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प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट: प्रेग्नेंसी में सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट: प्रेग्नेंसी में सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

23 Feb 2022 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला जो भी खाती है, उससे न सिर्फ उसके शरीर को बल्कि गर्भ में पलने वाले शिशु को भी जरूरी पोषण मिलता है। यही वजह है कि प्रेग्नेंसी में क्या खाएं और क्या न खाएं, यह विचार न सिर्फ लंच और डिनर के लिए जरूरी है, बल्कि प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) के लिए भी अहम होता है। इस लेख में हम गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता बता रहे हैं। साथ ही प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता कैसे सुरक्षित बना सकती हैं, इसके लिए टिप्स भी पढ़ेंगे।

गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता : क्या-क्या करें ब्रेकफास्ट में शामिल?

हर किसी के लिए जरूरी है कि वे अपने दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ शुरू करें। ऐसे में प्रेग्नेंसी में खाली पेट क्या खाना चाहिए, इसी के बारे में नीचे बताया गया है।

1. प्रोटीन ब्रेकफास्ट 

गर्भावस्था के दौरान बढ़ते शिशु के विकास की वजह से प्रेग्नेंसी में प्रोटीन की आवश्कता बढ़ सकती है। गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में प्रोटीन को शामिल करने से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है। यह हड्डियों व मांसपेशियों के निर्माण और उनकी कमजोरी दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, प्रोटीन की उचित मात्रा त्वचा के निर्माण में भी मददगार मानी जा सकती है।

  • अनाज में प्रोटीन के स्रोत- फलियां (बीन्स), मटर, बादाम व अखरोट जैसे नट्स, लो फैट मिल्क, सोया उत्पाद, अंडा, मछली, अंडा आदि।

2. कैल्शियम ब्रेकफास्ट

मां और शिशु के हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम जरूरी माना गया है। इसकी उचित मात्रा बनाए रखने के लिए गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है। बता दें कि प्रेग्नेंसी में कैल्शियम युक्त नाश्ता करने से प्री-एक्लेमप्सिया यानी हाई ब्लडप्रेशर की गंभीर स्थिती, प्रीटर्म बर्थ और शिशु के लो बर्थ वेट होने के जोखिम को भी कम कर सकता है। इसके लिए आहार में दूध व डेयरी युक्त खाद्यों को मुख्य रूप से शामिल किया जा सकता है।

  • कैल्शियम के स्रोत- दूध, दही, पनीर व चीज जैसे अन्य डेयरी उत्पाद।

3. फाइबर ब्रेकफास्ट

गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता फाइबर युक्त भी होना चाहिए। फाइबर मुख्य तौर पर विभिन्न फलों, सब्जियों और अनाजों में पाया जाता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर रखने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज, अपच व मधुमेह जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचाव करने में गर्भवती महिला को मदद मिल सकती है।

  • साबुत अनाज के स्रोत- ओट्स, किनोआ, भूरे चावल, गेंहू, ज्वार, बाजरा आदि।

4. साबुत अनाज 

साबूत अनाज को भी प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता बना सकती हैं। खासतौर पर प्रेग्नेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही में। साबुत आनाज में प्रोटीन की मात्रा के साथ ही, फाइबर, विटामिन-बी और मैग्नीशियम जैसे अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं, जो प्रेग्नेंसी में लाभकारी हो सकते हैं। इसके अलावा, इसमें कैलोरी भी होती है, जो मां के शरीर को ऊर्जावान बनाए रख सकती है और गर्भ में शिशु के विकास में भी मदद कर सकती है।

  • साबुत आनाज के स्रोत- गेंहू, बाजरा, जौ, मक्का आदि।

5. आयरन 

गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में क्या शामिल करना चाहिए, इसका जवाब आयरन भी है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में रक्त की पूर्ति बढ़ जाती है। अगर गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की कमी हो जाए, तो उसे एनीमिया यानी खून की कमी होने का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दिनों में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। आमतौर पर एक गर्भवती महिला को रोजाना लगभग 27 मिलीग्राम तक की मात्रा में आयरन की मात्रा को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

  • साबुत अनाज के स्रोत- होल ग्रेन्स, पालक, मांस, मछली, सोयाबीन, टोफू, नट्स, बीज, लिवर, किनोआ, हरी सब्जियां आदि।

