25 Apr 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 421 Articles
मलेरिया, परजीवी से होने वाला संक्रामक रोग है। जब प्लास्मोडियम परजीवी से इंफेक्टेड मच्छर किसी को काटता है, तो उसे मलेरिया हो जाता है। पूरे विश्व में मलेरिया के कारण कई मौते होती हैं। गर्भवती महिला को मलेरिया होने पर उसे काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इस नाजुक अवस्था में महिला की इम्यूनिटी भी कम हो जाती है, जिसके चलते यह कई बार घातक असर दिखा सकता है।
आइए, आगे समझते हैं कि गर्भावस्था में मलेरिया होने से क्या कुछ होता है।
जी हां, मलेरिया होने पर गर्भपात हो सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, मलेरिया इन्फेक्शन के कारण गर्भपात होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के समय नीचे बताए गए मलेरिया के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
गर्भावस्था के समय मलेरिया होने पर गर्भवती और होने वाले शिशु का स्वास्थ्य कई तरह से प्रभावित हो सकता है। इस समय मलेरिया के कारण कुछ इस तरह के प्रभाव देखे जा सकते हैं।
गर्भावस्था में मलेरिया के लक्षण कई सारे दिखाई देते हैं। इन लक्षणों में ये शामिल हैं।
जी हां, प्रेग्नेंसी के समय मलेरिया का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए किन इलाज के तरीको को अपनाया जाता है, आगे समझिए।
प्रेग्नेंसी के समय मलेरिया होने पर गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, इस समय मलेरिया के जोखिम को दूर रखने वाले उपाय को अपनाना बेहतर विकल्प होता है। इसके लिए मलेरिया से बचाव के इन तरीकों को फॉलो कर सकते हैं –
प्रेग्नेंसी नाजुक दौर है, इसलिए इस समय होने वाली हर दिक्कत से महिला के साथ ही गर्भस्थ शिशु को जान का खतरा रहता है। ऐसे में मलेरिया से बचाव के तरीके अपनाकर गर्भवती महिला खुद को और अपने गर्भस्थ शिशु को मलेरिया से सुरक्षित रख सकती है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
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