8 Feb 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
प्रेगनेंसी के दौरान आपका शरीर कई तरह के नई भावनाओं और संवेदनाओं का अनुभव करता है। क्योंकि इस समय हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव होता है और ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। इसलिए इस समय प्रेगनेंसी में सेक्स की इच्छा में भी नॉर्मल अवस्था की तुलना में बदलाव आता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान हर महिला का अनुभव अलग-अलग होता है। लेकिन शारीरिक अवस्थाओं में बदलाव सेक्स ड्राइव, मूड, वजन, खाने की आदतें और नींद के पैटर्न में परिवर्तन ला देता है।
लेकिन खुशी की बात यह है कि प्रेगनेंसी के सेकंड ट्राइमेस्टर या दूसरी तिमाही के दौरान शरीर मे जो परिवर्तन हुए होते हैं, उनमें थोड़ी स्थिरता आ जाती है। इस स्टेज में कपल्स अपनी सेक्स लाइफ को फिर से रिफ्रेश कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार प्रेगनेंसी के इस स्टेज में कपल्स अपने प्यार में अधिक सुरक्षित और अंतरंग महसूस करते हैं।
प्रेगनेंसी के प्रारंभिक अवस्था में जो मतली, उल्टी और थकान, की परेशानी से महिलाएं जुझती हैं, वह दूसरी तिमाही तक आते-आते उनके लिए संभालना बहुत आसान हो जाता है। गर्भवती महिला की ऊर्जा का स्तर अपने आप ठीक हो जाता है, भूख लगने की संभावना बढ़ जाती है, और साथ ही कामेच्छा बढ़ने की संभावना रहती है।
यहां पांच तरीके बताए गए हैं, जिनके कारण प्रेगनेंसी आपके सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकती है।
प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण हॉर्मोनल बदलाव, थकावट, ब्रेस्ट में संवेदनशीलता बढ़ जाती है। लेकिन दूसरी तिमाही आते-आते एनर्जी का लेवल थोड़ा बढ़ जाता है, जिसके कारण प्रेगनेंसी में सेक्चुअल डिसायर में बढ़ोत्तरी होती है। कुछ महिलाओं में तो दूसरी तिमाही में सेक्स की इच्छा बढ़ जाती है।
शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाने के कारण यौन अंगों, स्तनों और वल्वा में भी ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है। उस बढ़े हुए ब्लड फ्लो से उत्तेजना और संवेदनशीलता बढ़ जाती है। यह पूरी तरह से नॉर्मल है। इसके कारण दोनों पार्टनर के बीच सेक्स की इच्छा में बढ़ोत्तरी होती है।
कई महिलाओं में पहली तिमाही के अंत में और दूसरी तिमाही में यौन इच्छा में बढ़ोत्तरी होती है। लिबिडो के बढ़ने के कारण वजाइनल लुब्रिकेशन और जेनिटल में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। इससे दोनों के बीच प्यार का बंधन और भी गहरा हो जाता है। प्रेगनेंसी में सेक्स मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से जुड़े रहने का एक शानदार तरीका है।
इस तिमाही में गर्भवती माँ का शरीर नया आकार लेता है। फुलर ब्रेस्ट, राउंडर हिप्स और कामुक फिगर होने वाली माँ को सेक्सी बना देता है। उनका यह फिगर पार्टनर को अंतरंग होने में मदद करता है।
प्रेगनेंसी के किसी भी स्टेज में स्ट्रेस लेना अच्छा नहीं होता है। इस समय गर्भवती महिलाएं सकारात्मक सोच का अनुभव करती है, इसलिए स्ट्रेस से भी दूर हो जाती है, जो उनको पार्टनर के साथ अंतरंग होने में मदद करती है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि क्यों सेकंड ट्राइमेस्टर में प्रेगनेंसी में सेक्स करना सेफ होता है, बशर्ते की वहां जबरदस्ती नहीं प्यार और स्नेह हो।
एक्सपर्ट टिप्स-
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