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क्या हैं गर्भावस्था के कैलकुलेटर? Pregnancy Calculator in Hindi

क्या हैं गर्भावस्था के कैलकुलेटर? Pregnancy Calculator in Hindi

27 Mar 2019 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

गर्भवती महिला की देखभाल बहुत जरूरी होती है। हफ्ते-दर-हफ्ते जैसे-जैसे गर्भावस्था का चरण बढ़ता रहता है, वैसे ही गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता भी बढ़ने लगती है। इसी कड़ी में गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की निगरानी रखने में प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर की मदद ली जा सकती है। यही खास वजह है कि हम यहां प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर इन हिंदी (Pregnancy Calculator in Hindi) के बारे में बात कर रहे हैं। 

बेबीचक्रा के इस लेख में आप गर्भावस्था के कैलकुलेटर क्या है, गर्भावस्था कैलकुलेटर का उपयोग क्या है या इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इसी से जुड़ी जानकारी पढ़ेंगे।

प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर: प्रेग्नेंसी की गणना करने में गर्भावस्था के कैलकुलेटर कैसे मददगार हैं?

प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर (Pregnancy Calculator in Hindi) गर्भवती महिलाओं को उनकी प्रेग्नेंसी की गणना करने में मदद करते हैं। गर्भावस्था के कैलकुलेटर न सिर्फ गर्भवती होने की तारीख बताते हैं, बल्कि प्रसव का समय भी बता सकते हैं। गर्भावस्था के कैलकुलेटर की मदद से हफ्ते-दर-हफ्ते बढ़ रही प्रेग्नेंसी की निगरानी की जा सकती है और उसी के अनुसार गर्भवती महिला अपने स्वास्थ्य की उचित देखभाल भी कर सकती है। 

प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर से डिलीवरी डेट की गणना कैसे करें? 

गर्भावस्था के कैलकुलेटर (Pregnancy Calculator in Hindi) डिलीवरी डेट की गणना करने में मददगार हो सकते हैं। हालांकि, यह तरीका तभी कारगर साबित हो सकता है जब डिलीवरी डेट की गणना करने का सही तरीका आता हो। सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर की मदद से डिलीवरी डेट की गणना करने के लिए दो तरीकों को अपनाया जा सकता है, जो हैंः

प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर
प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

1. नैजेल का नियम

नैजेल नियम एक गणना की विधि है, जिसका इस्तेमाल प्रसव की तारीख जानने के लिए किया जा सकता है। इस प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर विधि का पहली बार इस्तेमाल जर्मन के डिलीवरी विशेषज्ञ कार्ल नैजेल द्वारा किया गया था। बाद में उन्ही के नाम पर इस प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर का नाम भी नैजेल नियम रखा गया। इस नियम के अनुसार, महिला का मासिक धर्म 28 दिनों का होता है और गर्भावस्था का चरण 280 दिनों का होता है। 

नैजेल नियम में गर्भवती महिला के अंतिम मासिक धर्म के पहले दिन में सात दिन और अगले नौ महीनों को जोड़ा जाता है और फिर इससे मिलने वाले अंक से 3 महीने घटा दिए जाते हैं। आए हुआ तारीख में एक साल का समय और जोड़ दिया जाता है। इसके बाद उसी समय को प्रसव की तारीख मान ली जाती है।

2. प्रेग्नेंसी व्हील

प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर का एक अन्य तरीका प्रेग्नेंसी व्हील भी है। अधिकतर स्वास्थ्य विशेषज्ञ डिलीवरी डेट कैलकुलेटर के तौर पर इसी विधि का प्रयोग करते हैं। इस तरह के डिलीवरी डेट कैलकुलेटर की गणना को अधिक सटीक भी माना गया है। प्रेग्नेंसी व्हील एक कैलेंडर होता हैं जो आखिरी मासिक धर्म की तिथि के अनुसार, डिलीवरी डेट की गणना करता है।

ध्यान रखें यहां बताए गए दोनों ही तरह के डिलीवरी डेट कैलकुलेटर प्रसव के तारीख का अनुमान लगाते हैं, उसे पूरी तरह से सटीक नहीं माना जा सकता है। यानि प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर के जरिए ज्ञात किए गए अनुमान के पहले या बाद में भी शिशु का जन्म हो सकता है।

अगर अंतिम मासिक धर्म की सही तारीख नहीं पता है, तो क्या करें?

प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर
प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

अगर किसी महिला को उसके अंतिम मासिक धर्म की सही तारीख ज्ञात नहीं है और वह गर्भवती है, तो इसके प्रति चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर सामान्यतौर पर मासिक धर्म आने वाले सप्ताह के आधार पर प्रसव की तारीख की गणना कर सकते हैं। इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड व ईडीडी कैलकुलेटर के जरिए भी डिलीवरी की सही डेट का अनुमान लगाया जा सकता है। 

इसके अलावा, कई तरह से ऐप भी गर्भावस्था के कैलकुलेटर की तरह काम करते हैं, जो मासिक धर्म की तारीख, सप्ताह के आधार पर ओव्यूलेशन चरण व प्रसव की तारीख का अनुमान लगा सकते हैं।  

डॉक्टर डिलीवरी की ड्यू डेट क्यों बदलते हैं?

कई मामलों में डॉक्टर डिलीवरी की ड्यू डेट को भी बदल सकते हैं, जो निम्नलिखित परिस्थितियों पर निर्भर कर सकता है, जैसेः

  • गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की स्थिति, जिसे देखते हुए डॉक्टर समय पूर्व व देरी से भी प्रसव कराने का निर्देश दे सकते हैं। खासकर तब जब गर्भवती महिला का वजन सामान्य से कम या ज्यादा हो। 
  • गर्भस्थ शिशु का विकास व स्वास्थ्य, उदाहरण के लिए अगर शिशु सामान्य से अधिक छोटा या बड़ा है, तो उसी आधार पर डिलीवरी डेट को आगे या पीछे किया जा सकता है।

बच्चे के जन्म की नियत तारीख जानना क्यों जरूरी है? 

बच्चे के जन्म की नियत तारीख यानी एस्टीमेटेड डेट जानना इसलिए जरूरी है, ताकि माँ के साथ ही गर्भस्थ बच्चे के विकास और स्वास्थ्य की पूरी जानकारी रखी जा सके। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को कब व कौन से जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए, यह उसकी गर्भावधि पर ही निर्भर करता है। ऐसे में महिला के गर्भधारण और प्रसव की अनुमानित तारीख का पता होना जरूरी माना जा सकता है। 

तो इस लेख में आपने डिलीवरी डेट कैलकुलेटर इन हिंदी के बारे में पढ़ा। उम्मीद है कि यहां बताए गए प्रेग्नेंसी कैलकुलेटर से जुड़ी जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। गर्भावस्था के कैलकुलेटर न सिर्फ माँ के स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं, बल्कि शिशु के वृद्धि के अनुमान में भी आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर डिलीवरी डेट कैलकुलेटर के उपयोग को लेकर चिंतित हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं।

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