3 Aug 2022 | 1 min Read
Mona Narang
Author | 163 Articles
माँ का दूध बच्चे के लिए सबकुछ है। शुरुआती दिनों में बच्चे का विकास पूरी तरह से इसी पर निर्भर होता है। यही नहीं कई बीमारियों से बचाव के लिए यह सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत को समझते हुए हर माँ अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने पर ध्यान देती है, लेकिन इसके साथ कुछ एहतियात बरतने की जरूरत होती है। इस लेख में कुछ ऐसी टिप्स दे रहे हैं, जिसके जानकारी ब्रेस्टफीड से पहले हर न्यू मॉम को होनी चाहिए।
एक माँ को अपने बच्चे को फीड कराने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है, नीचे इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं:
कई महिलाएं ब्रेस्ट का आकार खराब होने के डर से बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती हैं, लेकिन यह सिर्फ एक मिथ है। डिलीवरी के बाद प्राकृतिक रूप से ब्रेस्ट का साइज बढ़ जाता है। बेबी को ब्रेस्टफीडिंग न कराने से इस बढ़ने गति को रोका नहीं जा सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चे को फीड कराने से ब्रेस्ट में फर्क नहीं आता है। बल्कि गलत पोजीशन में फीड कराने से ब्रेस्ट की स्किन लूज हो सकती है। साथ ही ब्रेस्ट शेप को सही रखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:
बच्चे के शरीर में कीटाणु प्रवेश न करें, इसके लिए बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने से पहले ब्रेस्ट व हाथों को अच्छे से साफ करना न भूलें। इसके लिए केमिकल फ्री हैंडवॉश का इस्तेमाल करना बेहतर होगा।
बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के बाद उनके मुँह के आस-पास व लिप्स के कोने में दूध लगा है, तो बेबी वाइप्स की मदद से इसे साफ करें।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में ड्राई व क्रैक्ड निप्पल की परेशानी आम है। इस वजह से माँ के लिए बच्चे को दूध पिलाना बहुत मुश्किल हो सकता है। ऐसे में न्यू मॉम्स निप्पल्स पर ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल लगा सकती हैं। यह निप्पल्स को मॉइश्चराइज रखने के साथ हील व रिपेयर करने में मदद करता है। ध्यान रखें हमेशा डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा टेस्टेड ऑर्गेनिक नारियल तेल का ही चुनाव करें।
बच्चे को ब्रेस्टफीड के साथ बॉटल मिल्क भी दे रही हैं, तो बता दें कि विशेषज्ञों के अनुसार शुरुआती छह महीने शिशु को सिर्फ माँ का दूध देना अच्छा होता है। हां, छह महीने के बाद शिशु का माँ के दूध से पेट नहीं भर रहा है, तब उन्हें मिक्स फीडिंग कराई जा सकती है।
बहुत सारी महिलाएं बच्चे को लेटकर दूध पिलाने में आराम महसूस करती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो स्तनपान के लिए यह पोजीशन बिल्कुल सही नहीं है। इस तरह बच्चे को फीड कराने से बच्चे की सांस नली में दूध जाने का जोखिम होता है। इससे बच्चे को साइनस, निमोनिया आदि परेशानी हो सकती है। दुर्लभ मामले में बच्चे की जान भी जा सकती है।
कुछ महिलाओं के निप्पल्स के आस-पास बाल होते हैं। न्यू मॉम्स को समय-समय पर इन्हें शेव करते रहना चाहिए। जिससे फीड करते समय बच्चे के मुंह में ये बाल न जाएं। दूसरी बात बच्चे को फीड कराने से पहले हर बार ब्रेस्ट की साफ-सफाई का अच्छे से ख्याल रखें।
बच्चे के फटे लिप्स के कारण उन्हें फीड करने में परेशानी होती है। इसके लिए शिशु के लिप्स पर रोजाना बेबी लिप बाम लगाएं। यह उनके लिप्स को सॉफ्ट रखता है।
तो ये थी कुछ ऐसे टिप्स जिसके बारे में हर न्यू मॉम को ब्रेस्टफीड कराने से पहले जानकारी होनी चाहिए। इस लेख को अपने फ्रेंड सर्कल में न्यू मदर्स व होने वाली न्यू मदर्स के साथ जरूर शेयर करें।
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