3 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
Medically reviewed by
Mousumi Dutta
हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) का आयोजन किया जाता है। पर्यावरण न सिर्फ हमें ऑक्सीजन देता है, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राकृतिक स्रोतों का जीवनदाता भी है। इसलिए, यह जरूरी है हम अपने आने वाले सुरक्षित कल के लिए आज से ही पर्यावरण की देखभाल करनी शुरू कर दें। खुद के साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस के प्रति अपने बच्चों को भी जागरूक करना चाहिए। ताकि वे भी प्राकृतिक संसाधनों व एनर्जी को बचाने का हुनर सीख सकें।
‘जल ही जीवन है’, यह एक ऐसा स्लोगन है, जिसे हम और हमारे पापा-दादा-नाना बचपन से ही सुनते व किताबों में पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी हम और बाकी सभी पानी के इस्तेमाल का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे में खुद के साथ ही अपने बच्चों को बेवजह पानी बरबाद करने की आदत से बचाएं। यहां पर पानी की बरबादी रोकने के कुछ तरीके हैं, जैसेः
इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि बिगड़ते पर्यावरण के हालात ने दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का संदेश दे दिया है। इसका सबसे बड़ा कारण है प्राकृतिक संसंधानों से छेड़छाड़ करना और आर्टिफीशियल चीजों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना। इसी में एक नाम एसी का भी शामिल कर सकते हैं।
एसी जरूरत से अधिक बिजली की खपत करता है, जो सीधे तौर पर अधिक कोयले व पानी की खपत को बढ़ा देता है। इसके अलावा, दूसरी तरफ कोयले की अधिक खपत वायु प्रदूषण बढ़ाता है और पानी की अधिक खपत सूखे को बढ़ा रही है। और तो और एसी में एक खास तरह की गैस का इस्तेमाल किया जाता है, जो ओजोन परत के लिए हानिकारक है।
ऐसे में गर्मियों के दिनों को आरामदायक बनाने के लिए कूलर और पंखे के इस्तेमाल पर जोर दे सकते हैं। साथ ही, यहां पढ़ें एसी की खपत कम करने के कुछ अन्य तरीकेः
जाहिर है अगर बच्चा दिनभर घर के अंदर रहेगा और वह थोड़े ही समय के लिए घर से बाहर निकलेगा, तो उसे घर के बाहर गर्मी का एहसास भी अधिक हो सकता है। ऐसे में छुटट्टी के दिन व होमवर्क करने के बाद बच्चे को सुबह, दिन के समय पार्क में खेलने के लिए भेंजे।
पार्क में बच्चे ऐसे कई तरह के खेल खेलते हैं, जिनमें पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। ऐसे में बच्चा अपने आप ही पर्यावरण से लगाव महसूस कर सकता है और उसे गर्मी का एहसास भी कम हो सकता है।
जन्मदिन, घर में पूजा या कोई त्यौहार या कोई अन्य खास दिन आने पर बच्चे को पार्क में, स्कूल में या अन्य खाली मैदान में पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित करें। साथ ही, समय-समय पर उसकी देखभाल करने के लिए भी प्रेरित करते रहे हैं। ऐसे में बच्चा अपनी इस आदत को अपने दोस्तों तक भी शेयर कर सकता है और सारे बच्चे मिलकर अपने आस-पास के क्षेत्र को हरा-भरा बनाने में अहम योगदान भी दे सकते हैं।
बच्चों के लिए साइकिल चलाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन यह पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है। साइकिल चलाने के लिए किसी भी तरह के ईधन जैसे – पेट्रोल, डीजल, बैटरी या बिजली के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होती है। जो सीधे तौर पर पानी व पर्यावरण दोनों की ही बर्बादी को रोकते हैं।
इसके अलावा, साइकिल में हॉर्न के तौर पर एक ट्रिंग-ट्रिंग करती घंटी लगी होती है, जिसकी आवाज ध्वनी प्रदूषण भी नहीं करते हैं। ऐसे में साइकिल चलाने की अच्छी आदत से बच्चा विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने में अपना योगदान दे सकता है।
जब भी बच्चा पढ़ना-लिखना शुरू करे, तो उसे ऐसे पाठ पढ़ानें पर जोर दें, तो उसके मानसिक व सामाजिक विकास को बढ़ा सकें। इसके लिए पेरेंट्स बच्चों में विभिन्न विषयों के साथ ही पर्यावरण पर निबंध लिखने की आदत भी विकसित कर सकते हैं।
पर्यावरण पर निबंध लिखने से बच्चा आए दिन पर्यावरण की अहमियत और इसे हो रहे नुकसान को अच्छे से भांप सकता है और खुद ही पर्यावरण को बचाने के लिए कोई योजना सोच सकता है।
बच्चे अपने भोजन की थाली से हमेशा आधे से अधिक भोजन बर्बाद करते हैं। याद रखें भोजन भी एक प्राकृतिक और पर्यावरण की देन है। इसलिए, बच्चे की थाली में उतना ही खानें सर्व करें, जितना वो खा सकता हो। उसके एक बार में अधिक खाना सर्व न करें।
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की अहमियत समझना आज के समय में बहुत जरूरी हो गई है। सभी लोगों को इस बात पर जोर देना चाहिए कि पर्यावरण किसी एक का नहीं है। यह हम सबका है और बराबर का है। इसलिए, हमें खुद भी इसे बचाने, सुरक्षित रखने और इसकी बिगड़ती तबीयत को ठीक करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। तभी हम अपने बच्चों के लिए पर्यावरण दिवस को सुरक्षित बनाए रख सकते हैं।
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