23 Apr 2019 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला के कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें से एक ट्रिपल मार्कर टेस्ट भी है। क्या है ट्रिपल मार्कर टेस्ट और यह कैसे किया जाता है, जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें। यहां गर्भावस्था में ट्रिपल टेस्ट से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है।
ट्रिपल टेस्ट एक मातृ रक्त जांच है, जो गर्भावस्था के दौरान तीन विशिष्ट पदार्थों की जांच के लिए की जाती है। इसके बारे में आगे जानिए।
इस परीक्षण के परिणाम में कुछ जन्म दोषों के जोखिम की पहचान करने में मदद मिलती है।
ट्रिपल मार्कर टेस्ट क्या है (Triple marker test means in hindi), जानने के बाद लेख में आगे बढ़ते हैं।
ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट भ्रूण में जटिलताओं का पता लगाता है। साथ ही यह भ्रूण को गर्भ में बारीकी से देखकर डॉक्टर को संभावित समस्याओं के बारे अलर्ट करता है। यह टेस्ट सभी गर्भवती महिलाओं को कराना चाहिए। इन परिस्थितियों में यह सबसे ज्यादा आवश्यक होता है –
ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट (Triple marker test in pregnancy in Hindi) गर्भस्थ शिशु में जन्म दोष की आशंका की ओर संकेत करता है। यदि ट्रिपल परीक्षण के परिणाम असामान्य हैं, तो बच्चे में जन्म दोष का आशंका अधिक रहती है।
अगर ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट गर्भावस्था के 16वें और 18वें सप्ताह के बीच की जाती है, तो इसके परिणाम सबसे सटीक आते हैं। हालांकि, यह टेस्ट गर्भावस्था के 15वें और 22वें सप्ताह के बीच भी किया जा सकता है।
महिलाओं को ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं है। इस टेस्ट से पहले कुछ खाने-पीने या कुछ भी न खाने-पीने जैसी कोई जरूरत नहीं होती।
ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट प्रक्रिया किसी भी अन्य रक्त परीक्षण के समान है। यह किसी अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर के कार्यालय या प्रयोगशाला में किया जाता है।
सबसे पहले डॉक्टर, नर्स या लैब टेक्नीशियन त्वचा के उस हिस्से को साफ करते हैं, जहां उन्हें सुई लगानी है। नस आसानी से दिखे, इसलिए वो आपकी बांह पर एक रबर बैंड या अन्य कसने वाला उपकरण लगा सकते हैं।
इतना करने के बाद नस में सुई डालकर रक्त निकाला जाता है और शीशी पर भर लेते हैं। इंजेक्शन वाली जगह को रुई से साफ करके कुछ देर उसपर रुई को छोड़ दिया जाता है। फिर रक्त को मूल्यांकन के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
नहीं, ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट से जुड़े कोई जोखिम नहीं हैं। बस जिस जगह से खून निकाला जाता है, उस हिस्से में कुछ देर के लिए दर्द और हल्की सूजन हो सकती है। ये कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है।
एएफपी, एचजीसी, एस्ट्रिऑल तीनों टेस्ट या किसी एक का स्तर असामान्य हुआ, तो यह इन बातों की ओर इशारा करता है –
ऐसा नहीं है कि ट्रिपल मार्कर टेस्ट (Triple marker test in Hindi) के परिणाम अचूक होते हैं। यह टेस्ट केवल आशंका जाहिर करता है और अतिरिक्त परीक्षण का संकेत दे सकता है। डॉक्टर अक्सर कई अन्य कारकों पर विचार करते हैं जो परीक्षण के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे:
ट्रिपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट के नकारात्मक संकेत मिलने पर माता-पिता को तय करना होता है कि आगे क्या करना है। असामान्य परिणाम फिक्र का कारण बनते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि चिंता की कोई की ही बात है। इससे अन्य परीक्षण व मॉनिटरिंग से जटिलताओं की आशंका की पुष्टि की जानी चाहिए।
ट्रिपल मार्कर टेस्ट प्राइस शहर, क्लिनिक, प्रयोगशाला जैसी बातों पर निर्भर करती है। हां, इसकी अनुमानित लागत 1800 से 3600 के करीब हो सकती है।
ट्रिपल मार्कर टेस्ट क्या है, यह आप समझ ही गए होंगे। यह टेस्ट गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को ट्रैक करने और उसे होने वाले जोखिम को लेकर पहले से ही आगाह कर देता है। इसलिए, डॉक्टर से ट्रिपल मार्कर टेस्ट के परिणाम अच्छे से समझना और आगे संबंधित फैसले लेना जरूरी है।
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