7 Mar 2019 | 1 min Read
Vavita Bhardwaj
Author | 44 Articles
छोटे बच्चे बहुत नाजुक होते हैं इसीलिए किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से बचाने के लिए उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है। शिशु की देखभाल में न सिर्फ उन्हें सर्द-गर्म माहौल से बचाना होता है बल्कि उनकी त्वचा और आंखों का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कुछ छोटे बच्चे जन्म के बाद से ही आंखों से जुड़ी समस्या का शिकार हो जाते हैं। ऐसी ही एक समस्या है आंसू नलिकाओं का बंद होना (Blocked tear duct) जिसके बारे में माता-पिता को पता नहीं चल पाता है। बच्चों के आँख से पानी आने पर उन्हें लगता है कि वो रो रहा है, जबकि यह रोने की वजह से नहीं होता। इसका कारण टियर डक्ट का ब्लाक होना हो सकता है जिसके बारे में बेबीचक्रा के इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी दी गयी है।
आंसू वाहिकाएं आँख के अंदरूनी हिस्से में स्थित नलिकाएं होती हैं जो आंसू बनाने वाली लैक्रिमल ग्रन्थि से जुड़ी होती हैं। जो आंसू हमारी आँखों को नम बनाये रखते हैं वो छोटे बच्चों की नाक से बहकर सूख नहीं पाते और आँखों की पोटुओं में इक्कठा होते रहते हैं और आंसू वाहिनी को बंद कर देते है। आँखों के पोटुओं के कोने पर एक एक छेद होता है ,जो नाक में जाकर मिलता है। यही नाइसोलाक्रिमिनल डक्ट या वाहिनी की खुलने की जगह होती है , जब यह बंद हो जाती है तो आंसू बनते रहते हैं लेकिन बाहर नहीं निकल पाते और आँखों को हमेशा गीला रखते हैं। इसी वजह से नवजात शिशु और बच्चों की आँखों में अक्सर पीले रंग के चिपचिपे पदार्थ का निकलना देखा जाता है। ये पदार्थ लगातार आँखों से निकलकर पलकों पर जमा होता रहता है।
आइए अब आगे जानते हैं कि कैसे पहचानें कि आपके शिशु की टियर डक्ट यानि आंसू नलिका ब्लॉक हो गयी है –
बंद आंसू नलिकाओं को पहचानना आसान है क्योंकि इस समस्या के कुछ विशेष लक्षण होते हैं, आइए जानते हैं कि ब्लॉक टियर डक्ट (Blocked tear duct) के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं?
अगर शिशु रो नहीं रहा है और फिर भी उसके आँखों से पानी बहता रहता है तो यह बंद आंसू नलिका का एक लक्षण हो सकता है। आँखों में नमी रहना आम बात है लेकिन धिक पानीदार आँखें (वाटरी आईज) परेशानी की ओर इशारा करती हैं।
बंद टियर डक्ट के कारण बच्चे की आँख से निकलने वाला पानी आँख में ही सूख कर जम सकता है। सूखने के बाद यह पीला या सफेद और पपड़ीदार नजर आता है।
आँखों से निकलने वाला पदार्थ अक्सर चिपचिपा होता है इसलिए इससे पलकें आपस में चिपक जाती हैं, ख़ासतौर पर सोते समय ऐसा होता है। बच्चे के सोके उठने के बाद अगर उसकी आँखें खुलने में परेशानी होती है तो यह ब्लॉक्ड टियर डक्ट (Blocked tear duct) का एक लक्षण हो सकता है।
चलिए अब बताते हैं कि अवरुद्ध आंसू वाहिनी (Blocked tear duct) को कैसे क्लीन रखा जा सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए आँखों को साफ़ रखना और उन्हें किसी भी संक्रमण से बचाना महत्वपूर्ण है। यहाँ हम कुछ टिप्स दे रहे हैं जो शिशु की टियर डक्ट को ब्लॉक होने से बचा सकती है –
छोटे बच्चों की आँखें बहुत नाजुक होती हैं इसलिए डॉक्टरी सलाह के बिना उनकी आँखों में कुछ भी नहीं डालना चाहिए। केवल बाहरी उपचार जैसे गुनगुने तेल से नाक की मालिश या कॉटन के कपड़े से आँख की सिकाई जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं। दादी नानी के नुस्खों की बात करे तो कुछ बूँदें माँ के दूध की आँखों पर लगाने से ये परेशानी ठीक हो सकती है लेकिन इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं।
बंद आँसू नलिकाओं का इलाज करने के लिए, आपका डॉक्टर शिशु के लक्षणों के बारे में आपसे बात करके आगे की जांच कर सकता है। यदि आपके डॉक्टर को अवरुद्ध आंसू वाहिनी पर संदेह है, तो वह रुकावट के स्थान का पता लगाने के लिए आपसे अन्य टेस्ट करवा सकता है ताकि इसकी पुष्टि की जा सके। टियर डक्ट ब्लॉक होने की पुष्टि होने पर डॉक्टर नीचे लिखे तरीके अपना सकता है –
तो आपने जाना कि शिशुओं में टियर डक्ट ब्लॉक होने (Blocked tear duct) के लक्षण और उपचार क्या हो सकते हैं, उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी। शिशु की आँखों को स्वस्थ बनाने लिए समस्या को पहचानना सबसे ज्यादा जरूरी होता है, हालांकि अवरुद्ध आंसू वाहिनी के लिए हर किसी को इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसीलिए यह चिंता का विषय नहीं है। उदाहरण के लिए, अधिकांश शिशुओं में बड़े होने पर यह रुकावट खुद दूर हो जाती है। अधिक और सटीक जानकारी के लिए आपको हमेशा चाइल्ड स्पेशलिस्ट की राय लेनी चाहिए।
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