30 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 408 Articles
जब तक शिशु की उम्र 6 माह की नहीं हो जाती, तब तक उसे सिर्फ माँ का ही दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कुछ ऐसी भी स्थितियां हो सकती हैं, जहां पर शिशु के लिए दूध के रूप में स्तनपान का विकल्प अधूरा रह सकता है। ऐसे में बच्चे को गाय या भैंस का दूध आखिर कौन-सा दूध व कब से देना चाहिए, यह एक बड़ा सवाल हो सकता है।
शिशु के लिए दूध (Best Milk For Children) के तौर पर पेरेंट्स को गाय या भैंस का दूध किस तरह से और कब से पिलाना चाहिए, इसी की जानकारी इस लेख में दी गई है। यहां शिशु को दूध पिलाने के नियम विस्तार से बताए गए हैं।
रिपोर्ट्स और डॉक्टर्स दोनों की ही सलाह होती है कि 6 माह तक की उम्र के नवजात शिशुओं को सिर्फ माँ का दूध यानी स्तनपान ही कराना चाहिए। दरअसल, छोटे बच्चे की इम्यूनिटी विकसित होती रहती है, जिससे उन्हें दूध पचाने में अधिक समय लग सकता है।
वहीं, माँ का दूध लो फैट होता है और प्रोटीन से समृद्ध होता है। इसलिए, नवजात शिशु आसानी से माँ का दूध हजम कर सकते हैं और उनके शरीर को उचित पोषण का प्यार भी मिल सकता है।
वहीं, जब बच्चे 6 माह से बड़े हो जाते हैं, तो सिर्फ माँ का दूध ही शिशु के आहार के लिए काफी नहीं होता है। उन्हें माँ के दूध के साथ ही अन्य ठोस आहार खिलाने की सलाह भी दी जाती है। ऐसे में बच्चे को गाय या भैंस का दूध पिलाया जा सकता है। बच्चे को गाय या भैंस का दूध पिलाने से जुड़ी बातों को विस्तार से पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें।
एक तरह से देखा जाए, तो माँ के दूध के अलावा शिशु के लिए दूध का वैकल्पिक रूप गाय या भैंस जैसे अन्य पालतू जानवरों के दूध को भी बनाया जा सकता है। पर अधिकांश तौर पर गाय व भैस का दूध आसानी से उपलब्ध रहता है और ये सुरक्षित व ऊर्जा का स्रोत भी माने जाते हैं। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर पेरेंट्स अपने बच्चे को गाय या भैंस का दूध पिलाना शुरू कर सकते हैं।
सीडीसी के अनुसार, 12 माह यानी 1 वर्ष व इससे बड़ी आयु के शिशु को गाय का दूध डेढ़ से दो कप की मात्रा में दिनभर में पिलाया जा सकता है। शिशु को गाय का दूध पिलाने से उसे कई तरह के लाभ मिल सकते हैं, जैसेः
अगर शिशु 1 वर्ष से छोटा है, तो गाय का दूध पिलाने से उसके स्वास्थ्य पर कुछ नकारात्मक प्रभाव हो सकता है, जैसेः
शिशु को दूध पिलाने के नियम यह भी कहते हैं कि गाय की तरह ही भैंस का दूध भी 12 माह यानी 1 वर्ष व उससे बड़ी उम्र के बच्चों को 2 कप तक की मात्रा में पिलाया जा सकता है।
इस बात का ध्यान रखें कि अगर शिशु की उम्र 1 वर्ष या उससे अधिक है, तो बच्चे को गाय या भैंस का दूध पिला सकते हैं। हालांकि, बच्चे को गाय या भैंस का दूध दोनों में से कौन-सा पिलाना चाहिए, यह बच्चे के स्वास्थ्य व उसकी शारीरिक जरूरतों पर भी निर्भर कर सकती है।
शिशु को गाय या भैंस का दूध पिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस सवाल पर मैटरनल केयर और चाइल्ड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर पूजा मराठे की सलाह है कि “सबसे जरूरी है कि बच्चे को कितनी मात्रा में दूध पिलाना है, इसका ध्यान रखा जाए। इसके बाद, यह भी ध्यान रखें कि बच्चा कम से कम 1 साल का या इससे अधिक उम्र के हो और इससे भी जरूरी बात है कि जब भी बच्चे को गाय या भैंस का दूध पिलाएं तो उसमें पानी मिलाकर पिलाएं।
वहीं, जब बच्चा 3 वर्ष का हो जाए, तो उसे सीधे तौर पर भैंस का दूध दिया जा सकता है। भैंस के दूध में सभी पोषक तत्वों की मात्रा गाय के दूध के मुकाबले अधिक होती है। वहीं, बढ़ती उम्र के साथ ही शिशु के शरीर में पोषण तत्वों की खुराक भी बढ़ सकती है। ऐसे में बड़े बच्चों के आहार में भैंस का दूध का शामिल करना अच्छा और स्वाथ्यकारी विचार हो सकता है।
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