6. फोलेट 

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में 400 माइक्रोग्राम और दूसरी व तीसरी तिमाही में 600 माइक्रोग्राम फोलेट की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं, अगर कोई महिला कंसीव करने के दो माह पहले से ही फोलेट की मात्रा लेना शुरू कर दे, तो उसमें गर्भपात होने के जोखिम को 30% तक कम किया जा सकता है। 

यह गर्भ में शिशु को तंत्रिका ट्यूब दोष (स्पाइना बिफिडा) समेत जन्म संबंधी दोष जैसे – शिशु के कटे होंठ या कटे तालू, समय पूर्व जन्म होना, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना, प्री-एक्लेमप्सिया व एनीमिया जैसे जोखिम को भी कम कर सकता है। 

  • फोलेट के स्रोत- पालक, शतावरी, गोभी, दाल, ब्रोकोली, एवोकाडो आदि।

गर्भावस्था के दौरान ब्रेकफास्ट में क्या नहीं खाना चाहिए?

प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) में क्या शामिल करना चाहिए, यह जानने के बाद अब हम उन खाद्यों की जानकारी दे रहे हैं, जिसे गर्भावस्था के ब्रेकफास्ट में शामिल करने से बचना चाहिए, जैसेः

  • कच्चा अंडा – कच्चे अंडों में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया होते है, जो फूड पॉयजनिंग का कारण बन सकते हैं। इसलिए, गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में हमेशा उबला या पका हुआ अंडा ही शामिल करना चाहिए।
  • स्प्राउट – स्प्राउट यानी अंकुरित अनाज में भी ई.कोलाई व साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया होते हैं। इसलिए गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में स्प्राउट नहीं खाना चाहिए। 
  • अनपाश्चराइज्ड डेयरी उत्पाद – अनपाश्चराइज्ड डेयरी यानी दुग्ध उत्पाद जैसे – चीज, दूध, पनीर आदि में लिस्टेरिया पाया जाता है, जो फूड पॉइजनिंग के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह गर्भपात का भी कारण बन सकता है।
  • कच्चा, स्मोक्ड व बहुत ज्यादा पका हुआ मांस – गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता पकाते समय ध्यान रखें कि उनमें कच्चा मांस न शामिल हो। दरअसल, कच्चा या मांस भी फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। इसके अलावा, बहुत ज्यादा पका हुआ या स्मोक्ड मांस भी गर्भावस्था में नहीं खाना चाहिए।
  • कैफीन – प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता कैफीन फ्री भी होना चाहिए। कैफीन की अधिक मात्रा होने से यह शिशु के शरीर में रक्त व ऑक्सीजन आपूर्ती की समस्या को बढ़ा सकता है। इसकी वजह से भ्रूण के दिल की धड़कन अनियंत्रित हो सकती है और गर्भपात भी हो सकता है। 

गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता हेल्दी बनाने के टिप्स

प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता आप कैसे हेल्दी व सुरक्षित बना सकती हैं, इसके लिए नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखें, जैसेः

  • गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में हमेशा फ्रेश आहार ही शामिल करें। 
  • प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) अच्छे से पका हुआ होना चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) में शामिल करने वाले किसी भी सब्जी व फल को अच्छे से धोकर ही काटें व पकाएं।
  • गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट बनाने से पहले अपने हाथों को जरूर साफ करें।
  • प्रेग्नेंसी में खाली पेट क्या खाना है, इसका ध्यान रखते हुए खाने की मात्रा का भी ध्यान रखें। एक बार में भरपेट खाना न खाएं। इसके बजाय थोड़ा-थोड़ा करके दिनभर में कई बार खाना खाएं।
  • गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट में पेय जूस भी शामिल करें। इससे गर्भवती महिला का शरीर हाइड्रेड बना रह सकता है।

गर्भावस्था में सुबह का नाश्ता पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। इसके लिए विभिन्न मौसमी फलों व सब्जियों के सेवन को प्राथमिकता देनी चाहिए। हालांकि, अगर गर्भवती महिला अंडरवेट, ओवरवेट या किसी शारीरिक बीमारी से ग्रस्त है, तो उसे प्रेग्नेंसी में सुबह का नाश्ता अपने डॉक्टर के बताए अनुसार ही करना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के लिए ब्रेकफास्ट मां और शिशु दोनों के लिए सबसे जरूरी पोषक आहार माना जा सकता है।

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