शिशु मल(Meconium Ileus)खोले, शिशु की सेहत के राज़

शिशु मल(Meconium Ileus)खोले, शिशु की सेहत के राज़

14 May 2019 | 1 min Read

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जन्म के बाद नवजात शिशु किए गए पहले मल को मेकोनियम स्टूल कहते हैं। शिशु का मल त्याग करना इस बात की निशानी है कि आपका बच्चा स्वस्थ है और वह किसी भी बीमारी और संकट से दूर है। मेकोनियम को देखकर शिशु की सेहत से जुड़ी कई बातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। बेबीचक्रा के इस लेख में जानिए आप अपने शिशु मल से कैसे जानें कि शिशु बिल्कुल स्वस्थ है या नहीं।

मेरे नवजात शिशु का मल कैसा होगा?

नवजात का मेकोनियम आमतौर पर हरे-काले रंग का कोई गंधहीन चिकना, चिपचिपा और टार जैसा पदार्थ होता है। मां के गर्भ में बच्चा एमनियोटिक, म्यूकस, बलगम, लानुगो, पित्त और पानी आदि जो द्रव के साथ निगलता है, यह उससे बना होता है। जन्म लेने के समय तक बच्चे के पेट में मेकोनियम बना रहता है। जन्म के बाद आमतौर पर 24 घंटों  के भीतर बच्चा मल त्याग कर देता है। मेकोनियम के बाद बच्चे का मल पीले या भूरे रंग का सामान्य दिखने वाला मल होता है।

अगर मैं स्तनपान करवा रही हूं, तो शिशु का मल कैसा होगा?

स्तनपान करने वाले शिशुओं में बार-बार मल त्याग होता है। पहले 6 हफ्तों के लिए प्रत्येक दिन कम से कम तीन बार वो पॉटी करते हैं। आपका शिशु हर बार दूध पिलाने के बाद भी मल त्याग सकता है। यदि आपका स्तनपान करने वाला बच्चा दिन में तीन से कम बार मल त्याग कर रहा है, तो हो सकता है कि उसे पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा हो। ऐसे में आप अपने बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं, यदि उनका वजन बढ़ रहा है, तो कम शिशु मल कोई समस्या नहीं है।

स्तनपान के दौरान हो सकता है कि आपके शिशु के मल में पहले कुछ दिनों तक गंध न आए। मेकोनियम पास करने के बाद, कई माता-पिता दावा करते हैं कि उनके स्तनपान करने वाले शिशु के मल से बहुत दुर्गंध नहीं आती है।

क्या फॉर्मूला दूध से शिशु के मल पर असर पड़ता है?

बिल्कुल, शिशु को जो भी पीता है उसका असर उसके मल पर पड़ता है कई माता-पिता रिपोर्ट करते हैं कि फॉर्मूला पूप की गंध कुछ तेज होती है, रंग में गहरा होता है, और यह स्तन के दूध के मल से गाढ़ा हो सकता है। यदि आपका शिशु स्तन के दूध से फार्मूला या इसके फार्मूला से स्तन के दूध पर आता है, तो आपको उनके मल के रंग और बनावट में भी अंतर दिखाई देगा।

फॉर्मूला खिलाए गए शिशुओं में आमतौर पर अधिक ठोस मल होता है और यह अधिक पीला-हरा या रंग में तन हो सकता है।

क्या शिशु के मल में बदलाव होगा अगर वह स्तनपान छोड़कर फॉर्मूला दूध पीए?

हाँ, शिशु के मल में बदलाव देखने को मिलता है अगर वह स्तनपान छोड़कर फार्मूला दूध पीता है। फार्मूला मिल्क लेने वाले शिशु की पॉटी की गंध, बनावट, स्थिरता, मात्रा, रंग और फ्रीक्वेंसी सभी बदल जाती हैं।

ठोस आहार लेने के बाद शिशु का मल कैसा होगा?

जब आपका शिशु छह महीने का होने पर ठोस आहार खाना शुरू करता है तो उसके मल में कुछ बदलाव दिखना सामान्य बात है। केवल दूध वाले आहार को ठोस आहार में बदलने का मतलब है कि उसका पाचन तंत्र नए खाने को पचाने के लिए तैयारी करने लगेगा। शिशु मल का रंग और गंध बदल जाएगा, और वे पहले की तुलना में अधिक बार या कम बार मल त्याग कर सकते हैं।

जब आपका शिशु ठोस आहार लेना शुरू करता है, तो उसका मल गाढ़ा, गहरा पीला और बहुत अधिक बदबूदार हो जाता है। यह हमेशा एक जैसा नहीं दिखेगा और अलग-अलग भोजन करने के बाद शायद अलग हो। कुछ उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि किशमिश, चने या अनार के दाने आपके बच्चे के डाइजेस्टिव सिस्टम से लगभग अपरिवर्तित (साबुत) भी निकल सकते हैं। 

चलिए अब जानते हैं कि शिशु के मल को लेकर चिंता की बात कब हो सकती है।

किस तरह का मल सामान्य नहीं है?

शिशु मल पर ध्यान देते समय अगर आपको नीचे लिखी असामान्यताएँ नजर तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ को जरूर बताएं –  

  • अगर आपके बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है और वो बहुत ज्यादा मल का त्याग करता है तो यह सामान्य नहीं है।
  • अगर आपका शिशु ठीक से खाना नहीं खा रहा है या मल त्याग नहीं कर रहा है,  सख्त मल त्याग कर रहा है तो ये कब्ज या बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
  • यदि आपका शिशु काला, खूनी या हरे रंग का झागदार मल त्याग रहा है तो ये भी किसी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
  • आपके शिशु का मल असामान्य रूप से पानीदार (वाटरी स्टूल) है और बार-बार आता है तो यह दस्त का संकेत हो सकता है। ऐसे में बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह पानी की कमी पैदा कर सकता है।

तो आपने जाना कि बच्चे के जन्म के शुरूआती महीनों में, उनके डायपर की सावधानीपूर्वक जांच करना कितना महत्वपूर्ण होता है। उनके मल की बनावट और रंग की जाँच करना यह पुष्टि करने का एक अच्छा तरीका है कि आपका बच्चा स्वस्थ है और पर्याप्त स्तन दूध प्राप्त कर रहा है या नहीं। आमतौर पर, शिशु मल के रंग या बनावट में थोड़ा सा बदलाव चिंता बात नहीं है। लेकिन अगर पॉटी में खून या अधिक पानी जैसी स्थिति हो तो एक बार डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।

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