20 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
हर बार हम आपके लिए एक नई स्पेशल मॉम की स्टोरी लेकर आते हैं। इसी कड़ी में आज आप इंस्टाग्राम इंफ्लूएंसर मॉम सिल्की बांका मोदी और उनकी प्रेग्नेंसी के सफर को पढ़ेंगे। जिस तरह सिल्की बांका मोदी का नाम काफी दिलचस्प है, इसी तरह इनके मदरहुड का सफर भी आपको काफी दिलचस्प लगेगा। खास बात तो यह है कि आईटी जैसे हाई-प्रोफाइल फील्ड में करियर की जगह इन्होंने मदरहुड को एन्जॉय करने का फैसला किया।
यहां आप सिल्की बांका मोदी के सफर के साथ ही, उनकी प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट भी पढ़ सकती हैं।
वैसे तो मेरा नाम सिल्की बांका है, लेकिन शादी के बाद से मेरे सरनेम में मोदी भी जुड़ गया है, तो अब मेरा नाम सिल्की बांका मोदी हो गया है। मैंने कानपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है, लेकिन फिलहाल मैं बतौर मम्मी के पोस्ट पर फुल टाइम वर्किंग हूं।
अगर जॉब की बात करूं, तो मैंने कुछ सालों तक अंबेडकर नगर के सेंट पीटर्स इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाया है। फिर मुझे और मेरे परिवार को शादी का रिश्ता आया और फिर शादी के बाद मैं अपनी गृहस्थी में पूरी तरह से बिजी हो गई हूं।
बात करूं बेबी प्लानिंग की, तो शादी के डेढ़ साल बाद हमने बेबी प्लानिंग की, लेकिन मुझे अभी ऐसा लगता है कि शादी के तुरंत बाद बच्चे की योजना नहीं बनानी चाहिए। 1 से 3 साल तक का इंतजार किया जा सकता है और तब तक साथी के साथ रहने और उसे समझने के पलों का आनंद लिया जा सकता है।
मेरी गर्भावस्था की यात्रा बहुत कठिन नहीं थी, लेकिन गर्भावस्था के बाद वास्तव में कुछ पहली बार हुआ। मैं पहली बार माँ बनने के सफर में बहुत उत्साहित थी। मैं मेरे इंस्टाग्राम पेज (mommy_n_buddy) पर रील बनाती थी और उसे शेयर करती थी।
मेरा प्रसव सी-सेक्शन से हुआ है। मैंने अपने सी-सेक्शन से ठीक एक दिन पहले रील भी बनाई थी, जो वायरल हो गई थी। मैं अपनी गर्भावस्था से जुड़े सभी छोटे से बड़े पलों का आनंद लेना चाहती हूँ, इसलिए उससे जुड़े अनुभव को शेयर करती हूँ और इस तरह उन्हें में सुरक्षित भी रख लेती हूँ।
हां, लेकिन गर्भावस्था के दौरान मुझे कुछ खास तरह की गंध से बहुत परेशान भी किया। प्याज, हींग, लहसुन व धनिया पत्ते जैसे चीजों की गंध बर्दाश्त नहीं कर पाती थी। मुझे प्याज बहुत पसंद है, लेकिन पूरी प्रेग्नेंसी मैंने प्याज नहीं खाया। इसकी गंध मुझे परेशान कर देती थी। यहां तक की प्रसव के बाद भी मुझे प्याज के गंध से उल्टी की समस्या हो जाती थी।
माँ को परिभाषित नहीं किया जा सकता है। माँ बनने के बाद खुद से ही इसकी परिभाषा को समझा जा सकता है।
वैसे मैंने कभी यह चाहा तो नहीं की बेटी की देखभाल या परवरिश में वे मेरी मदद करें, लेकिन मेरे पति गर्भावस्था के दौरान से लेकर और आज तक हमारी देखभाल करते हैं। हम दोनों ही अपनी-अपनी जगह पर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं।
मैं बस इतना चाहती हूँ कि जब भी दिनभर के काम से थक हार कर घर आएं, तो खुश होकर बच्चे के साथ खेलें और उसके साथ समय बिताएं। इससे हर रिश्ते में प्यार और विश्वास बना रहेगा। बाकी अगर कोई चाहती हैं कि उनके बच्चे के परवरिश में उनके पति उनकी मदद करें, तो अच्छा होगा कि इसपर वे अपने पति की राय भी जान लें।
