7 Apr 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
जन्म के बाद नवजात शिशु का पहला आहार माँ का दूध ही होता है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर उसे स्तनपान करा देना चाहिए, लेकिन कुछ परिस्थितियों में नवजात बच्चों को बोतल से दूध पिलाना भी पड़ जाता है।
देखा जाए, तो बोतल से दूध पिलाना कुछ स्थितियों में सरल व सुरक्षित हो सकता है, लेकिन किसी नवजात को बोतल से फॉर्मूला दूध पिलाना कितना सुरक्षित हो सकता है, यह एक चिंता का विषय बन सकता है। इस लेख में आप छोटे बच्चों को बोतल से दूध पिलाने के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही बोतल से दूध पिलाने के फायदे व बोतल से दूध पिलाने के नुकसान की जानकारी भी पढ़ेंगे।
बच्चों को बोतल से दूध पिलाना कितना सुरक्षित हो सकता है, यह पूरी तरह से बोटलफीडिंग के प्रकार व इसकी अवधि पर निर्भर कर सकता है। दरअसल, माँ के दूध में वे सभी पोषक तत्व होते हैं, तो एक नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
इतना ही नहीं, नवजात शिशुओं में इम्यून सिस्टम उनके बढ़ते विकास के साथ मजबूत होता है, वहीं मां के दूध में प्राकृतिक तौर पर शिशु के शरीर को इम्युनिटी देने वाले पोषक मौजूद होते हैं। इस आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि छोटे बच्चों को बोतल से दूध पिलाना स्तनपान के मुकाबले में कम प्रभावकारी हो सकता है।
जन्म से लेकर 6 माह की उम्र तक स्तनपान के जरिए शिशु को दूध पिलाना आवश्यक माना गया है। इसके बाद शिशु को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में स्तनपान या बॉटलफीडिंग के साथ ठोस खाद्य भी देना शुरू किया जा सकता है। वैसे छोटे बच्चों को बोतल से फॉर्मूला दूध पिलाना कब शुरू करें, इसके लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, शिशु के लिए माँ का स्तनपान ही प्राथमिक होना चाहिए। हां, अगर किसी कारणवश स्तनपान संभव नहीं है, तो ऐसी परिस्थिति में शिशु को बॉटलफीडिंग भी कराया जा सकता है।
बोतल से दूध पिलाने के फायदे निम्नलिखित हैं, जिनमें शामिल हैंः
जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह बच्चों को बोतल से दूध पिलाने के नुकसान भी हो सकते हैं। बोतल से दूध पान के क्या खतरे हैं, इसके बारे में नीचे पढ़ें।
बोतल से फॉर्मूला दूध पिलाना भले ही मिला-जुला परिणाम दे सकता है, लेकिन बोतल से दूध पिलाते समय कुछ जरूरी बातों का भी ध्यान रखना होता है, जैसेः
बच्चों को बोतल से दूध पिलाना एक आसान प्रक्रिया है। हालांकि, इसके लिए बोतल से शिशु को दूध कैसे पिलाएं, इसके बारे में भी पता होना चाहिए। बोतल से दूध पिलाने का गाइड हमें बॉटलफीडिंग का सही तरीका जानने में मदद कर सकता है।
उम्मीद करते हैं कि शिशु को बोतल से दूध पिलाने का गाइड व इससे जुड़ी अन्य जरूरी बातें आपके लिए कारगर साबित होंगी। वैसे तो बच्चे के लिए स्तनपान को ही प्राथमिकता दें, लेकिन अगर किसी कारणवश इसमें परेशानी आ रही है, तो शिशु को बॉटलफीडिंग के जरिए भी दूध पिला सकती हैं।
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