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अगर बनना है बच्चों के बेस्ट मम्मी-पापा, तो इन 13 टिप्स को करें फॉलो

अगर बनना है बच्चों के बेस्ट मम्मी-पापा, तो इन 13 टिप्स को करें फॉलो

9 Mar 2022 | 1 min Read

Mona Narang

Author | 163 Articles

माता-पिता बनना तो आसान है, लेकिन बेहतर माता-पिता बनना इतना आसान नहीं हैं, जितना लोग समझते हैं। बेस्ट मम्मी-पापा कैसे बना जा सकता है, बच्चों संग कैसे बर्ताव करना है, बच्चों के प्रति माता पिता के कर्तव्य, उन्हें कैसे और क्या-क्या समझाना है, यह सब सीखना पैरेंट्स के लिए किसी कोर्स से कम नहीं है। लेकिन, इसे लेकर आपको दिमाग पर ज्यादा जोर डालने की जरूरत नहीं है। 

अगर आप भी अपने बच्चों के बेस्ट मम्मी-पापा बनना चाहते हैं, तो इसके लिए इस आर्टिकल में दी जा रहीं पेरेंटिंग टिप्स जो आपके बहुत काम की हो सकती हैं। लेख में दिए गए पेरेंटिंग टिप्स को जानने के बाद आपके और आपके बच्चों के बीच संबंध तो बढ़िया होंगे ही, साथ ही बच्चे भी भविष्य में आत्म-निर्भर, आत्म-विश्वास और सम्मान जैसी खूबियों से भरे होंगे। यह टिप्स इतने भी सख्त नहीं है कि आप इन्हें फॉलो नहीं कर पढ़ेंगे। बच्चों के भविष्य के लिए अभिभावको को इतना तो सोचना ही पड़ेगा। चलिए  फिर गौर करते हैं अच्छे माता बनने के इन 19 टिप्स पर।

पेरेंटिंग टिप्स: 13 टिप्स जो आपको बनाएंगे सबसे बेहतर माता-पिता

नीचे हम अच्छे माता-पिता बनने के लिए कुछ सुझाव दे रहे हैं। इनकी मदद से बच्चों को सकारात्मक परवरिश में मदद होगी। साथ ही आप इन पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी के जरिए आप उन्हें सही और गलत की पहचान करना सिखा सकते हैं। चलिए लेख में आगे पेरेंटिंग के लिए टिप्स पर चर्चा करेंगे:

1. बच्चों को पर्याप्त समय दें

पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी
बेटी को पढ़ाते हुए पिता/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

पेरेंटिंग टिप्स में सबसे पहले बच्चों के लिए समय निकालने को लेकर चर्चा करेंगे। आज के समय में ज्यादातर घरों में माता और पिता दोनों वर्किंग होते हैं, लेकिन दफ्तर के साथ आप दोनों को बच्चे के लिए पर्याप्त समय निकालना होगा। रोजाना दफ्तर से आकर बच्चे से दिनभर क्या-क्या किया, इसकी चर्चा करें। साथ में डिनर करें। वीकेंड के लिए किसी से मिलने या दूसरे कामों को न रखें। माता-पिता को यह समझना होगा कि उनका पहला कर्तव्य बच्चे को समय देना है। वीकेंड पर पूरा समय बच्चे के साथ बिताएं। 

2. प्यार दर्शाने में संकोच न करें

बच्चे के साथ प्यार से पेश आएं। कभी भी उसके प्रति अपने प्यार को जताने से संकोच न करें। अक्सर बच्चे अपने मन की बात मन में ही दबाकर रखते हैं। माता-पिता को उन्हें इस बात का एहसास दिलाना चाहिए कि आप उनकी हर बात को समझेंगे। इसलिए, वे किसी भी बात को छुपाकर न रखें। जब भी बच्चा कभी एकांत में उदास बैठा हो, तो माता-पिता में से कोई एक जाकर उसे समय दें। उसकी परेशानी जानने का प्रयास करें व उसे गले से लगाएं।

3. बच्चे के सामने लड़ाई न करें

बच्चे सबसे करीब अपने माता-पिता के होते हैं। ऐसे में माता-पिता की यह जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चे के सामने ठीक से व्यवहार करें। कभी भी एक दूसरे के प्रति अपशब्दों का इस्तेमाल न करें। आप दोनों का आपसी संबंध कैसा है, इसका पूरा असर बच्चे पर पड़ता है। इसलिए, एक दूसरे के साथ इज्जत से पेश आएं। 

4. खास मौके पर उपहार दें

बच्चे के अच्छे मार्क्स आए हैं या किसी एक्स्ट्राकरीकुलर एक्टिविटीज में बच्चे ने ट्रॉफी जीती है, तो उसके लिए उपहार लेकर जाएं। इससे बच्चा प्रोत्साहित होगा और उस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करेगा। उपहार के तौर पर बच्चों को ऐसी चीज दें, जिससे उनके ज्ञान को बढ़ाने में मदद हो या फिर आप उन्हें कहीं घुमाने के लिए भी ले जा सकते हैं।

