गर्भावस्था में ट्रिपल टेस्ट क्या है?

गर्भावस्था में ट्रिपल टेस्ट क्या है?

23 Apr 2019 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला के कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें से एक ट्रिपल मार्कर टेस्ट भी है। क्या है ट्रिपल मार्कर टेस्ट और यह कैसे किया जाता है, जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें। यहां गर्भावस्था में ट्रिपल टेस्ट से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है।

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट क्या है? 

ट्रिपल टेस्ट एक मातृ रक्त जांच है, जो गर्भावस्था के दौरान तीन विशिष्ट पदार्थों की जांच के लिए की जाती है। इसके बारे में आगे जानिए। 

  • एएफपी (Alpha-fetoprotein) – एक प्रकार का प्रोटीन है, जो भ्रूण द्वारा निर्मित होता है।
  • एचसीजी (Human Chorionic Gonadotropin) – एक हार्मोन है जो नाल द्वारा निर्मित होता है।
  • एस्ट्रियोल (Unconjugated Estriol) – एक तरह का एस्ट्रोजेन (महिला सेक्स हार्मोन) जो नाल और भ्रूण दोनों द्वारा निर्मित होता है। 

इस परीक्षण के परिणाम में कुछ जन्म दोषों के जोखिम की पहचान करने में मदद मिलती है। 

ट्रिपल मार्कर टेस्ट क्या है (Triple marker test means in hindi), जानने के बाद लेख में आगे बढ़ते हैं।

गर्भावस्था में ट्रिपल स्क्रीनिंग टेस्ट की आवश्यकता किसे है? (Who Needs Triple Marker Test in Pregnancy in Hindi)

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट भ्रूण में जटिलताओं का पता लगाता है। साथ ही यह भ्रूण को गर्भ में बारीकी से देखकर डॉक्टर को संभावित समस्याओं के बारे अलर्ट करता है। यह टेस्ट सभी गर्भवती महिलाओं को कराना चाहिए। इन परिस्थितियों में यह सबसे ज्यादा आवश्यक होता है – 

  • 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र में गर्भधारण करने पर
  • जन्म दोषों का पारिवारिक इतिहास होने पर
  • मधुमेह वाली महिलाओं और इंसुलिन का उपयोग करने वालों को
  • रेडिएशन के उच्च स्तर के संपर्क में आने पर
  • गर्भावस्था के दौरान वायरल संक्रमण होने पर
  • हानिकारक दवाओं के संपर्क में आने वाली महिलाओं को

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट क्या करता है? ट्रिपल मार्कर परीक्षण के क्या लाभ हैं? (Triple Marker Test Ke Labh)

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट (Triple marker test in pregnancy in Hindi) गर्भस्थ शिशु में जन्म दोष की आशंका की ओर संकेत करता है। यदि ट्रिपल परीक्षण के परिणाम असामान्य हैं, तो बच्चे में जन्म दोष का आशंका अधिक रहती है।

  • ट्रिपल स्क्रीन टेस्ट का प्राथमिक उद्देश्य संभावित आनुवांशिक विकारों की तलाश करना है।
  • गर्भधारण और गर्भावस्था के सही सप्ताह का भी पता करने में मदद कर सकता है।
  • रक्त परीक्षण के परिणाम एएफपी, एचसीजी और एस्ट्राडियोल के उच्च या निम्न स्तर की ओर भी संकेत कर सकते हैं। 
  • ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट गर्भावस्था के साथ संभावित जटिलताओं के बारे में बताता है।
  • एक से अधिक भ्रूण होने की जानकारी देता है।

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट कब करना चाहिए?(When to do Triple Marker Test in Pregnancy in Hindi)

अगर ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट गर्भावस्था के 16वें और 18वें सप्ताह के बीच की जाती है, तो इसके परिणाम सबसे सटीक आते हैं। हालांकि, यह टेस्ट गर्भावस्था के 15वें और 22वें सप्ताह के बीच भी किया जा सकता है।

परीक्षण की तैयारी कैसे करें?(How to Prepare for Triple Marker Test in Pregnancy in Hindi)