अगर पति बच्चे की पॉटी साफ करने व देखरेख करने में सहज महसूस करते हैं और सक्षम हैं, तो ही उनसे इस काम में मदद लेना एक अच्छा विचार हो सकता है।
मुझे लगता है कि हर माँ को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह जीवन का हिस्सा और उपहार दोनों ही है। बस चुनौतियों में इतना ही है कि मैं मेरी पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हूं। मैं रात में सोती हूं या नहीं, इसे दरकिनार करके मुझे सुबह उठना पड़ता है और समय पर नाश्ता बनाना ही पड़ता है।
मुझे पूरे दिन में भी झपकी लेने तक का समय नहीं मिल पाता है और अब यही मेरा शेड्यूल भी बन गया है। अब मैं इस बात को लेकर दुखी या परेशान तो नहीं हो सकती हूँ, इसलिए मैंने इसे अपनी आदत बना ली है।
मैं सोने के घंटों को नहीं गिनती हूं। मुझे पता है कि पर्याप्त नींद न लेने से शरीर को नुकसान हो सकता है, लेकिन कभी-कभी परिवार व स्थिति के अनुसार भी हमें खुद को ढालना होता है। हर समय एक जैसा नहीं होता है, इसलिए जो जैसा चल रहा है उसका आनंद लेना चाहिए।
मदरहुड के खुशहाल और सहज सफर के लिए धैर्य का होना बहुत जरूरी है। जितना धैर्य बनाए रखेंगी, जिंदगी उतनी ही खुशहाल और आसान होती जाएगी। तो मैं बस यही सुझाव दूंगी कि अपने तरीके से हर किसी को मदरहुड का आनंद लेना चाहिए। परेशानियों के बारे में शिकायत करने के बजाय इन्हें बस एक उलझन समझकर खुद से दूर कर देना चाहिए।
सोशल मीडिया एक ऐसी चीज है जिससे मैं प्यार करती हूँ, इसलिए मैं किसी भी तरह इसके लिए कुछ समय निकाल ही लेती हूँ। लेकिन हां, जैसा कि मैं एक ज्वाइंट फैमिली (संयुक्त परिवार) से हूँ और हमेशा घर-परिवार में बिजी रहती हूँ, तो ऐसे में बहुत सी ऐसी भी चीजें हैं, जिन्हें मैं अपने बच्चे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना चाहती हूँ। पर समय की कमी की वजह से हर बार ऐसा नहीं हो पाता है।
हां, मुझे लगता है कि एक इंस्टा इन्फ्लुएंसर होने से मेरा बच्चा अधिक एक्टिव और होशियार हो सकता है, क्योंकि हम हर बार अलग-अलग तरह की एक्टीविटीज करते हैं।
नई माँ बनने के बाद मेरे कुछ शौक प्रभावित हुए हैं। माँ के सफर में और इसकी जिम्मेदारियों में अपने खुद के शौक पूरा करना लगभग सबसे मुश्किल काम माने जा सकते हैं। लेकिन धीरे-धीरे समय के हिसाब से अपने शौक का भी आनंद लिया जा सकता है।
हां, मैंने प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट फॉलो की थी, जो कुछ इस तरह थीः
उम्मीद है हमारी न्यू मॉम सिल्की बांका मोदी का सफर आपको पसंद आया होगा। अगर आपको भी अपने करियर और माँ बनने के सफर से जुड़ी किसी तरह की उलझन है, तो आप हमारी खास और स्पेशल मॉम्स के विचारों से अपनी उलझनों को दूर कर सकती हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि हर किसी का अनुभव व विचार एक-दूसरे से अलग होता है। उनकी जरूरतें और प्राथमिकताएं भी अलग होती हैं। इसलिए, किसी भी तरह के फैसले में अपने परिवार व साथी की राय समझनी भी जरूरी हो सकती है।
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