नवजात शिशु को कितनी बार नहलाना चाहिए?

नवजात शिशु को कितनी बार नहलाना चाहिए?

17 Aug 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

आम तौर पर हम यही जानते हैं कि नवजात शिशु को हर दिन नहलाना चाहिए। लेकिन रिसर्च और अध्ययनों की मानें तो नवजात शिशु को रोजाना नहलाने की बिल्कुल जरूरत नहीं होती है। क्यों, सुनने में अजीब लग रहा है? पर यह सच है। 

हम जानते हैं कि आप यह जानकर खुश हो गए होंगे, क्योंकि नवजात शिशु को नहलाना न्यू मॉम्स के लिए बड़ा जोखिम भरा काम होता है। ज्यादातर शिशु नहाने के समय रोते हैं या चिड़चिड़े हो जाते हैं। उसके अलावा भी न्यू मॉम्स को सही तरह से पता नहीं होता कि नवजात शिशु को कैसे नहलाना चाहिए या नहलाने का बेस्ट टाइम क्या होता है।

जी हाँ, हम समझ रहे हैं कि आप यह जानने के लिए बेताब हैं कि नवजात शिशु को कितनी बार नहलाना चाहिए। तो चलिए एक-एक करके आपके सवालों का जवाब देते हैं-

नवजात शिशु को कब नहलाना चाहिए/ चित्र स्रोत- पिक्सेल

नवजात शिशु को कितनी बार नहलाना चाहिए?। How often does your newborn baby take a bath?

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार नवजात शिशु को रोजाना नहलाने की जरूरत नहीं होती, बशर्ते कि उसने अपने आपको पूरी तरह से गंदा कर दिया हो, देर तक पानी में भिंगा हो, पसीने से तरबतर हो, मल या पेशाब से बदन गंदा हो गया हो। 

असल में शिशु तो अक्सर गोद में या बिस्तर पर ही होते हैं, इसलिए उनके शरीर में गंदगी उतनी नहीं लगती। बस आप हर दिन जितनी भी बार डायपर बदलें, उसके प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी तरह से नेचुरल बैम्बू वाटर वाइप्स से साफ करने के बाद ही डायपर पहनाएं। बैम्बू वाइप्स डर्माटोलॉजी टेस्टेड, पॉलिएस्टर, आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस फ्री होते हैं। इसलिए यह आपकी नन्ही जान के स्किन के लिए बिल्कुल सेफ होते हैं।

एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे जहाँ पर हों वहाँ किसी भी प्रकार का मॉस्क्विटो रिपेलेंट स्प्रे, या कीड़े-मकौड़ों, क्रॉक्रोच को भगाने का स्प्रे ना छिड़के, इससे नवजात शिशु की त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है। अगर ऐसा हुआ है तो शिशु को नहला देना ही सुरक्षित होता है। अगर घर पर मॉस्क्विटो रिपेलेंट स्प्रे करना ही चाहते हैं तो केमिकल और टॉक्सिन फ्री, नेचुरल चीजों से बना मॉस्क्विटो रिपेलेंट स्प्रे का इस्तेमाल करें। 

शिशु को कब नहलाना चाहिए ? l Bath time guideline

डॉक्टर्स और स्टडी का कहना है कि शिशु जब गोद में रहते हैं या बिस्तर पर ज्यादातर समय लेटे रहते हैं, तब हफ्ते में दो से तीन बार नहलाना चाहिए। ज्यादा बार नहलाने से उनकी नाजुक त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है। 

  • 6 से 11 महीने का बच्चा जब गोद से उतरकर जमीन पर घुटनों के बल चलने लगता है तब उसको हफ्ते में तीन दिन नहलाने की जरूरत होती है। अगर वह जमीन पर चलने के कारण गंदे चीजों को छूता हो, बैक्टीरिया के संपर्क में आता हो तो जरूर नहलाएं, क्योंकि नवजात शिशु की प्रतिरक्षा क्षमता बहुत कमजोर होती है।
  • 1 साल से बड़े बच्चों को लगभग रोजाना ही नहलाना चाहिए क्योंकि वह बाहर के दुनिया यानि बाहरी परिवेश, प्रदूषण के संपर्क में आने लगते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से बचाने के लिए उनको हर दिन नहलाना ही सेफ होता है। बाहर से आने पर हमेशा हैंडवाश करवाना न भूलें।