महिलाओं को ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं है। इस टेस्ट से पहले कुछ खाने-पीने या कुछ भी न खाने-पीने जैसी कोई जरूरत नहीं होती। 

गर्भावस्था में ट्रिपल टेस्ट क्या है - triple marker test in pregnancy in hindi
ट्रिपल मार्कर परीक्षण के लिए महिला का ब्लड निकाली नर्स / स्रोत – पिक्सेल्स

ट्रिपल मार्कर परीक्षण कैसे किया जाता है? (Triple Marker Test Kaise Hota Hai)

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट प्रक्रिया किसी भी अन्य रक्त परीक्षण के समान है।  यह किसी अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर के कार्यालय या प्रयोगशाला में किया जाता है।

सबसे पहले डॉक्टर, नर्स या लैब टेक्नीशियन त्वचा के उस हिस्से को साफ करते हैं, जहां उन्हें सुई लगानी है। नस आसानी से दिखे, इसलिए वो आपकी बांह पर एक रबर बैंड या अन्य कसने वाला उपकरण लगा सकते हैं। 

इतना करने के बाद नस में सुई डालकर रक्त निकाला जाता है और शीशी पर भर लेते हैं। इंजेक्शन वाली जगह को रुई से साफ करके कुछ देर उसपर रुई को छोड़ दिया जाता है। फिर रक्त को मूल्यांकन के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।

क्या ट्रिपल टेस्ट से जुड़े कोई जोखिम हैं?(Risks of Triple Marker Test in Hindi )

नहीं, ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट से जुड़े कोई जोखिम नहीं हैं। बस जिस जगह से खून निकाला जाता है, उस हिस्से में कुछ देर के लिए दर्द और हल्की सूजन हो सकती है। ये कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है।

ट्रिपल मार्कर परीक्षण के परिणाम क्या हैं?(Triple Marker Test Report Analysis in Hindi)

एएफपी, एचजीसी, एस्ट्रिऑल तीनों टेस्ट या किसी एक का स्तर असामान्य हुआ, तो यह इन बातों की ओर इशारा करता है –  

  • डाउन सिंड्रोम या एडवर्ड्स सिंड्रोम
  • गर्भ में जुड़वां या तीन बच्चे
  • तंत्रिका ट्यूब दोष जैसे कि स्पाइना बिफिडा और एनेस्थली

गर्भावस्था में ट्रिपल टेस्ट कितना सही होता है? 

ऐसा नहीं है कि ट्रिपल मार्कर टेस्ट (Triple marker test in Hindi) के परिणाम अचूक होते हैं। यह टेस्ट केवल आशंका जाहिर करता है और अतिरिक्त परीक्षण का संकेत दे सकता है। डॉक्टर अक्सर कई अन्य कारकों पर विचार करते हैं जो परीक्षण के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे:

  • माँ का वजन
  • महिला की उम्र
  • एक से अधिक गर्भावस्था
  • गर्भवती को मधुमेह है या नहीं
  • राष्ट्रियता व सांस्कृतिकता (Ethnicity)
  • वह अपनी गर्भावस्था के किस स्टेज में है

ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट के नकारात्मक संकेत मिलने पर माता-पिता को तय करना होता है कि आगे क्या करना है। असामान्य परिणाम फिक्र का कारण बनते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि चिंता की कोई की ही बात है। इससे अन्य परीक्षण व मॉनिटरिंग से जटिलताओं की आशंका की पुष्टि की जानी चाहिए।

परीक्षण की लागत क्या है? (Triple Marker Test Cost in Hindi)

ट्रिपल मार्कर टेस्ट प्राइस शहर, क्लिनिक, प्रयोगशाला जैसी बातों पर निर्भर करती है। हां, इसकी अनुमानित लागत 1800 से 3600 के करीब हो सकती है।


ट्रिपल मार्कर टेस्ट क्या है, यह आप समझ ही गए होंगे। यह टेस्ट गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को ट्रैक करने और उसे होने वाले जोखिम को लेकर पहले से ही आगाह कर देता है। इसलिए, डॉक्टर से ट्रिपल मार्कर टेस्ट के परिणाम अच्छे से समझना और आगे संबंधित फैसले लेना जरूरी है।

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