलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि रास्ता बहुत खुरदरी या उछालभरा न हो।
याद रखें कि आपका नवजात शिशु कठोर खेल के लिए तैयार नहीं है, जैसे घुटने के बल झूलना या हवा में फेंकना आदि।
शिशु को डायपर पहनाने का तरीका। Diapering Your Baby
आप डिस्पोजेबल डायपर या कपड़ा जिस चीज का भी इस्तेमाल करते हों, आपका नन्हा-मुन्ना दिन में लगभग 10 बार या सप्ताह में लगभग 70 बार गंदा करेगा।
डायपर को बदलने के पहले इन चीजों को पहले से पास रख लें। बेबी वाटर वाइप्स, डायपर रैश क्रीम, साफ डायपर आदि।
डायपर बदलने के समय अपने बच्चे के जननांग क्षेत्र को धीरे-धीरे साफ करने के लिए पानी, वाइप्स या रूई और बेबी वाश का प्रयोग करें। लड़के का डाइपर निकालते समय सावधानी से ऐसा करें क्योंकि हवा के संपर्क में आने से वह पेशाब कर सकता है। बेबी गर्ल को पोंछते समय, मूत्रपथ संक्रमण (यूटीआई) से बचने के लिए उसके निचले हिस्से को आगे से पीछे की ओर पोंछें।
उसके बाद अच्छी तरह से पोंछकर अगर डायपर रैश है तो डायपर रैश क्रीम लगाना न भूलें।
न्यू पेरेंट्स के लिए अम्बिलिकल कॉर्ड केयर । Umbilical Cord Care
नवजात शिशुओं के गर्भनाल की देखभाल भी जरूरी होती है। स्टंप के आसपास सादे पानी से साफ करें और तब तक सुखाएं जब तक कि कॉर्ड स्टंप सूखकर गिर न जाए। इसमें आमतौर पर 10 दिनों से 3 सप्ताह का समय लगता है।
न्यू पेरेंट्स के लिए बेबी को नहलाने के नियम। Baby Bath Basics
जब तक शिशु का गर्भनाल न गिर जाए तब तक शिशु को स्पंज बाथ ही कराना चाहिए।
शिशु को पहले साल में हफ्ते में दो या तीन बार नहलाना ही काफी होता है। अधिक बार नहाने से त्वचा रूखी हो सकती है।
शिशु को नहलाने के लिए हार्श सोप का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। उनके लिए केमिकल और टॉक्सिन फ्री मॉइश्चराइजिंग बेबी वाश का इस्तेमाल करना चाहिए।
नहाने का पानी गुनगुना गर्म होना चाहिए और नहलाने के पहले कोहनी से छूकर तापमान को चेक कर लेना चाहिए।
नहलाने के समय बेबी को अकेला छोड़कर नहीं जाना चाहिए।
नए पेरेंट्स के लिए ये कुछ जरूरी पेरेंटिंग टिप्स थे, इसके अलावा बेबी-केयर संबंधी और जानकारियों, प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याओं के समाधान, और पैरेंटिग संबंधित जानकारियों के लिए बेबीचक्रा ऐप या वेबसाइट को सब्सक्राइब करें और टेंशन फ्री होकर प्रेगनेंसी और पैरेंटिंग जर्नी को एन्जॉय करें।
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