5. रोल मॉडल बनें

पेरेंटिंग के लिए टिप्स में यह बिंदु काफी अहम माना जा सकता है। हर माता पिता चाहता है कि उनका बच्चा जीवन में अच्छा करें। इसके चलते वे बच्चों के लिए एक गोल सेट कर देते हैं। ऐसे में बच्चे पर दबाव बन जाता है, जिसे सभी बच्चे नहीं संभाल पाते हैं। माता-पिता अपने बच्चे को जैसा बनाना चाहते हैं, उसके लिए उन्हें खुद वैसा इंसान बनना होगा। बच्चे माता-पिता को देखकर जल्दी सीखते हैं। माता-पिता को खुद कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे अपने बच्चों के लिए वह रोल मॉडल बन सकें। 

6. दूसरे बच्चों से तुलना न करें

माता-पिता को यह समझना होगा कि हर बच्चे में अलग खासियत होती है। उन्हें बच्चे की कभी भी दूसरे बच्चे से तुलना करने से परहेज करना चाहिए। माता-पिता का ऐसा करना बच्चे की भावना को गहराई से ठेस पहुंचा सकते है। इससे बच्चे का मनोबल कमजोर टूट सकता है।

7. बच्चे को सुरक्षित माहौल दें

बेस्ट मम्मी-पापा
बच्चे को दे अपना साथ/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

अपने बच्चे को इस बात का एहसास कराएं कि आप दोनों उसके लिए हमेशा खड़े हैं व हर परेशानी में उसका साथ देंगे। बच्चे के प्रति हमेशा सकारात्मक रवैया रखें। उसके साथ खेलें। उसके साथ दोस्ती का रिश्ता कायम करें। जिन बच्चों का सुरक्षित माहौल में लालन-पोषण होता है, उनमें बेहतर मानसिक, सामाजिक व कौशल विकास होता है।

8. सेहत का रखें खास ख्याल

ज्यादातर देखा जाता है कि बच्चे हो जाने के बाद माता-पिता अपने स्वास्थ्य पर इतना गौर नहीं करते हैं। वजन बढ़ रहा है या कहीं दर्द हो रहा है, इन सभी चीजों को नजरअंदाज करते हैं। ये छोटी-मोटी चीजें आगे चलकर बड़ी परेशानी का कारण बन सकती हैं। साथ ही बच्चा भी आपको देखकर सीखता है। अगर माता-पिता अपनी सेहत को लेकर सीरियस रहेंगे, तो आगे चलकर बच्चे में भी यह गुण देखने को मिलेगा। इससे आप भी स्वस्थ रहेंगे और आपका बच्चा भी।

9. जरूरत पड़ने पर बच्चे से माफी मांगने से कतराएं नहीं

गलतियां सबसे होती हैं। ऐसा नहीं है कि माता-पिता कभी कोई गलती नहीं करते। इसलिए कभी बच्चे को बिना गलती के गुस्सा कर दें, तो शांत होकर प्यार से उनसे माफी मांगे। इससे बच्चे भी यह सीखते हैं कि चाहे कोई छोटा हो या बड़ा, अपनी गलती के लिए हर किसी को माफी मांगनी चाहिए।

10. हर बच्चे को बराबर प्यार दें

अगर आपके एक से ज्यादा बच्चे हैं, तो ऐसे में माता-पिता को इस बात का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है कि वे किसी भी बच्चे में भेदभाव न करें। अपने सभी बच्चों को बराबर प्यार दें। इससे भाई-बहनों के बीच में ईर्ष्या की भावना आ सकती है व किसी एक बच्चे के आत्मसम्मान में कमी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कभी भी किसी एक बच्चे की साइड न लें। सबको बराबर प्यार दें।

11. फोन का इस्तेमाल ज्यादा न करने दें

अक्सर देखा गया है कि बच्चों व्यस्त रखने के लिए माता-पिता उनके हाथ में फोन दे देते हैं। बच्चों का घर से बाहर जाकर खेलना कम हो गया है। अब बच्चे घर पर वीडियो गेम खेलते हैं या फोन पर गेम्स खेलते हैं। इससे बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है, जो चिंता का विषय बना हुआ है।

12. हर जिद पूरी न करें

हर बच्चा माता-पिता के सामने आए दिन नई फरमाइशे लेकर आता है और उसे पूरे करने की जिद करता है। यदि बच्चे की हर जिद पूरी होगी, तो आगे चलकर अपनी हर बात मनवाने के लिए उसका यह स्वभाव बन जाएगा। इसलिए, बच्चे की जरूरी चीजों को पूरा करें। बेफिजूल की फरमाइशों के लिए माता-पिता दोनों को मिलकर उसे समझाना चाहिए कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है।

13. गुस्सा करने से बचें

कई बार देखा जाता है कि माँ-बाप एक दूसरे का गुस्सा या फिर दफ्तर का गुस्सा बच्चे पर निकाल देते हैं। इसका बच्चे पर बुरा असर हो सकता है। अच्छे माता-पिता बनना चाहते हैं, तो इस बात का खास ख्याल रखें कि अपना व्यक्तिगत या दफ्तर का गुस्सा कभी भी बच्चों पर न निकालें

बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जैसे सांचे में आप ढालेंगे वो वही रूप ले लेंगे। इसलिए बच्चों की परवरिश के लिए ऊपर दिए गए पेरेंटिंग टिप्स का विशेष ख्याल रखें। बच्चों की परवरिश कोई आसान काम नहीं, लेकिन जब यह रंग लाती है तो किसी पुरस्कार से कम नहीं होती।

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