5 Jul 2019 | 1 min Read
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जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपको अपने आप को सकारात्मक चीजों से घेरने की सलाह दी जाती है। आध्यात्मिक गुरुओं को सुनना, गर्भावस्था से संबंधित किताबें पढ़ना और आत्म-प्रेरणा आपके आस-पास सकारात्मक ऊर्जा लाने के कुछ तरीके हैं। इतना ही नहीं, आप अच्छे मूड के लिए कॉमिक्स और फनी जोक्स भी पढ़ सकते हैं। एक स्वस्थ माँ का मतलब है एक स्वस्थ बच्चा।
गर्भ के अंदर बच्चे का मनोविज्ञान दूसरी तिमाही में ही आकार लेना शुरू कर देता है और गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में मस्तिष्क की वृद्धि अभूतपूर्व होती है। यह नहीं भूलना चाहिए कि मां की मानसिक स्थिति बच्चे में स्थानांतरित हो जाती है। इसलिए गर्भावस्था में ऐसी किताबें (Book to read during pregnancy in hindi) पढ़ें जो पढ़ते समय या बाद में किसी भी तरह की चिंता या उदासी पैदा करें। आप गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान निम्न किताबें पढ़ सकती हैं। –
हम यहाँ उन किताबों को पढ़ने की सलाह दे रहे हैं जो गर्भावस्था में आपको न सिर्फ तनाव से बचा सकती हैं बल्कि इनसे आपके गर्भस्थ शिशु पर भी सकारात्मक असर पड़ता है जैसे –
आप अपनी अपनी मान्यता व आस्था के अनुसार किताबों का अध्ययन कर सकती हैं। यह किताबें न सिर्फ़ आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने में मदद करेंगी बल्कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों से जूझने में भी मदद करेंगी। पुरानी भारतीय मान्यताओं के अनुसार धर्म ग्रंथों के श्रवण और पाठन से गर्भवती स्त्री के साथ साथ गर्भ में मौजूद भ्रूण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
धर्म और मान्यताओं से हट कर आप योग की पुस्तकों का अध्ययन भी कर सकती हैं। स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखी गई पुस्तक कंप्लीट बुक ऑफ योग कर्म योग, भक्ति योग, राज योग, ज्ञान योग पर प्रकाश डालती है। इनमें भगवत गीता में वर्णित तीन योग शामिल हैं- कर्म योग, भक्ति योग, और ज्ञान योग इसमें महर्षि पतंजलि के योग सूत्रों पर आधारित राज योग का भी वर्णन है।
आप गर्भावस्था के दौरान प्रेगनेंसी से जुड़ी किताबें भी पढ़ सकती हैं। इससे आपके मन में गर्भावस्था से जुड़ी शंकाएं भी दूर हो जाएंगी। इसके अलावा, प्रेगनेंसी के चरणों के बारे में भी उचित जानकारी मिल जाएगी, जिससे आपको अपनी देखभाल करने में आसानी हो सकेगी। खासकर अगर आप पहली बार मां बनने जा रही हों, तो आपके लिए प्रेगनेंसी पर आधारित किताबें (Books on pregnancy) अधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान आप नवजात शिशुओं की देखभाल से संबंधित किताबों को भी पढ़ सकती हैं। इससे आपको अपने होने वाले नन्हे मुन्ने की देखभाल के टिप्स मिल जाएंगे। साथ ही नवजात बच्चों से जुड़ी परेशानियों व उनके समाधानों के बारे में जानकारी भी मिल जाएगी। कुछ पैरेंटिंग बुक्स (Parenting books) आपको ऑनलाइन मिल जाएंगी जो बच्चों की परवरिश के बेहतरीन तरीके बताती हैं
यदि आप लंबे समय से आत्मनिरीक्षण करने और अपने सोचने के तरीके को बदलने की प्लानिंग कर रही हैं, तो अब समय आ गया है। गर्भावस्था का समय भारी उथल पुथल और उतार चढ़ाव का हो सकता है जिसे पार करने के लिए बहुत अधिक शारीरिक और भावनात्मक दृढ़ता की आवश्यकता होती है। प्रेरक पुस्तकें आपको गर्भावस्था के दौरान एक अलग दृष्टिकोण प्राप्त करने में मदद करती हैं और आपको बेहतर महसूस करा सकती हैं।
Pregnancy me konsi book padhna chahiye से ज्यादा यह पता होना महत्वपूर्ण है कि क्या नहीं पढ़ा जाना चाहिए। जिस प्रकार सकारात्मक किताबें आपके आसपास की ऊर्जा को सकारात्मक बनाती हैं और गर्भ में पल रहे शिशु को पोषित करती हैं उसी तरह नकारात्मक किताबें पढ़ने पर आपके आसपास नकारत्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और गर्भ में पल रहे शिशु के पोषण में भी बाधा आती है। किताबों के साथ साथ गर्भावस्था के दौरान हिंसात्मक खबरों, भूतिया कहानियों, कामुक किताबों, हिंसक फ़िल्मों से भी दूरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि इन सबका प्रभाव मानसिक पटल पर गहरा होता है।
उम्मीद है इस लेख ने आपको गर्भावस्था के दौरान पढ़ी जा सकने वाली किताबों का एक संक्षिप्त वर्णन दे दिया होगा। अपने आपको पढ़ाई जैसी गतिविधि में व्यस्त रखने का आपका निर्णय बहुत अच्छा साबित होता है क्योंकि इससे आपके ज्ञान में में बढ़ोत्तरी तो होती ही है बल्कि इससे आपको तनाव से बचे रहने में भी सहायता मिलेगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अधिक से अधिक अपने दोस्तों के साथ साझा करना न भूलें।
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