नवजात शिशु को नहलाने के समय के स्किन केयर टिप्स। Skin care tips for babies

  • शिशु को नहलाने के लिए कभी भी हार्श या एंटी माइक्रोबायल सोप का इस्तेमाल न करें, क्योंकि त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है। उनको नहलाने के लिए ऐसे मॉइश्चराइजिंग बेबी वाश का इस्तेमाल करना चाहिए जो बेबी के स्किन के पीएच लेवल को संभालें और स्किन को मुलायम और आद्र रखें। साथ ही केमिकल और टॉक्सिन फ्री होने के साथ-साथ नेचुरल चीजों से बनी हुई हो।
  • अगर नवजात शिशु के बालों में रूसी या स्कैल्प में क्रैडल कैप की समस्या हो तो नेचुरल स्ट्रेंथनिंग बेबी शैंपू का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे न सिर्फ बालों से रूसी निकल जाती है बल्कि बालों के जड़ों को दो गुना मजबूती मिलती है। इससे बालों को एक नई चमक मिलता है।
  • इसके अलावा रिसर्च की मानें तो नवजात शिशु के स्कैल्प और स्किन को ऑयल मसाज की बहुत जरूरत होती है। इससे शिशु की त्वचा अपनी नमी नहीं खो पाती है। ऑयल मसाज के लिए ऑर्गैनिक कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल सबसे सेफ होता है। 

नवजात शिशु को कैसे नहलाना चाहिए? । Bath time tips for new born babies

शिशु को नहलाने तभी ले जाएं जब उसका पेट भरा हुआ और नींद पूरी हो गई हो, नहीं तो बच्चा चिड़चिड़े मूड में रहते हैं या नहलाते समय चिल्लाते हैं। 

  • शिशु को नहलाने के समय उसकी जरूरत की सभी चीजों को अपने पास रख लें।
  • नवजात शिशु को नहलाने के समय टब में छोड़कर कभी भी बाहर न जाएं, दुर्घटना होने की आशंका रहती है।
  • शिशु को नहलाने के पहले टब में पानी को गुनगुना गर्म कर लें और शिशु को उसमें बैठाने से पहले अपने कोहनी को डुबोकर पानी की गर्माहट को भांप लें।
  • शिशु का पैर सबसे पहले टब में डालें। फिर उसके सिर के पीछे अपने हाथों का सहारा देकर उसको धीरे-धीरे नहलाना शुरू करें।
  • नहलाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से पोंछकर कपड़े पहनाएं।
  • अगर डायपर रैशेज की परेशानी है तो डायपर रैश क्रीम लगाना न भूलें। क्योंकि डायपर रैशेज से शिशु को बहुत परेशानी होती है।

अब तक के चर्चा से आपने जान ही लिया होगा कि नवजात शिशु को कितनी बार नहलाना चाहिए। आखिर क्यों रोजाना नहलाने की जरूरत नहीं होती। साथ ही न्यू मॉम्स को बेबी प्रोडक्ट्स को खरीदने के समय हमेशा लेवल पढ़ने की जरूरत होती है ताकि वह अपनी नन्ही-सी जान के लिए सेफ प्रोडक्ट्स का चुनाव कर सके।  इसलिए बेबी हेयर ऑयल या बेबी हेयर शैंपू, बेबी वाश आदि खरीदने के समय सामग्रियों को एक बार जरूर पढ़ लें। #LablePadhoMoms आपके बच्चे के लिए आपका जागरूक होना बहुत जरूरी है। 

नोट: ऊपर जो भी जानकारी हमने आपसे शेयर किया है, वह न ही डॉक्टर की राय है और न ही प्रतिस्थापन है। कोई भी जानकारी ट्राई करने के पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें।

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