23 Jun 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
माँ होना और माँ की जिम्मेदारियों को निभाना कोई आसान काम नहीं है। एक माँ अपने घर-परिवार-ऑफिस इन सबके बीच संतुलन बनाते हुए जीवन की गाड़ी को अच्छे-से चला लेती है। क्योंकि, गर्भावस्था हर महिला को मैनेजमेंट और प्रोब्लम सोल्विंग गुण सीखा देती है। वो भी इतनी बखूबी कि उनके सामने बड़े-बड़े मैनेजमेंट कोर्स भी फेल लगते हैं।
यही कारण है कि हर माँ की प्रेगनेंसी और पैरेंटिंग जर्नी से हम महिलाओं को कुछ-न-कुछ सीखने को जरूर मिलता है। इसलिए, आज हम मॉम ब्लॉगर आयुषी का इंटरव्यू लेकर आए हैं।
आयुषी महेंद्र ने अपनी लाइफ और प्रेगनेंसी व पैरेंटिंग के सफर को लेकर बहुत-सी प्रेरणादायक बातें साझा की हैं। इनकी लाइफ से हर माँ को कुछ-न-कुछ सीखने को मिलेगा।
मैं आयुषी हूं और अब पेशे से एक मॉम ब्लॉगर। मेरा तीन साल का एक बेटा है। मैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपने मातृत्व के अनुभव साझा करती हूँ । मेरा इंस्टाग्राम हैंडल @the_momtivity मुझे काफी हद तक परिभाषित करता है। मेरा ब्लॉग मॉम्स पर केंद्रित है। हां, मैं बच्चों के बारे में भी बात करती हूं, क्योंकि मुझे सभी मांओं को प्रेरित करना पसंद है। दरअसल, एक खुशहाल परिवार के लिए माँ का विवेक सबसे महत्वपूर्ण होता है।
मॉम ब्लॉगिंग के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था। अपने बेटे के जन्म के बाद मैंने हमेशा सोचा था कि मैं काम पर वापस जाऊंगी। हालांकि, हर बार जब मैंने नौकरी के लिए आवेदन किया, तो मैं इस एक सवाल के कारण आगे नहीं बढ़ पाई कि क्या मैं अपने बच्चे को अकेला छोड़ पाऊंगी?
इस बीच, मैंने अपने बच्चे की तस्वीरें क्लिक कीं और अपने मातृत्व के अनुभवों को मनोरंजन के लिए इंस्टाग्राम पेज में साझा करना शुरू दिया। वो मेरे दोस्तों में से एक था, जिसने मुझे मॉम ब्लॉगिंग करने के लिए कहा। उसे मेरे द्वारा ली गई तस्वीरें अद्भुत लगती थीं।
तभी बहुत से लोगों ने मुझे अपनी पोस्ट में टैग करके अपने सफर को साझा करने के लिए कहा। तब मैंने ‘Tonsuring and Breastfeed’ पर एक लेख लिखा। फिर मैंने इंस्टाग्राम पर अपना ब्लॉगर पेज शुरू किया।
जब आप माँ बनती हैं, तो आप खुद को धीरे-धीरे खो देती हैं। मैंने अपनी माँ को इस दौर से गुजरते देखा है। जब हम बड़े हुए और अपने जीवन में व्यस्त थे, तो उन्हें नहीं पता था कि उस समय का क्या करना है और वह डिप्रेशन में चली गईं। इससे गुजरने वाली वह अकेली नहीं थीं। मैंने अपने दोस्त की माँ को भी संघर्ष करते देखा। मैं नहीं चाहती कि कोई महिला इससे गुजरे। मैंने सीखा कि एक माँ के लिए अपने व्यक्तित्व और खुशी पर ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण है।
