18 Oct 2018 | 1 min Read
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गर्भावस्था के 30वें सप्ताह में आपका शिशु तेजी से बढ़ रहा होता है, जिसके कारण आपका पेट अब और भी अधिक तना हुआ महसूस हो सकता है। गर्भावस्था के इस हिस्से में बच्चे का मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है। इस अवधि में पिछले हफ्तों की तुलना में शिशु का वजन भी थोड़ा बढ़ जाता है क्योंकि वे जन्म लेने के करीब होते हैं। इस दौरान आप क्या महसूस करते हैं और भावी शिशु के लिए किन तैयारियों की जरूरत होती है यह बताने के हम ये लेख लेकर आए हैं। अपनी गर्भावस्था से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल करने के लिए पढ़ें यह 30 वीक प्रेगनेंसी इन हिंदी साइन और सिम्पटम्स।
तीस सप्ताह की गर्भवती सात महीने से अधिक समय की गर्भवती होती है। 30 सप्ताह का मतलब है कि बस 10 हफ्तों बाद आप अपने बच्चे को जन्म देंगी यानी कि प्रसव का समय नजदीक आ गया है। 30 सप्ताह के गर्भ में, शिशु की लम्बाई 15.7 इंच और वजन 2.9 पाउंड (1.30 KG) के आस-पास होता है। गर्भस्थ शिशु 30 हफ्तों के बाद हर हफ्ते लगभग आधा पाउंड और आधा इंच बढ़ता है, यही वजह है कि आपका 30 सप्ताह में पेट काफी टाईट और तना हुआ महसूस होता है।
गर्भावस्था के 30वें हफ्ते में आपको कई शारिरिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ सकता है। बढ़ते हुए पेट के कारण उठने बैठने में परेशानी होना तो स्वाभाविक होता ही है साथ ही हार्मोनल बदलाव के कारण आपके मूड में भी परिवर्तन आ सकते हैं। आइए जानते हैं गर्भावस्था के तीसवें हफ्ते में आपको क्या-क्या महसूस हो सकता है –
गर्भावस्था के 30वें सप्ताह (30 वीक प्रेगनेंसी) में गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण फिर से वापस आ सकते हैं। आप शायद फिर से थका हुआ और मूडी महसूस कर सकती हैं, और आपको हर समय फिर से पेशाब करने की ज़रूरत महसूस हो सकती है। इस दौरान आपको अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने के तरीके खोजने चाहिए।
गर्भावस्था के इस दौर में आपको पेट में तनाव और कसाव महसूस हो सकता है क्योंकि इस महीने में बेबी का वजन तेजी से बढ़ रहा होता है। बच्चे के साथ-साथ माँ का वजन भी बढ़ता है लेकिन अधिक वजन न बढ़े इसका ध्यान रखना भी जरूरी है। बहुत अधिक वजन बढ़ने से न केवल आपकी गर्भावस्था में अधिक जोखिम होता है, बल्कि यह आपके पीठ दर्द को भी बढ़ा सकता है।
30वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड करवाना आवश्यक नहीं है, लेकिन कुछ डॉक्टर बच्चे की वृद्धि और विकास को देखने के लिए स्कैन के आदेश दे सकते हैं। इस दौरान आपके शिशु के चेहरे की रेखाएं अधिक विकसित होती हैं। अल्ट्रासाउंड पर आप यह भी देख सकती हैं कि आपके बच्चे की आंखें खुली हैं या नहीं।
अल्ट्रासाउंड के अलावा, इस दौरान आपका नॉन-स्ट्रेस टेस्ट भी किया जा सकता है। इस टेस्ट में बच्चे की हृदय गति को मापने के लिए आपके पेट पर एक बेल्ट लगाई जाएगी और दूसरी बेल्ट कांट्रेक्शन को मापेगी। नॉन-स्ट्रेस टेस्ट यह बता सकता है कि बच्चे को आवश्यक ऑक्सीजन मिल रही है या नहीं है।
गर्भावस्था के तीसवें हफ्ते में आपको सीने में जलन और कब्ज जैसी परेशानी महसूस हो सकती है जिससे भूख पर असर पड़ सकता है। सभी कारणों के बावजूद अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए आपको संतुलित भोजन करना चाहिए। अपने भोजन में आपको उन्हीं तत्वों को शामिल करने चाहिए जिनकी गर्भावस्था के दौरान आवश्यकता होती है जैसे – प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स ,हेल्दी फैट्स, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और तरल पदार्थ। इनके लिए भोजन में खूब लिक्विड, हरी सब्जियां, नट्स एंड ड्राई फ्रूट्स और डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करें।
जो सुझाव गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था में आमतौर पर दिए जाते हैं उन्हीं का पालन प्रेगनेंसी के 30वें हफ्ते में भी करना चाहिए जैसे –
गर्भावस्था का तीसवां सप्ताह डिलीवरी के करीब होता है इसलिए कुछ चीजों की खरीदारी इस समय की जा सकती हैं। यह आपको और आपके बच्चे को सुरक्षित, स्वस्थ और खुश रखने में मदद कर सकती हैं। बढ़े हुए पेट को सहारा देने के लिए आप इस दौरान अपने लिए एक प्रेगनेंसी पिलो खरीद सकती हैं, यह नींद के दौरान आपको आरामदायक पोश्चर देता है। आप अपने लिए कुछ ढीले और बड़े वस्त्र ले सकती हैं। घर में आने वाले बच्चे के स्वागत के लिए नई सजावट का सामान भी आपको नयेपन और ख़ुशी का अहसास देता है।
तो यह थी जानकारी गर्भावस्था के 30वें हफ्ते के बारे में। उम्मीद है कि आपको अपने आने वाले बच्चे के विकास और उसके लिए जरूरी रखरखाव के बारे में पढ़कर अच्छा महसूस हुआ होगा। गर्भावस्था थोड़ी नाजुक अवस्था होती है ऐसे में कम से कम चिंता करें और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के सम्पर्क में रहें ताकि किसी भी प्रकार की इमरजेंसी हो तो तुरंत सही कदम उठाए जा सकें।
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