23 Feb 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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प्रेग्नेंसी के दौरान महिला जो भी खाती है, उससे न सिर्फ उसके शरीर को बल्कि गर्भ में पलने वाले शिशु को भी जरूरी पोषण मिलता है। यही वजह है कि प्रेग्नेंसी में क्या खाएं और क्या न खाएं, यह विचार न सिर्फ लंच और डिनर के लिए जरूरी है, बल्कि प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) के लिए भी अहम होता है। इस लेख में हम गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता बता रहे हैं। साथ ही प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता कैसे सुरक्षित बना सकती हैं, इसके लिए टिप्स भी पढ़ेंगे।
हर किसी के लिए जरूरी है कि वे अपने दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ शुरू करें। ऐसे में प्रेग्नेंसी में खाली पेट क्या खाना चाहिए, इसी के बारे में नीचे बताया गया है।
गर्भावस्था के दौरान बढ़ते शिशु के विकास की वजह से प्रेग्नेंसी में प्रोटीन की आवश्कता बढ़ सकती है। गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में प्रोटीन को शामिल करने से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है। यह हड्डियों व मांसपेशियों के निर्माण और उनकी कमजोरी दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, प्रोटीन की उचित मात्रा त्वचा के निर्माण में भी मददगार मानी जा सकती है।
मां और शिशु के हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम जरूरी माना गया है। इसकी उचित मात्रा बनाए रखने के लिए गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है। बता दें कि प्रेग्नेंसी में कैल्शियम युक्त नाश्ता करने से प्री-एक्लेमप्सिया यानी हाई ब्लडप्रेशर की गंभीर स्थिती, प्रीटर्म बर्थ और शिशु के लो बर्थ वेट होने के जोखिम को भी कम कर सकता है। इसके लिए आहार में दूध व डेयरी युक्त खाद्यों को मुख्य रूप से शामिल किया जा सकता है।
गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता फाइबर युक्त भी होना चाहिए। फाइबर मुख्य तौर पर विभिन्न फलों, सब्जियों और अनाजों में पाया जाता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर रखने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज, अपच व मधुमेह जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचाव करने में गर्भवती महिला को मदद मिल सकती है।
साबूत अनाज को भी प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता बना सकती हैं। खासतौर पर प्रेग्नेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही में। साबुत आनाज में प्रोटीन की मात्रा के साथ ही, फाइबर, विटामिन-बी और मैग्नीशियम जैसे अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं, जो प्रेग्नेंसी में लाभकारी हो सकते हैं। इसके अलावा, इसमें कैलोरी भी होती है, जो मां के शरीर को ऊर्जावान बनाए रख सकती है और गर्भ में शिशु के विकास में भी मदद कर सकती है।
गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में क्या शामिल करना चाहिए, इसका जवाब आयरन भी है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में रक्त की पूर्ति बढ़ जाती है। अगर गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की कमी हो जाए, तो उसे एनीमिया यानी खून की कमी होने का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दिनों में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। आमतौर पर एक गर्भवती महिला को रोजाना लगभग 27 मिलीग्राम तक की मात्रा में आयरन की मात्रा को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में 400 माइक्रोग्राम और दूसरी व तीसरी तिमाही में 600 माइक्रोग्राम फोलेट की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं, अगर कोई महिला कंसीव करने के दो माह पहले से ही फोलेट की मात्रा लेना शुरू कर दे, तो उसमें गर्भपात होने के जोखिम को 30% तक कम किया जा सकता है।
यह गर्भ में शिशु को तंत्रिका ट्यूब दोष (स्पाइना बिफिडा) समेत जन्म संबंधी दोष जैसे – शिशु के कटे होंठ या कटे तालू, समय पूर्व जन्म होना, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना, प्री-एक्लेमप्सिया व एनीमिया जैसे जोखिम को भी कम कर सकता है।
प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) में क्या शामिल करना चाहिए, यह जानने के बाद अब हम उन खाद्यों की जानकारी दे रहे हैं, जिसे गर्भावस्था के ब्रेकफास्ट में शामिल करने से बचना चाहिए, जैसेः
प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता आप कैसे हेल्दी व सुरक्षित बना सकती हैं, इसके लिए नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखें, जैसेः
गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। इसके लिए विभिन्न मौसमी फलों व सब्जियों के सेवन को प्राथमिकता देनी चाहिए। हालांकि, अगर गर्भवती महिला अंडरवेट, ओवरवेट या किसी शारीरिक बीमारी से ग्रस्त है, तो उसे प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता अपने डॉक्टर के बताए अनुसार ही करना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट मां और शिशु दोनों के लिए सबसे जरूरी पोषक आहार माना जा सकता है।
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