8 Jun 2022 | 1 min Read
Mona Narang
Author | 171 Articles
Mousumi Dutta
एक तरफ बच्चों को ही आने वाले कल का भविष्य बताया जाता है, तो वहीं, दूसरी तरफ बाल मजदूरी भी देश में अपने पैर पसार रही है। इसका सबूत है यह सरकारी आंकड़ा। एक सरकारी सर्वे के अनुसार, भारत की कुल आबादी के बच्चों में से 100 लाख से अधिक बच्चे बाल मजदूरी करते हैं। इनमें शामिल बच्चों की उम्र 5 से 14 साल के बीच बताई गई है।
ऐसे में हर पेरेंट्स को अपने बच्चों को बाल मजदूरी के बारे में उचित शिक्षा देनी चाहिए। ताकि वे बच्चे अपने पड़ोस, स्कूल, पार्क व अन्य स्थानों के गरीब बच्चों की मदद कर सकें और उन्हें बाल मजदूरी से बचा सकें। बाल मजदूरी रोकने के लिए आप अपने बच्चों को किस तरह से जागरूक कर सकते हैं, इसके लिए हमारा यह लेख आपके लिए मददगार हो सकता है।
बच्चों को बाल मजदूरी के प्रति जागरूक करने व बाल श्रम को रोकने के लिए नीचे कुछ टिप्स साझा कर रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
सबसे पहले अपने बच्चे को बाल मजदूरी क्या है, इससे वाकिफ कराएं। भारतीय संविधान के मुताबिक, अगर किसी फैक्टरी, उद्योग, कारखाने या किसी कंपनी में 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मानसिक या शारीरिक श्रम कराया जाता है, तो इसे बाल श्रमिक कहा जाता है। जो कोई सरकार के इस प्रावधान का उल्लंघन करता है, उसे 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना या फिर तीन साल तक जेल में रहने की सजा मिलती है।
बच्चे को बताएं कि हर बच्चे को आरटीई यानी राइट टु एजुकेशन का हक है। इसलिए, अगर उन्हें अपने आस-पास कोई बच्चा मजदूरी करता दिखाई दे, तो उन्हें इस बारे में सीधे अपने टीचर्स व परिवार के लोगों को बताना चाहिए।
बच्चों को समझाएं कि जैसे उनके पास हर जरूरत का सामान उपलब्ध है। ऐसा हर किसी के साथ नहीं है। पार्क में साथ खेलने वाले बच्चे व आस-पास के इलाके में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के हालात से उन्हें रुबरु कराएं। उन्हें समझाएं कि उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी की जरूरतों के लिए क्या कुछ करना पड़ता है।
इससे बच्चा इस बात को समझेगा कि जो चीजें उसके काम की नहीं है, उन्हें व उन बच्चों को देकर उनकी मदद कर सकता है।
बच्चों को चाइल्ड लेबर के बारे में समझाते हुए उन्हें उनके पुराने बैग, कपड़े, किताबें, लंच बॉक्स आदि चीजों को गरीब बच्चों को दान देने के लिए तैयार करें। उन्हें बताएं कि इन बच्चों को भी रोज स्कूल जाने के लिए बैग, कॉपी से लेकर कपड़ों की जरूरत होती है। इन चीजों को लेने के लिए वे काम पर जाकर पैसे कमाएं। इससे बेहतर होगा कि आप अपनी पुरानी चीजें उन्हें गिफ्ट करें।
बच्चों के हाथ से उन्हें स्कूल जाते समय या स्कूल से आते समय गरीब बच्चों को लंच व स्नैक्स दिलवाएं। इससे भी बच्चे में शेयरिंग बढ़ेगी। बच्चे को समझाएं कि ये बच्चे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की जरूरी चीजें, जैसे रोटी, कपड़ा और पढ़ाई के लिए काम पर जाने के लिए मजबूर होते हैं। यदि आप उन्हें पुरानी किताबों, कपड़ों के साथ खाना भी शेयर करेंगे, तो ये मन लगाकर पढ़ाई कर पाएंगे।
गरीब बच्चों संग उन्हें अपनी पॉकेट मनी का कुछ हिस्सा शेयर करने के बारे में समझाएं। बच्चे को बताएं कि जब उन्हें पॉकेट मनी मिलती है, तो वो कितना खुश होते हैं। लेकिन, उनके आस-पास कुछ ऐसे बच्चे हैं जिन्हें कोई पॉकेट मनी नहीं मिलती। इसलिए, उन्हें भी जरूरतमंद बच्चों के साथ अपनी पॉकेट मनी का कुछ हिस्सा शेयर कर उन्हें खुशी देनी चाहिए। इससे वो भी कभी-कभार अपनी पसंद की चीजें खरीद पाएंगे।
बच्चे नादान होते हैं। उन्हें ठीक और गलत की अभी पहचान नहीं होती है। ऐसे में कुछ बच्चे गरीब बच्चों के हालात का मजाक बनाने लगते हैं। यदि आपका बच्चा ऐसा करता है, तो उसे ऐसा करने से तुरंत रोकें। साथ ही उन्हें ऐसे बच्चों के प्रति अच्छा व्यवहार रखने की शिक्षा दें।
आपने अपने बच्चे को गरीब बच्चों की परिस्थिती की इज्जत करना सिखाएं। उन्हें एक-दो ऐसे उदाहरण दें कि उन्हीं के बीच में से एक बच्चा बड़ा होकर इतना कामयाब बना है। उन्हें उनकी बेसिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के साथ उनकी परिस्थिती की इज्जत करना सिखाएं।
यदि घर में कोई सफाई करने या खाना बनाने वाली बाई आती है। तो उन्हें उनके साथ उनके बच्चों को भी लाने के लिए कहें। आप अपने बच्चे के साथ-साथ उन्हें भी पढ़ाएं। आपका बच्चा बड़ी क्लास में है, तो उसे कुछ देर बच्चे को पढ़ाने के लिए कहें। बच्चे को समझाएं कि ज्ञान को जितना बांटा जाए वो उतना बढ़ता है। इस तरह वो गरीब बच्चे को बाल मजदूरी करने से रोकने में तो कामयाब होगा। साथ ही उसे एक सफल इंसान बनने में मदद करेगा।
इस लेख में आपने अपने बच्चों को बाल मजदूरी के बारे में जागरूक करने के साथ इसे रोकने के कुछ उपाय दिए हैं। बच्चे को बाल श्रम के संकट से बचाने के लिए लेख में बताई गई बातों को हर पेरेंट को अपने बच्चों तक जरूर पहुंचानी चाहिए।
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