17 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
सिगरेट पीने के नुकसान से हर कोई अच्छे से वाकिफ है, लेकिन आंकड़ों पर गौर करें, तो यह काफी चौंकाने वाले हैं। रिसर्च के अनुसार, भारत की कुल आबादी के 12 करोड़ लोगों में स्मोकिंग की आदत है। यानी देखा जाए, तो हर तीसरे घर का सदस्य धूम्रपान करता है। ऐसे में बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके, यह पेरेंट्स के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके या बड़े लोगों में धूम्रपान छोड़ने की आदत कैसे विकसित की जा सके, इसी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो तंबाकू डे (World No Tobacco Day) यानी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
चलिए, जानते हैं कि अगर घर में पिता या किसी अन्य सदस्य में स्मोकिंग की आदत है, तो बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके और उन्हें सिगरेट पीने के नुकसान कैसे समझाएं।
बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके, इसका सबसे बेहतर तरीका है उन्हें सिगरेट पीने के नुकसान के बारे में विस्तार से बताना। सिगरेट पीने के नुकसान न सिर्फ व्यक्ति के खुद के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, बल्कि उसके आस-पास रहने वाले अन्य लोगों व पर्यावरण के लिए भी हानिकारक माना गया है। इन्हीं बातों के बारे में बच्चों को कैसे समझाएं, यह नीचे विस्तार से पढ़ें।
बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके इसे समझाने के लिए स्मोकिंग के नुकसान बताने जरूरी है। बच्चों को यह बताएं कि सिगरेट पीने के नुकसान धीरे-धीरे फेफड़ों को खत्म करते हैं, इससे जीवनरेखा भी कम हो सकती है। धूम्रपान में कार्बन मोनोऑक्साइड होता है, जो खून में प्रवेश करके सीधे तौर पर ऑक्सीजन क्षमता को घटा सकता है। इससे सांस से जुड़ी विभिन्न समस्याएं जैसे – खांसी, सांसों से घरघराहट की आवाज, अस्थमा की समस्या हो सकती है।
एक जर्नल में यह साफ बताया गया है कि सिगरेट पीने के नुकसान सीधे तौर पर आंखों की रोशनी के जोखिम पैदा कर सकते हैं। यह बच्चों में कई तरह से दृष्टि विकार का कारण बन सकता है। इस जर्नल के अनुसार, बच्चे जैसे-जैसे स्मोकिंग या सिगरेट के धुएं के करीब रहते हैं, उनकी आंखों के पीछे की संचरना गलने लगती है।
इससे मोतियाबिंद, मधुमेह रेटिनोपैथी, ड्राई आई सिंड्रोम और ग्लूकोमा जैसे अन्य खतरों का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए स्मोकिंग के नुकसान में बच्चों को बताएं कि यह न सिर्फ खुद के लिए हानिकारक है, बल्कि हमारे आस-पास रहने वाले अन्य लोगों के लिए भी जोखिम का कारक है।
सिगरेट पीने के नुकसान के कई उदाहरण हमें टीवी, रेडियो और न्यूज पेपर के जरिए मिलता रहता है, लेकिन हो सकता है कि बच्चा स्मोकिंग के नुकसान के इस तरह के उदाहरण को सिरियस न लें। ऐसे में अगर आस-पास कोई व्यक्ति स्मोकिंग करता है और उसके स्वास्थ्य पर स्मोकिंग के नुकसान दिखाई दे रहे हो, तो उस व्यक्ति की चिंताजनक स्थिति बच्चे को बता सकते हैं।
अगर घर में किसी सदस्य को स्मोकिंग की आदत है और इसी के साथ बच्चे का कोई दोस्त भी स्मोकिंग की आदत रखता हो, तो इसकी संभावना बढ़ सकती है कि बच्चे में भी स्मोकिंग की आदत हो सकती है। ऐसे में अपने बच्चे के फ्रेंड सर्कल को अच्छे से जानें।
जब भी मौका मिले बच्चे के साथ ही उसके दोस्तों के साथ भी समय गुजारें। अपने बच्चे के साथ ही उसके दोस्तों को भी धूम्रपान छोड़ने की आदत के लिए प्रेरित करें और उन्हें सिगरेट पीने के नुकसान पर विस्तार से बताएं।
बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके, इसका एक और उपाय है और वो है स्मोकिंग के नुकसान से प्रदूषित होते वातावरण को दिखाना। बच्चे को बताएं कि स्मोकिंग का धुएं से न सिर्फ फेफड़ों की समस्या होती है, बल्कि लंग कैंसर, स्किन कैंसर जैसी अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती है।
ये बीमारियां न सिर्फ सिगरेट पीने वाले शख्स को हो सकती हैं, बल्कि उसके धुएं से प्रदूषित हो रहे वातावरण में रहने वाले अन्य लोगों को भी हो सकती है।
बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके इसके सभी तरीके व उपाय तभी काम आ सकते हैं अगर पेरेंट्स खुद भी इन बातों को फॉलो करें। अगर घर के किसी सदस्य में स्मोकिंग की आदत है, तो उसमें धूम्रपान छोड़ने की आदत विकसित करें। इसके लिए डॉक्टर और अन्य नो स्मोकिंग सपोर्ट कल्ब की मदद भी ले सकते हैं।
ध्यान रखें बच्चों की पहली शिक्षा उसके घर-परिवार व पेरेंट्स से ही शुरू होती है। इसलिए पेरेंट्स की अधिकतर आदतें बच्चे में अपने-आप विकसित भी हो सकती हैं। यही वजह है कि बच्चों को स्मोकिंग से कैसे रोके, इसके उपाय करने से पहले पेरेंट्स को खुद भी सिगरेट पीने के नुकसान का ध्यान रखना चाहिए और धूम्रपान छोड़ने की आदत पर जोर देना चाहिए।
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