22 May 2018 | 1 min Read
Sonali Shivlani
Author | 213 Articles
एक बच्चा अपनी मां का सबसे पहला स्पर्श तब महसूस करता है, जब वो उसे स्तनपान करवाती है. ये पल मां-बच्चे के रिश्ते का सबसे ख़ास पल होता है. समय के साथ मां को भी बच्चे की बढ़ती ज़रूरतों के हिसाब से फ़ीड प्लैन करना चाहिए।
एक्सपर्ट्स के हिसाब से एक मां को बच्चे के जन्म के 6 महीने तक उसे सिर्फ़ अपना दूध पिलाना चाहिए, अगले 6 महीनों में खिचड़ी या दलिया जैसे सॉलिड्स और दो साल का होने तक उसे ज़्यादातर दूसरे खाने पर निर्भर बनाना चाहिए, जिसमें फ़ीड कराने की मात्रा कम से कम हो.
वैसे ये पैरामीटर हर मां अपने हिसाब से तय करती है. कई बार बच्चे 2 साल से पहले ही ख़ुद दूध पीने छोड़ देते हैं, कई बार मां को प्रोफ़ेशनल रीज़न की वजह से छोड़ना पड़ता है. मुझे याद है, मेरी छोटी बहन लगभग 3 साल मां का दूध की पीती थी. तो ये मां और बच्चे दोनों पर निर्भर करता है. हालांकि बच्चे का दूध छुड़वाने के लिए प्लानिंग की ज़रूरत है.
स्वाभाविक तरीके से फ़ीड टाइम कम्पलीट करना
इसमें आप बच्चे को अपना दूध और सॉलिड खिलाने के बीच तालमेल बैठा सकती हैं. जैसे दिन में दो दफ़ा अपने फ़ीड करवाया और 3 दफ़ा उसे कुछ और खाने को दिया, तो ये ब्रेक आपकी बॉडी को सिग्नल देता है. शरीर धीरे-धीरे मिल्क बनाना कम करता है और कुछ समय बाद ये पूरी तरह बंद हो जाता है. हालांकि ध्यान रहे, ऐसा तभी करें जब बच्चे को बाकी चीज़ों से भी पोषण मिल रहा हो और मां के दूध पर उसकी Dependency कम से कम हो.
एकदम से फ़ीड बंद कराना
कई बार कुछ कारणों से एक मां को फ़ीड करवाना बंद करना पड़ता है. वजह उसकी हेल्थ या फिर महीनों बाद ऑफ़िस जाना भी हो सकता है. एकदम से फ़ीड बंद कराना बॉडी के लिए भी झटके की तरह होता है और बच्चे के लिए भी. फ़ीड न कराने पर आपको स्तनों में काफ़ी ज़्यादा भारीपन महसूस होगा और हो सकता है गांठ भी हो. ऐसे में आप एक ब्रेस्टमिल्क पंप की सहायता से मिल्क स्टोर कर सकती हैं.
1. पहले कुछ दिन पंप की मदद से मिल्क स्टोर करें।
2. धीरे-धीरे कम कर दें.
3. इसे रोकते ही ब्रेस्ट में सूजन आ सकती है, इसलिए आइसपैक का इस्तेमाल करें। थोड़ी देर स्तनों पर आइस लगा कर रखें।
4. विटामिन बी6 भरपूर चीज़ें, जैसे फिश, टर्की, बीन्स, अंडा, नट्स। इनका सेवन करें। आप अपने डॉक्टर से भी बी6 सप्लीमेंट्स की बात कर सकती हैं.
5. इस प्रक्रिया को समय से पहले पूरा करने के लिए हॉर्मोनल दवाईयों का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर के परामर्श के बाद.
दूध छुड़वाना (इसे अंग्रेजी में वीनिंग कहते हैं) थोड़ी लम्बी प्रक्रिया होती है. कई बार मां के लिए वीनिंग आसान भी होती है, क्योंकि बच्चा एकदम से दूध छोड़ देता है, लेकिन कई बार वो भले ही फ़ीड न करे, आपके स्पर्श के लिए वो मां से चिपका रहता है, ऐसे में ये प्रोसेस थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ज़बरदस्ती करने से बच्चा चिढ़चिढ़ा भी हो सकता है, इसलिए ऐसा न करें। किसी और चीज़ में उसका मन लगाना फिर भी एक बेहतर ऑप्शन है.
ध्यान रहे किदूध छुड़वाने का फ़ैसला आप काफ़ी सोच-समझ कर लें. एक बार छोड़ने के बाद शरीर में दूध बनना मुश्किल हो जाता है. इसलिए डॉक्टर से पूछना बेहतर रहेगा।
वैसे, वीनिंग को लेकर और टिप्स के लिए आप बेबी चक्रा की सुपर मॉम्स से मदद ले सकती हैं.
Happy Motherhood!
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