अब मेरा करियर ब्लॉगिंग है और मैं इसे अपना 200 प्रतिशत देना चाहती हूं। बहुत बार मुझे अपनी माँ से कहना पड़ता है कि अभी “इंस्टाग्राम का समय है”। उन्हें कभी-कभी समझने में मुश्किल होती है, लेकिन यह भी ठीक ही है। जब वो मेरी ग्रोथ देखेंगी तो मुझे पता है कि उन्हें अच्छा लगेगा।
दूसरी चुनौती प्रतिस्पर्धा (competition) है। रोज कुछ हटकर कंटेंट बनाने का आइडिया सोचना होता है। एक भी दिन मैं पोस्ट किए बिना नहीं छोड़ सकती हूं। क्योंकि अगर आप एक दिन भी चूक गए अगले दिन आपका ही जैसा आइडिया कोई दूसरा कर चुका होगा। फिर कन्टेंट को कॉपी करने से दर्शक को खोना का डर रहता है। आज हम जो भी करें, उसमें उसमें क्रिएटिव और यूनिक होना बहुत जरूरी है।
जब से मैंने एक मॉम इन्फ्लुएंसर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की है, मेरे पति मेरे लिए सुपर सपोर्टिव रहे हैं। शुरू-शुरू में मैं इस बात को लेकर बहुत परेशान थी कि मैं कभी ऐसा कुछ कैसे कर पाऊंगी और क्या यह फलदायी होगा। तभी उन्होंने मुझे इसके लिए प्रोत्साहित किया और मुझे ताकत दी।
कई बार मैं काम में बहुत व्यस्त हो जाती हूं और अपने बेटे की देखभाल नहीं कर पाती। लेकिन फिर वह सारे काम संभाल लेते हैं और बच्चे को व्यस्त रखते हैं। इससे मेरा दिमाग फ्री हो जाता है। मेरी मॉम ब्लॉगर जर्नी में मेरे पति ही मेरा सपोर्ट रहे हैं।
मैं चाहती हूं कि जीवन में चुनौतियां लेना, उन्हें संभालना और चुनौतियों से निपटना मेरा बच्चा सीख ले। ये जीवन के हर कदम में काम आता है और इंसान को आगे बढ़ाता है।
हर काम के लिए टाइमिंग Key है। बच्चे को वीडियो के लिए शूट करने के लिए मनाना तैयार करना, सबकुछ टाइमिंग पर निर्भर करता है। आप कोई फैसला किस समय लेती हैं, वो आपके परिणाम को काफी प्रभावित करता है। इसके साथ ही समय की इज्जत करना समय के साथ चलना, ये सब जरूरी है। कुल मिलाकर मेरी जिंदगी की कुंजी टाइमिंग ही है।
नहीं कहना बंद करें। यदि आप हमेशा कहती हैं, ‘नो, ‘नहीं, नहीं, नो’, तो वो बच्चा आपके ‘नो’ को अनसुना कर देगा और आपकी प्राथमिकताओं को नहीं समझेगा। आप परिभाषित करें कि क्या महत्वपूर्ण है। फिर उसी अनुसार बच्चे के लिए सीमाएं निर्धारित करें।
पहली बार माँ बनना जीवन के सबसे सुखद, लेकिन सबसे डरावने समय में से एक हो सकता है। आप अपने खुशी के नए बंडल का स्वागत करने के लिए उत्साहित भी होंगी और घबराई हुई भी, क्योंकि वास्तव में आप नहीं जानती हैं कि आगे क्या करना है। ऐसे सारे ख्याल नॉर्मल हैं।
आपको बस अपने बच्चे को समझने की जरूरत है, एक चेकलिस्ट तैयार करें, सही स्तनपान कराएं, शिशु को अच्छे से संभालें, नाखूनों को नियमित रूप से ट्रिम करें।
अपने बच्चे के साथ बॉन्ड बनाएं, अपने रोते हुए बच्चे को शांत करें, बच्चे के लिए प्रोडक्ट्स बुद्धिमानी से चुनें, उसके लिए आरामदायक कपड़े खरीदें, मदद लें और सबसे जरूरी अपना ‘मी टाइम’ भी लें। बस न्यू पैरेंट्स को इतना ही ध्यान से करना है।
चित्र स्रोत: Ayushi Mahendra
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