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डाउन सिंड्रोम को कैसे पहचाने, इसके कारण और ट्रीटमेंट

डाउन सिंड्रोम को कैसे पहचाने, इसके कारण और ट्रीटमेंट

4 Oct 2021 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

अगर बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ है, तो एक माँ का जीवन काफी सामान्य माना जा सकता है। पर सोचिए अगर बच्चे में डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Hindi) है, तो उसकी देखरेख व परवरिश करने में एक माँ को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। डाउन सिंड्रोम एक मानसिक विकार है, जिसका मौजूदा समय में कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है। अगर आपके बच्चे में या आपकी जान-पहचान के किसी बच्चे में डाउन सिंड्रोम के लक्षण हैं, तो उसकी बेहतर परवरिश में मदद करने के लिए यह लेख आपके लिए मददगार हो सकता है। 

डाउन सिंड्रोम किसे कहते हैं? (What is Down Syndrome in Hindi)

डाउन सिंड्रोम
डाउन सिंड्रोम / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Hindi) एक आनुवंशिक विकार है, जो गुणसूत्र (क्रोमोसोम) असामान्यता के कारण होता है। डाउन सिंड्रोम किसी भी बच्चे में जन्म से ही मौजूद होता है। यही वजह है कि डाउन सिंड्रोम को गंभीर व लाइलाज जन्मजात विकार में शामिल किया गया है।

वहीं, गुणसूत्र में असामान्यता की बात करें, तो किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में जोड़ों के साथ 23 गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से 22 गुणसूत्र के जोड़ें महिला और पुरुष में एक तरह के होते हैं। इन 22 जोड़ों के गुणसूत्र को ऑटोसोम कहा जाता है। 

वहीं, गुणसूत्र का 23वां जोड़ा महिला व पुरुष में अलग-अलग होते हैं। इनमें महिलाओं के 23वें गुणसूत्र के दोनों जोड़ों को XX कहा जाता है और पुरुषों के 23वें गुणसूत्र के जोड़े को XY कहा जाता है। इसकी तरह अगर किसी बच्चे की शरीर की कोशिकाओं में इन्हीं गुणसूत्र की संख्या कम या ज्यादा हो जाए, तो उन बच्चों में डाउन सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं। 

बच्चों में डाउन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Down Syndrome in Hindi)

किसी भी बच्चे में डाउन सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Down Syndrome in Hindi) शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक स्तर पर साफ तौर पर देखे जा सकते हैं, जो निम्नलिखित हैंः

बच्चे में शारीरिक तौर पर डाउन सिंड्रोम के लक्षण :

  • कमजोर मांसपेशियां 
  • सामान्य से छोटी गर्दन, छोटे कान और छोटा मुंह
  • चपटी नाक
  • आंखों में भेंगापन 
  • सामान्य से अजीब हाथों की हथेलियां
  • आंखों में सफेद धब्बे या मोतियाबिंद या दोनों
  • सामान्य से छोटा कद
  • बहरापन 
  • सपाट सिर 
  • जन्मजात हृदय दोष
  • असामान्य हाथ पैरों की बनावट 
  • आंखों का उभरा हुआ होना
  • जीभ का उभरा हुआ होना
  • बोलने में परेशानी
  • बच्चों की चाल में असुविधा
  • मोटापा
  • सांस लेने में दिक्कत
  • थायराइड
  • स्किन इंफेक्शवन
  • यूरिन संबधी समस्या 

बच्चे में मानसिक तौर पर डाउन सिंड्रोम के लक्षण :

  • बच्चे का मंद बुद्धि का होना
  • बच्चे में सोचने-समझने का धीमी शक्ति होना
  • बच्चे में बार-बार भूलने की आदत होना
  • बच्चे को सीखने, लिखने, पढ़ने, खेलने व अन्य कामों में परेशानी होना
  • बच्चे का गुस्सैल स्वभाव
  • डरपोक होना

बच्चों में डाउन सिंड्रोम के कारण क्या हैं? (Causes of Down Syndrome in Hindi)

बच्चों में डाउन सिंड्रोम के कारण विभिन्न परिस्थितियों पर निर्भर कर सकते हैं, जैसेः

  • माँ या पिता को डाउन सिंड्रोम होना 
  • परिवार में डाउन सिंड्रोम का इतिहास होना
  • माँ का बहुत कम उम्र या फिर अधिक उम्र में गर्भधारण करना
  • गर्भधारण के दौरान पिता या माता से आसामान्य रूप से भ्रूण को गुणसूत्र मिलना 

डाउन सिंड्रोम के उपचार (Treatment of Down Syndrome in Hindi)

डाउन सिंड्रोम
डाउन सिंड्रोम / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

मौजूदा समय में बच्चों में डाउन सिंड्रोम के उपचार के लिए कोई ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है। हालांकि, विशेष देखभाल के जरिए बच्चों में डाउन सिंड्रोम के उपचार की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, जो बच्चे के सामाजिक, शारीरिक व मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं, उदाहरण के लिएः

  • शरीर से जुड़ी विकृतियों को ठीक करने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लेना।
  • थेरेपी के जरिए बच्चे के गुस्से, डर, लिखने-पढ़ने जैसी बेकाबू आदतों को नियंत्रित कर उनमें सुधार लाना।
  • डाउन सिंड्रोम सपोर्ट ग्रुप के जरिए बच्चे को विभिन्न एक्टिविटी क्लास का हिस्सा बनाना। इसके जरिए बच्चे के सामाजिक व मानसिक स्तर को काफी हद तक बेहतर बनाया जा सकता है।
  • माता-पिता को अपने डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की परवरिश के दौरान धैर्य रखना चाहिए। 
  • बच्चे में बार-बार भूलने या बातों को याद न रख पाने की स्थिति में गुस्से की बजाय धैर्य से बच्चे के सीखने पर जोर देना चाहिए।

इस लेख में आपने बच्चों में डाउन सिंड्रोम मीनिंग (Down Syndrome in Hindi) को विस्तार से जाना है। उम्मीद है इस लेख की जानकारी आप अन्य पेरेंट्स के साथ भी शेयर करेंगे, ताकि वे भी डाउन सिंड्रोम के लक्षण और डाउन सिंड्रोम बेबी ट्रीटमेंट से अवगत हो सकें और बच्चों में डाउन सिंड्रोम के उपचार की प्रक्रिया को सुलभ बना सकें।

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