1 Mar 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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पिता और बेटी की मैजिकल बॉन्डिंग किसी से छुपी नहीं है। बेटी पिता की जान होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों उन दोनों के बीच इतनी गहरी बॉन्डिंग होती है। हाल ही में मशहुर एक्टर रणबीर कपूर ने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ के प्रमोशनल इवेंट में अपनी नन्हीं परी राहा को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि राहा ने दो हफ्तों से मुस्कुराना शुरू किया है, और वो मीठी मुस्कान देखकर पूरी तरह से फ्रेश हो जाते हैं। इससे आप समझ ही सकते हैं कि पिता के लिए बेटी क्या मायने रखती है।
रणबीर कपूर ने जिस तरह से प्रमोशनल इवेंट में बताया कि जब भी उनको अपने काम से घर से बाहर रहना पड़ता है, तब नन्हीं परी राहा को बहुत मिस करते हैं। घर पर जब भी होते हैं तब राहा के आस-पास रहना ही उनको अच्छा लगता है। इन सब बातों ये स्पष्ट रूप से खुलकर बाहर आता है कि पिता की लाडली बेटी के लिए उसके पापा का होना जितना जरूरी होता है, उसी तरह से बेटी का पिता के जीवन में अहम् भूमिका होती है।
सच तो यह है कि पिता के साथ बेटी का रिश्ता दोनों के मनोवैज्ञानिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तव में, जब पिता अपनी बेटियों के जीवन में मौजूद होते हैं, तो लड़कियां बहुत ही आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनकर बड़ी होती हैं और उन्हें इस बात की स्पष्ट समझ होती है कि वे जीवन में क्या चाहती हैं। उसी तरह से बेटी के जन्म लेने के बाद पिता भी जिंदगी को एक अलग ही नजरिये से देखने लगते हैं। अब वह जिंदगी का कोई भी फैसला लेने के पहले अपनी बेटी और अपनी फैमिली की बात पहले सोचते हैं।
पापा रणबीर कपूर और नन्हीं परी राहा के रिश्ते के आधार पर ही जानते हैं कि आखिर बेटी और पापा के बीच मैजिकल बॉन्डिंग क्यों होती है। क्या है इस मैजिकल बॉन्डिंग के पीछे का सीक्रेट-
रणबीर कपूर ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि नन्हीं परी राहा का उनके जीवन में आने से वह पहले से भी ज्यादा जिम्मेदार बन गए हैं। बेटी की हर छोटी-छोटी हरकतों का आनंद उठाने से वह पीछे नहीं रहते हैं। इसीलिए उन्होंने प्रमोशनल इवेंट में बताया कि सीटी ऑफ जॉय के लिए फ्लाइट पकड़ने से पहले सिर्फ 20 मिनट बेटी के साथ बिताने पर वह कितने फ्रेश हो गए।
अपनी बेटी के साथ पॉजिटिव रिलेशन बनाने के लिए, जिस दिन उसका जन्म होता है, उसी दिन से शुरुआत करनी चाहिए। अपने बच्चे की देखभाल में सक्रिय भूमिका निभाते हुए शुरू से ही उनके जीवन में शामिल होना ही बेस्ट होता है। अपने बच्चे के साथ संबंध बनाने के लिए, डायपर बदलें, उन्हें गले लगाएं, नहलाएं और उन्हें खिलाएं। इससे अपने पार्टनर का सपोर्ट करना भी हो जाता है और बेटी के साथ बॉन्डिंग भी मजबूत हो जाती है। रणबीर कपूर भी को-पेरेंटिंग को बहुत महत्व देते हैं।
रणबीर कपूर ने इसी प्रमोशनल इवेंट में यह भी बताया कि नन्हीं परी ने उनको प्यार की नई समझ दी है। उन्हें अपनी जिंदगी को समझने का एक नया पहलू मिला है।
जिस तरह बेटी की जिंदगी में पापा उसके रोल मॉडल, पहले रियल लाइफ हीरो होते हैं, उसी तरह से पिता की जिंदगी में बेटी उनकी जिंदगी को नया मोड़ और नई दिशा देती है।
एक्सपर्ट टिप्स: जिस तरह से माँ का स्किन टू स्किन टच शिशु के साथ बॉन्डिंग के लिए जरूरी होता है, उसी तरह से पिता का भी जरूरी होता है। इसलिए बेटी को गोद लें, उसको सीने से लगाकर सुलाएं। लेकिन ये सब काम करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
इसके अलावा बेटी के साथ बॉन्डिंग को मजबूत करने के लिए मसाज कर सकते हैं, इससे पापा का स्पर्श बेटी को सुरक्षित छांव में होने का एहसास दिलाता है।
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