• Home  /  
  • Learn  /  
  • देबिना बनर्जी प्रेग्नेंसी सक्सेस स्टोरी : कंसीव करने के लिए क्या-क्या थेरेपी अपनाई
देबिना बनर्जी प्रेग्नेंसी सक्सेस स्टोरी : कंसीव करने के लिए क्या-क्या थेरेपी अपनाई

देबिना बनर्जी प्रेग्नेंसी सक्सेस स्टोरी : कंसीव करने के लिए क्या-क्या थेरेपी अपनाई

12 Apr 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

टेलिविजन स्टार देबिना बनर्जी माँ बन गईं हैं। उन्होंने तीन अप्रैल को बेबी गर्ल का दुनिया में स्वागत किया। यह प्रेग्नेंसी जर्नी उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रही। अपनी बेबी गर्ल को घर ले जाने के बाद एक बार फिर टीवी एक्ट्रेस ने उस कठिन समय को याद किया, जब उन्हें बेबी कंसीव करने में दिक्कत हो रही थी। 

लंबे समय से अदाकारा एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस के साथ गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहीं थीं। देबिना ने इस सफल प्रेग्नेंसी के लिए क्या-क्या थेरेपी करवाई और किन दिक्कतों का सामना किया, आइए जानते हैं। 

कंसीव करने के लिए किन-किन चीजों से गुजरीं देबिना बनर्जी

शादी के 11 साल बाद देबिना बनर्जी माँ बनीं हैं। पहले करियर के चलते उन्हें कुछ समय बाद माँ बनना था। उसके बाद उन्हें कंसीव करने में परेशानी होने लगी। सफल प्रेग्नेंसी के लिए कुछ इस तरह की चीजों से गुजरी हैं देबिना बनर्जी।

ज्योतिष विद्या का लिया सहारा

देबिना ने अपने वीडियो ब्लॉग के जरिए अपनी गर्भावस्था की यात्रा साझा की है। उन्होंने गर्भ धारण करने के लिए क्या-क्या उपायों को अपनाया उसका भी जिक्र उसमें किया है। हद तो तब हो गई थी जब सोसाइटी का प्रेशर बढ़ना लगा। प्रेग्नेंसी में देरी, एंडोमेट्रियोसिस जैसी दिक्कत के चलते देबिना इतनी परेशान हो गई थीं कि वो ज्योतिषियों से मदद तक लेने लगी थीं। उन्होंने रुद्राक्ष धारण किया और कुछ मंत्रों का भी उच्चारण किया, ताकि दिमाग शांत रहे। उन्होंने नवग्रह पूजा तक करवाई।

 “हो जाएगा”

देबिना प्रेग्नेंसी चाहती थीं, इसलिए वो गाइनोकॉलोजिस्ट के पास गईं, लेकिन उन्होंने कहा, “सब ठीक है, हो जाएगा। नॉर्मल गाइनोकॉलोजिस्ट के “हो जाएगा” जवाब से देबिना संतुष्ट नहीं थीं। उन्हें जानना था कि आखिर वो गर्भ धारण क्यों नहीं कर पा रही हैं। उसके बाद उन्होंने मुम्बई के दो बड़े आईवीएफ स्पेशलिस्ट से संपर्क किया।

हुआ खुलासा

गाइनोकॉलोजिस्ट के पास जाकर पूरा एग्जामिनेशन करने के बाद देबिना को पता चला कि वो दो दिक्कतों से गुजर रही हैं। पहली एंडोमेट्रियोसिस की शिकायत और दूसरी एडिनोमायोसिस। एंडोमेट्रियोसिस में यूट्रस के बाहर टिश्यू बनने लगता है। एडिनोमायोसिस के दौरान गर्भाशय की अंदर की परत एंडोमेट्रियम अपनी जगह से गर्भाशय के मांसपेशियों की दीवार के अंदर पहुंचती हैं, तो यह दिक्कत होती है। इन स्थितियों के चलते गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है और इनफर्टिलिटी हो सकती है।

ट्रिटमेंट का दौर

हिस्ट्रोस्कोपी की मदद से देबिना बनर्जी को पता चला था कि उन्हें एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस की शिकायत है। फिर इसका ट्रिटमेंट शुरू हुआ। डॉक्टर पर भरोसा रखते हुए देबिना ने उन्होंने जो भी कहा उसे फॉलो किया। वो आइवीएफ और आईयूआई जैसी सभी ट्रिटमेंट से गुजरीं। देबिना बताती हैं कि डॉक्टर पर भरोसा करना बहुत जरूरी है। 

