23 Aug 2019 | 1 min Read
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आपके नवजात शिशु के आने की ख़ुशी और एक्साईटमेंट ऐसा होता है कि इन भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है। भले ही आप बच्चे के जन्म की प्रक्रिया से कितने भी थके हुए हों और आप कितने भी परेशान हों, लेकिन जब आप अपने बच्चे को गोद में लेते हैं तो वो सबसे अनोखा क्षण होता है। आखिरकार, आपने इस पल के लिए नौ महीने इंतजार किया है और इसकी आपने बार-बार कल्पना की होती है। जब आप पहली बार अपने शिशु को गोद में लेते हैं तो आपका नवजात किसी सफेद पदार्थ से ढका होता है, हालांकि, यह कभी भी आपकी कल्पना में नहीं था, इसलिए आपको आश्चर्य हो सकता है कि यह सफ़ेद पदार्थ आखिर क्या है? बेबीचक्रा के इस लेख में जानेंगें कि यह चिपचिपा लेप यानि वर्निक्स केसोसा क्या है और आपको इससे कैसे निपटना है?
चलिए सबसे पहले जानते हैं कि यह पदार्थ कैसे बना होता है ?
असल में वर्निक्स केसोसा आपके बच्चे की त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत है। यह एक सफेद रंग के जैसे पदार्थ के रूप में दिखाई देता है। यह लेप गर्भ में ही बच्चे की त्वचा पर विकसित हो जाता है। इस पदार्थ के अवशेष जन्म के बाद त्वचा पर दिखाई दे सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इस लेप का काम क्या है?
वर्निक्स केसोसा की भूमिका को समझने के लिए, पहले सोचें कि आपकी त्वचा बहुत देर तक पानी में रहने पर कैसी हो जाती है? तैरने या नहाने के बाद, आपकी उंगलियों और त्वचा पर झुर्रियां पड़ने में देर नहीं लगती। तरल पदार्थों (एमिनियोटिक फ़ूड) का असर बच्चों पर समान रूप से पड़ता है। आपका शिशु 40 सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव में रहता है, ऐसे में यह यह लेप है जो एक अजन्मे बच्चे की त्वचा को तरल पदार्थ के नुकसान से बचाता है। इस सुरक्षाकवच के बिना, गर्भ में बच्चे की त्वचा को काफी नुकसान पहुँच सकता है।
डिलीवरी के डेट आते-आते वर्निक्स केसोसा शिशु की त्वचा पर बढ़ जाता है, इसलिए प्री-मैच्योर बेबी की त्वचा पर कम वर्निक्स केसोसा पाया जाता है। जो बच्चे पूरे टाइम पर पैदा होते हैं उनकी त्वचा पर वर्निक्स केसोसा की मात्रा ज्यादा हो सकती है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वर्निक्स केसोसा के लाभ केवल गर्भावस्था तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह सफेद लेप आपके बच्चे को डिलीवरी के दौरान और बाद में भी कई लाभ देता है। जन्म के बाद आपके बच्चे की त्वचा पर लंबे समय तक इसका लगा रहना अच्छा होता है। आइए, जानते हैं इसके लाभ के बारे में –
नवजात शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर होती है, इसलिए वो जल्द बीमार हो सकते हैं। शिशु को जन्म के बाद तुरंत स्तनपान कराना उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है, साथ ही वर्निक्स केसोसा भी शिशु को बीमारी से बचाता है। वर्निक्स केसोसा की कोटिंग में एंटीऑक्सिडेंट, संक्रमण-रोधी और एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं जो शिशु को बीमारियों से बचाते हैं।
वर्निक्स केसोसा न केवल गर्भ में तरल पदार्थ से सुरक्षा देता है बल्कि यह शिशु को बर्थ कैनाल से गुजरने की सुविधा भी देता है। क्योंकि यह पदार्थ चिकना होता है इसलिए शिशु को फिसलकर बाहर आने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर आपके बच्चे के शरीर के तापमान को सामान्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जन्म के तुरंत बाद बच्चे को अपने शरीर के तापमान को संतुलित करने में समय लगता है। जन्म के बाद वर्निक्स केसोसा को यदि लंबे समय तक शिशु के शरीर पर लगा रहने दें उनके शरीर के तापमान प्राकृतिक तरीके से स्थिर रहता है।
वर्निक्स केसोसा जन्म के समय और प्रसव के बाद त्वचा को कोमल और मुलायम रखने में भी उपयोगी होता है। यह पनीर जैसा सफेद पदार्थ शिशुओं के लिए एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है, जो उनकी त्वचा को रूखेपन से बचा सकता है।
एक बार जब आप वर्निक्स केसोसा के सभी लाभ को समझ जाते हैं, तो आप इसके अधिक स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। वर्नेक्स केसोसा के ज्यादा-ज्यादा से लाभ लेने के लिए आपको अपने बच्चे को जन्म के तुरंत बाद नहलाना नहीं चाहिए। बच्चे को स्नान कराने में 2 दिन से लेकर एक सप्ताह तक का समय ले सकते हैं, यह आप पर निर्भर है। अगर आपका शिशु मेकोनियम यानी अपने पहले मल में नहीं सना है तो उसके पहले स्नान में देरी करने में कोई हर्ज नहीं है। गर्भावस्था के दौरान एक अजन्मे बच्चे का मल आंतों में रहता है। लेकिन कभी-कभी, प्रसव के दौरान मल एमनियोटिक द्रव में रिस जाता है। ऐसे में बच्चे को जन्म के तुरंत बाद स्नान कराना जरूरी हो जाता है क्योंकि अगर शिशु ने यह मल निगल लिया तो उसे श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
तो इस लेख में आपने जाना कि वर्निक्स केसोसा बच्चे को स्वस्थ रखने में कैसे मददगार साबित हो सकता है, उम्मीद है आपको जानकारी पसंद आई होगी। वर्निक्स केसोसा के ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने के लिए आप नर्स से बात करें और उससे कहें कि आप जन्म के बाद अपने शिशु को नहलाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में हॉस्पिटल का स्टाफ बच्चे की सामान्य जांच के बाद उसे आपको सौंप देगा। अपने बच्चे के स्वास्थ्य सबंधी निर्णय आपको बेझिझक लेने चाहिए, इसलिए ऐसी बातों को डॉक्टर से जरूर शेयर करें।
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