देबिना बनर्जी
एक्यूपंक्चर लेती देबिना बनर्जी / स्रोत – यूट्यूब

एक्यूपंक्चर

रामायण अभिनेत्री ने खुलासा किया कि उन्होंने एक्यूपंक्चर उपचार भी लिया। कपिंग थेरेपी और निडल थेरेपी से होकर देबिना गुजरी हैं। इनसे उन्हें पता चला कि उन्हें तनाव था, जिसका उन्हें एहसास ही नहीं था। दिमाग को शांत रखने के लिए स्कैल्प पर भी सुईयां चुभोई गई थी। 

देबिना ने बताया कि “मैं अपनी सारी स्कैन संबंधी रिपोर्ट दे देती थी और उसी के अनुसार मुझे प्रक्रिया मिलती थी। ट्रीटमेंट के दौरान मेरा स्ट्रेस कम हुआ, कपिंग से बॉडी के टॉक्सिन खत्म हुए। मैंने वहां कई स्ट्रेस दूर करने वाले तरीके समझे।”

फ्लावर थेरेपी

ढेर सारे उपचार के बीच में उन्होंने फ्लावर थेरेपी भी ली। उन्होंने दिमाग को शांत करने और अच्छा महसूस करने के लिए फ्लॉवर थेरेपी ली थी। देबिना ने बताया कि उन्हें डॉक्टर ने ऐसा करने के लिए कहा था। यह थेरेपी भी माइंड को हील करने के लिए था। इससे उन्हें काफी सकारात्मक एहसास होता है।

देबिना बनर्जी
देबिना बनर्जी / स्रोत – इंस्टाग्राम

माइंड ब्लॉकेज दूर किया

इन सब थेरेपी से मेरी माइंड ब्लॉकेज दूर हुई। उन्होंने कहा कि मुझे पता ही नहीं था कि मेरे माइंड में ब्लॉकेज है, जिससे सारे ट्रीटमेंट का परिणाम अच्छा मिलता है। फ्लावर थेरेपिस्ट ने ही माइंड ब्लॉकेज की बात की और बताया कि किस तरह इससे उभरा जा सकता है। माइंज ब्लॉकेज को दूर करने के लिए

वर्क आउट 

देबिना ने बताया कि वर्क आउट करना भी जरूरी है। इससे बॉडी हेल्दी भी रहती है। देबिना के अनुसार, उन्हें हुई एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस जैसी शिकायत भी काबू में आ जाती हैं। इसी वजह से वर्क आउट करना बेहद जरूरी है।

शांत दिमाग और पॉजीटीव सोच

दिमाग को शांत रखना और सकारात्मक सोच रखना बहुत जरूरी है। देबिना कहती हैं कि इनसे ही सेहत पर सही असर दिखता है। चाहे जो भी ट्रीटमेंट हो रहा हो, आप सकारात्मक रहेंगे, तभी परिणाम भी अच्छे दिखेंगे। सबकुछ दिमाग से ही कंट्रोल होता है। इसलिए इसे कंट्रोल में रखना और शांत रखना जरूरी है। इसलिए योगासन किया जा सकता है।

देबिना बनर्जी
देबिना बनर्जी / स्रोत – इंस्टाग्राम

देबिना का विडियो

यूट्यूब में देबिना ने विडियो में अपने साथ ही उन सभी महिलाओं का जिक्र किया है, जिन्हें एंडोमेट्रियोसिस की दिक्कत है। उन्होंने बताया कि उन्हें दूसरी महिलाओं से भी हिम्मत मिली, क्योंकि उन्होंने पता चला कि मैं सिर्फ अकेली महिला नहीं हूं, जिसे एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस है। बहुत-सी महिलाएं स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दे चुकीं हैं। इससे मुझे ताकत मिली। आगे देबिना का वीडियो देखिए।

देबिना की इस जर्नी से यही समझ आता है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। सकारात्मक सोच के साथ चीजों को करते रहने से अच्छा परिणाम जरूर मिलता है। देबिना सभी महिलाओं को यह संदेश भी देने की कोशिश कर रही हैं कि स्ट्रेस लेने से चीजें और बिगड़ती हैं, इसलिए इससे बचें। साथ ही टॉक्सिक चीजों से दूर रहने की सलाह दी है।

#BabyChakraCelebTalks #CelebNews #CelebParents

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.